प्रमुख सचिव समाज कल्याण बीएल मीणा के दुर्व्यवहार से आहत समाज कल्याण निदेशक बीमार, भर्ती
Social Welfare Department समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव बीएल मीणा की कर्मियों तथा अधिकारियों के साथ अभद्रता लगातार बढ़ती जा रही है। लखनऊ में गुरुवार को उन्होंने आइएएस अफसर तथा समाज कल्याण विभाग के निदेशक बाल कृष्ण त्रिपाठी के साथ अभद्रता की।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश शासन में प्रमुख सचिव समाज कल्याण विभाग बीएल मीणा के दुर्व्यवहार के कारण अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के कर्मचारियों का विधान भवन के सामने प्रदर्शन का मामला पुराना भी नहीं हुआ था कि गुरूवार को एक आइएएस अधिकारी उनकी अभद्रता से आहत होकर बीमार पड़ गए हैं। उनको लखनऊ के गोमतीनगर में एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव बीएल मीणा की कर्मियों तथा अधिकारियों के साथ अभद्रता लगातार बढ़ती जा रही है। अल्पसंख्यक कल्याण एवं समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव बीएल मीणा के दुर्व्यवहार का मामला एक बार फिर सामने आया है। इस बार समाज कल्याण निदेशक बालकृष्ण त्रिपाठी, प्रमुख सचिव के दुर्व्यवहार से बीमार पड़ गए हैं। ब्लड प्रेशर बढऩे के बाद बीके त्रिपाठी को दिल का दौरा पड़ा। निदेशालय में ही अचानक तबीयत खराब होने के बाद उन्हें लखनऊ के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इसके बाद निदेशालय के अधिकारियों व कर्मचारियों ने गुरुवार को काम-काज ठप कर दिया। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अधिकारी-कर्मचारी भी गुस्से में हैं। विधान परिषद में सपा एमएलसी राजेश यादव ने भी मीणा के बर्ताव का मामला सदन में उठाया। उन्होंने सदन को बताया कि प्रमुख सचिव के व्यवहार के कारण एक आइएएस अफसर को दिल का दौरा पड़ गया है। वहीं, शुक्रवार को इस मामले में आगे की रणनीति तय करने के लिए अधिकारियों व कर्मचारियों ने आम सभा बुलाई है। इससे पहले भी उनकी अभद्रता से आहत होकर निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण लम्बी छुट्टी पर चली गई थीं और अब समाज कल्याण विभाग के निदेशक बीमार पड़ गए हैं।
सरकार ने चिडिय़ाघर से बुलाकर बैठा दिया डायरेक्टर : उत्तर प्रदेश समाज कल्याण निदेशालय के अधिकारियों ने बताया कि दो दिन पहले प्रमुख सचिव ने स्कॉलरशिप की ऑनलाइन मीटिंग में निदेशक को अपशब्द कहे थे। इस बड़ी मीटिंग में 75 जिलों के काफी अधिकारी व कर्मचारी जुड़े थे। मीटिंग में प्रमुख सचिव बीएल मीणा ने निदेशक बीके त्रिपाठी को जमूरा तक कह दिया था। प्रमुख सचिव बोले कि सरकार ने एक बेवकूफ आदमी बैठा दिया है। इसको कुछ आता-जाता नहीं है। पता नहीं कहां से चिडिय़ाघर से बुलाकर डायरेक्टर को बैठा दिया है। ऑनलाइन मीटिंग में प्रमुख सचिव ने निदेशक त्रिपाठी पर पर एससी-एसटी एक्ट में एफआईआर कराने तक की धमकी भी दी।
समाज कल्याण व अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव मीणा के कार्य व्यवहार से दोनों ही विभाग के अधिकारी व कर्मचारी त्रस्त हैं। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अधिकारियों ने इसी साल 16 जनवरी को सड़क पर मार्च निकाला था। बाद में सचिवालय प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव हेमंत राव की मौजूदगी में हुए लिखित समझौते के बाद मामला थम गया था। अब एक बार फिर अधीनस्थ अधिकारियों और प्रमुख सचिव के बीच टकराव की स्थिति बन गई है।
दरअसल, समाज कल्याण निदेशक त्रिपाठी व प्रमुख सचिव मीणा के बीच पिछले काफी समय से तनातनी चल रही है। मंगलवार को हुई वीडियो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में प्रमुख सचिव ने निदेशक को अपशब्द कहे। इस कारण पिछली दो रातों से वे ठीक से सो नहीं पाए। गुरुवार को दिन में ऑफिस में ही उनकी तबीयत खराब हो गई। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया। फिलहाल उनकी हालत स्थिर है। इस मामले में प्रमुख सचिव मीणा का पक्ष जानने के लिए फोन किया गया, लेकिन उन्होंने बात नहीं की।
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग भी आ सकता है साथ: प्रमुख सचिव के व्यवहार से परेशान अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अधिकारी व कर्मचारी भी शुक्रवार को समाज कल्याण निदेशालय में होने वाली आम सभा में शामिल हो सकते हैं। दोनों ही विभाग के अधिकारी, कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति बना रहे हैं। उत्तर प्रदेश समाज कल्याण मिनिस्टीरियल सर्विसेज एसोसिएशन के अध्यक्ष धर्मेन्द्र ङ्क्षसह ने बताया कि शुक्रवार को इस मामले में आगे की रणनीति तय की जाएगी।
मामले की होगी विस्तृत जांच: समाज कल्याण विभाग के मंत्री रमापति शास्त्री ने इस विवाद पर कहा कि एक बड़े परिवार में कई बार कुछ बातें हो जाती हैं। निदेशक के बीमार पडऩे की जानकारी मिलने पर मैं उन्हें देखने अस्पताल गया था। इस मामले की विस्तृत जांच कराएंगे। जल्द ही दिक्कत दूर कर ली जाएगी।