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यूपी समाज कल्याण विभाग ने कसा शिकंजा, शुल्क प्रतिपूर्ति नहीं मिली तो शिक्षण संस्थान होंगे जिम्मेदार

समाज कल्याण विभाग की ओर से मिलने वाली शुल्क प्रतिपूर्ति का लाभ यदि विद्यार्थियों को नहीं मिलता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी संस्थान के संचालक की होगी। राजधानी के 30 शिक्षण संस्थानों को फीस मान्यता और प्रवेश की क्षमता सहित विवरण आनलाइन विभाग को देने का अंतिम अवसर दिया है।

By Vikas MishraEdited By: Published: Sat, 02 Oct 2021 09:45 AM (IST)Updated: Sat, 02 Oct 2021 02:59 PM (IST)
यूपी समाज कल्याण विभाग ने कसा शिकंजा, शुल्क प्रतिपूर्ति नहीं मिली तो शिक्षण संस्थान होंगे जिम्मेदार
शुल्क प्रतिपूर्ति को पारदर्शी बनाने के विभागीय निर्णय के सापेक्ष ऐसा किया गया है।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। समाज कल्याण विभाग की ओर से मिलने वाली शुल्क प्रतिपूर्ति का लाभ यदि विद्यार्थियों को नहीं मिलता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी संस्थान के संचालक की होगी। समाज कल्याण विभाग ने राजधानी की सभी 630 शिक्षण संस्थानों को फीस, मान्यता और प्रवेश की क्षमता सहित पूरा विवरण आनलाइन विभाग को देने का अंतिम अवसर दिया है। 27 सितंबर तक तक सभी को पूरा विवरण आनलाइन करना था। 90 संस्थानों ने अभी विवरण अपलोड नहीं किया। ऐेसा न करने वाले शिक्षण संस्थान के विद्यार्थी शुल्क प्रतिपूर्ति से वंचित रह जाएंगे जिसके लिए संस्थान ही जिम्मेदार होंगे। 

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आर्थिक रूप से कमजोर मेधावियों को मिलने वाली शुल्क प्रतिपूर्ति पर भी कोरोना का ग्रहण न लगे और सभी को इसका लाभ मिल सके, इसके लिए समाज कल्याण विभाग ने संस्थानों का पूरा विवरण ऑनलाइन करने का निर्णय लिया है। इस बार शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए सामान्य वर्ग के 52,500 लाख रुपये और अनुसूचित जाति व जनजाति के शुल्क प्रतिपूर्ति व छात्रवृत्ति के लिए 98,012 लाख रुपये का बजट स्वीकृत है। पूर्व दशम कक्षा नौ और 10 और दशमोत्तर कक्षा 12 के ऊपर विद्यार्थियों को पैसा दिया जाएगा। विद्यार्थी वेबसाइट scholarship.up.nic.in पर जाकर जानकारी ले सकते हैं। पालीटेक्निक और आइटीआइ की प्रवेश प्रक्रिया पूरी होेने की कगार पर है। अब आवेदन प्रक्रिया शुरू होगी। इस बार मैनेजमेंट कोटे के विद्यार्थियों को शुल्क प्रतिपूर्ति नहीं दी जाएगी। जीरो फीस की व्यवस्था भी खत्म हो गई है। सामान्य वर्ग के इंटर में 60 फीसद और स्नातक में 55 फीसद वाले को ही शुल्क प्रतिपूर्ति मिलेगी। 

शुल्क प्रतिपूर्ति को पारदर्शी बनाने के विभागीय निर्णय के सापेक्ष ऐसा किया गया है। शिक्षण संस्थान विवरण देने में लापरवाही कर रहे हें। 27 सितंबर तक अंतिम मौका दिया गया। इसके बाद उन्हें लाभ से वंचित किया जाएगा। 15 दिसंबर तक आनलाइन दिए गए विवरण की जांच की जाएगी। गड़बड़ी मिली तो कानूनी कार्रवाई भी होगी। -डा.अमरनाथ यती, जिला समाज कल्याण अधिकारी


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