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समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री ने कहा, यूपी सरकार ने करवाया लक्ष्य से ज्यादा जोड़ों का सामूहिक विवाह

यूपी के वृद्धाश्रमों में बुजुर्गों को न तो ढंग से भोजन मिल पा रहा है और न ही अन्य सुविधाएं। इन वृद्धाश्रमों में गड़बड़ियों की शिकायतें सामने आने के बाद अब इसकी जांच करवाई जाएगी।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 15 Nov 2019 11:27 PM (IST)Updated: Sat, 16 Nov 2019 07:32 AM (IST)
समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री ने कहा, यूपी सरकार ने करवाया लक्ष्य से ज्यादा जोड़ों का सामूहिक विवाह
समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री ने कहा, यूपी सरकार ने करवाया लक्ष्य से ज्यादा जोड़ों का सामूहिक विवाह

लखनऊ, जेएनएन। समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत गुरुवार को 21 हजार जोड़ों के सामूहिक विवाह का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन इससे बढ़कर 24318 जोड़ों का सामूहिक विवाह करवाया गया। उत्तर प्रदेश के वृद्धाश्रमों में बुजुर्गों को न तो ढंग से भोजन मिल पा रहा है और न ही अन्य सुविधाएं। थ्री पी माडल पर चल रहे इन वृद्धाश्रमों में गड़बड़ियों की शिकायतें सामने आने के बाद समाज कल्याण विभाग अब इसकी जांच करवाएगा।

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समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री ने शुक्रवार को समाज कल्याण निदेशालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में विभाग की उपलब्धियां गिनाई और दो टूक कहा कि भ्रष्टाचार को वह बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने बताया कि अब सभी वृद्धाश्रमों की ऑनलाइन निगरानी की जाएगी। गड़बड़ियां सामने आने के बाद कन्नौज, रामपुर, संभल सहित सात जिलों में वृद्धाश्रम चला रहे एनजीओ को नोटिस भी जारी की गई है। देवरिया में पहले ही वृद्धाश्रम सील है। ऐसे में बाकी सभी 74 वृद्धाश्रमों में छापामार अभियान के तहत जांच होगी। उन्होंने कहा कि गोंडा में समाज कल्याण विभाग के ब्वॉयज हास्टल के निर्माण में गड़बड़ियां उजागर होने पर कार्यदायी संस्था पैक्सफेड को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है।

समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री ने बताया कि प्रदेश में इस वर्ष कुल 39267 जोड़ों का सामूहिक विवाह करवाया गया है। इनमें अल्पसंख्य वर्ग के 5232 जोड़ों, ओबीसी के 12471 जोड़ों, एससी-एसटी के 19906 जोड़ों व सामान्य वर्ग के 1658 जोड़ों का सामूहिक विवाह करवाया गया। सामूहिक विवाह योजना में श्रेष्ठ कार्य करने वाले अधिकारियों को सम्मानित किया जाएगा। जिन जिलों में बहुत कम सामूहिक विवाह हुए हैं, वहां कारणों की पड़ताल की जाएगी। अगर अधिकारियों की लापरवाही मिली तो उन्हें दंड दिया जाएगा। सभी वर्गों के परिवार जिनकी वार्षिक आय दो लाख रुपये से कम है वह इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। इसके तहत 51 हजार रुपये की मदद दी जाती है। इस वर्ष इस कार्य के लिए 250 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है।  


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