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यूपी पुलिस के दारोगा की घूसखोरी पर कसेगा सॉफ्टवेयर का शिकंजा

घूसखोरी खत्म करने के लिए विवेचना को ऑनलाइन करने की कवायद की जा रही है। मुरादाबाद जिले के 45 दारोगा के लैपटॉप में केस (कोर एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर) नामक सॉफ्टवेयर अपलोड किया गया है।

By Ashish MishraEdited By: Published: Tue, 09 Jan 2018 01:26 PM (IST)Updated: Tue, 09 Jan 2018 01:44 PM (IST)
यूपी पुलिस के दारोगा की घूसखोरी पर कसेगा सॉफ्टवेयर का शिकंजा
यूपी पुलिस के दारोगा की घूसखोरी पर कसेगा सॉफ्टवेयर का शिकंजा

मुरादाबाद [सुशील कुमार]। पुलिस अधिकारियों के पास हर रोज विवेचना बदलने की शिकायत आती हैं। कई बार जांच में धाराओं का खेल भी पकड़ा गया। दारोगा धारा हटाने और लगाने के नाम पर मोटी रकम भी लेते हैं। इस घूसखोरी को खत्म करने के लिए सभी दारोगा की विवेचना को ऑनलाइन करने की कवायद की जा रही है। मुरादाबाद जिले के 45 दारोगा के लैपटॉप में केस (कोर एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर) नामक सॉफ्टवेयर अपलोड किया गया है। अब इस सॉफ्टवेयर में ही विवेचना की केस डायरी लिखी जाएगी, जो ऑनलाइन रहेगी। शासन से 200 और लैपटॉप की मांग की गई है, जो जल्द ही मिलने की उम्मीद है। एडीजी तकनीकी जल्द ही प्रदेश के सभी जनपदों में यह व्यवस्था लागू करने वाले हैं। 

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केंद्र सरकार क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) के तहत एफआइआर को ऑनलाइन करने के बाद विवेचनाओं को भी इस प्रक्रिया में शामिल करने की तैयारी कर रही है। इसका प्रमुख कारण हर रोज दारोगाओं पर विवेचना में धारा घटाने और बढ़ाने का आरोप लगना है। इसके चलते अफसरों को हर रोज विवेचनाओं का स्थानांतरण करना पड़ता है। इस समस्या को दूर करने के लिए प्रदेश सरकार ने सभी विवेचनाओं को ऑनलाइन करने का निर्णय लिया है। सीसीटीएनएस की ओर से इसके लिए केस सॉफ्टवेयर तैयार किया है।

केस का ऐसे होगा उपयोग
केस सॉफ्टवेयर को लैपटॉप में डालने के बाद जिस तिथि में अपराध के बारे में प्रगति लिखी जाएगी, वह उसी डेट को बताएगा। दारोगा यदि एक बार प्रगति रिपोर्ट लिख देगा तो उसे दोबारा बदल नहीं पाएगा। बदलेगा तो तारीख के साथ उसकी भी जानकारी अधिकारियों को मिल जाएगी। इससे यह भी पकड़ में आएगा कि घटना के किस दिन तक विवेचना पर काम किया गया। सीओ भी ऑनलाइन इसे अपने लैपटॉप में चेक कर सकेंगे। इसके लिए उनके पास पासवर्ड का होगा। माना जा रहा है कि पासवर्ड सीओ और थाना प्रभारी को दिया जाएगा। वह उसमें छेड़छाड़ नहीं कर सकेंगे, सिर्फ पढ़ सकेंगे।

केस से पुलिस पर कागजी कार्रवाई का भार कम होगा। साथ ही धाराओं में होने वाले फेरबदल पर भी अधिकांश अंकुश लगने की संभावना है। इसी वर्ष सरकार से लैपटॉप मिलने के बाद सभी दारोगाओं को वितरण कर कार्य शुरू करा दिया जाएगा।
- ओंकार सिंह, डीआइजी रेंज। 


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