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लखनऊ कान्हा उपवन में पांच एकड़ में लगेगा सोलर प्लांट, नगर निगम बेच सकेगा बिजली

बड़े क्षेत्रफल सोलर प्लांट लगाने की एक बड़ी पहल होने जा रही है। सरोजनीनगर के कान्हा उपवन के पांच एकड़ क्षेत्रफल में सोलर प्लांट लगेगा जिससे एक से लेकर तीन मेगावाट बिजली तैयार करने की योजना है। इससे नगर निगम को दो लाभ होगा।

By Vikas MishraEdited By: Published: Tue, 19 Oct 2021 08:34 AM (IST)Updated: Tue, 19 Oct 2021 12:27 PM (IST)
लखनऊ कान्हा उपवन में पांच एकड़ में लगेगा सोलर प्लांट, नगर निगम बेच सकेगा बिजली
कमिश्नर रंजन कुमार ने नेडा अधिकारियों के साथ कान्हा उपवन का दौरा किया।

लखनऊ, [अजय श्रीवास्तव]। बड़े क्षेत्रफल सोलर प्लांट लगाने की एक बड़ी पहल होने जा रही है। सरोजनीनगर के कान्हा उपवन के पांच एकड़ क्षेत्रफल में सोलर प्लांट लगेगा, जिससे एक से लेकर तीन मेगावाट बिजली तैयार करने की योजना है। इससे नगर निगम को दो लाभ होगा। एक तो नगर निगम कान्हा उपवन में उपयोग होने वाली बिजली बिल का भुगतान नहीं करना पड़ेगा, साथ ही सोलर प्लांट से तैयार बची हुई बिजली को बेचा जा सकेगा। करीब 33 एकड़ वाले क्षेत्रफल वाले कान्हा उपवन में स्मार्ट सिटी परियोजना से सोलर प्लांट लगाया जाना है। यहां पर करीब नौ हजार गोवंश को रखा गया है, जो शहर से पकड़ी जाती हैं। 

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सोमवार को कमिश्नर रंजन कुमार ने नेडा अधिकारियों के साथ कान्हा उपवन का दौरा किया। अब दो दिन बाद सोलर प्लांट लगानी की पूरी योजना का प्रस्तुतिकरण होगा। देर शाम कमिश्नर कान्हा उपवन पहुंचे थे, जहां पर नगर निगम के संयुक्त निदेशक (पशु कल्याण) डा. अरविंद राव ने उपवन से जुड़ी जानकारी दी और कमिश्नर ने गांयों को गुड़ खिलाने के साथ वहां काम कर रहे मजदूरों के बच्चों के साथ समय बिताया। नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि 33 एकड़ क्षेत्रफल में बने नौ हजार से अधिक गोवंश को रखा जाता है। अब यहां पांच एकड़ क्षेत्र भाग में स्मार्ट सिटी परियोजना से सोलर प्लांट लगाया जाएगा। इससे एक तो नगर निगम को आने वाला बिजली बिल का भार खत्म होगा तो दूसरी तरफ ग्रिड को बिजली देने से नगर निगम की आय भी होगी। सभी शेड के ऊपर भी सोलर प्लांट लगाया जाएगा। यहां गोवंश को सुरक्षित रखने के लिए 28 शेड बनाए गए हैं। 

गोबर का भी हो रहा है उपयोगः नगर निगम कान्हा उपवन में गोबर का उपयोग कर रहा है। यहां पर लट्ठ तैयार करने लिए मशीन लगाई गई है। लट्ठ का उपयोग चिता जलाने के काम आ रहा है। इसी तरह यहां दीपावली में दीया के साथ ही भगवान श्रीगणेश और लक्ष्मी जी की प्रतिमा भी तैयार की गई थी, जिससे बाजारों में बेचा भी गया था। उपवन परिसर में जापान की मिया-बाकी पद्धति से पौधे भी लगाए गए हैं, जहां पर घना वन तैयार हो रहा है।

गोबर से बायोसीएनजी बनाने की तैयारीः कान्हा उपवन के गोबर से बायोसीएनजी भी बनाई जाएगी। यह योजना तैयार हो गई है। दरअसल कान्हा उपवन के गोबर को खपाने में परेशानी हो रही है।


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