Ranjeet Murder Case : हत्या को अंजाम देने के लिए स्मृति ने दीपेंद्र को दिए थे 12 लाख रुपये
रणजीत हत्याकांड हत्या के बाद हैदरगढ़ के रास्ते रायबरेली भाग गए थे आरोपित। 25 जनवरी को स्मृति से मिलने के बाद उसके फोन से दीपेंद्र ने डिलीट कर दिए थे सारे नंबर।
लखनऊ, जेएनएन। स्मृति आर्थिक रूप से मजबूत है और शहर में उसके नाम कीमती संपत्तियां भी हैं। इसकी जानकारी रणजीत को थी। दीपेंद्र जब स्मृति के संपर्क में आया तो उसे भी यह बात मालूम हो गई। दोनों ने शादी की प्लानिंग शुरू कर दी, लेकिन रणजीत बीच में उनके लिए रोड़ा आ रहा था। साजिश के तहत हत्याकांड को अंजाम देने के लिए दीपेंद्र को स्मृति ने 12 लाख रुपये दिए थे।
एसीपी हजरतगंज अभय कुमार मिश्र के मुताबिक, हत्या के बाद दीपेंद्र, संजीत और जितेंद्र शनि मंदिर, चिरैयाझील, भैंसा कुंड, हैदरगढ़ के रास्ते रायबरेली भाग गए थे। स्मृति से पूछताछ में पता चला कि 25 जनवरी को उसकी आखिरी मुलाकात दीपेंद्र से हुई थी। इस दौरान दीपेंद्र ने स्मृति के मोबाइल फोन से अपना नाम, नंबर समेत अन्य जानकारी डिलीट कर दी थी।
होटल में करते थे मुलाकात
स्मृति और दीपेंद्र विकासनगर स्थित एक होटल में अक्सर मिला करते थे। घटना से पहले भी आरोपित वहीं ठहरे थे और रणजीत की रेकी की थी। पुलिस ने संदेह के आधार पर जब स्मृति की कॉल डिटेल खंगाली तो दीपेंद्र से उसके संबंधों के बारे में जानकारी हुई। प्रारंभिक पूछताछ में स्मृति पुलिस को गुमराह करती रही। हालांकि बाद में उसका झूठ पकड़ा गया।
स्मृति के गलत बयान से खुला राज
कॉल डिटेल के आधार पर पुलिस ने जब स्मृति से दीपेंद्र के बारे में पूछा तो उसने गलत जानकारी दी। स्मृति ने बताया कि 25 जनवरी को मुलाकात के बाद दीपेंद्र मुंबई चला गया था। वहां से उसने वीडियो कॉल भी किया था और तब से वह वहीं है। हालांकि पुलिस ने जब दीपेंद्र की लोकेशन का ब्योरा और सीसी फुटेज स्मृति के सामने रखा तो वह अपने बयानों में उलझती चली गई, जिसके बाद पूरा मामला स्पष्ट हो गया।
आरोपित महिला ने रणजीत पर किया था केस
स्मृति ने वर्ष 2016 में विकासनगर थाने में रणजीत के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई थी। यही नहीं स्मृति की मां ने भी रणजीत बच्चन पर दो मुकदमे दर्ज कराए थे। एफआइआर में स्मृति ने लिखवाया था कि धोखे में रखकर रणजीत ने उससे शादी की है। जानकारी होने के बाद से वह रणजीत से अलग रह रही है। आरोप था कि आए दिन रणजीत उसे धमकी देते थे और अनुचित संबंध बनाने का दबाव डालते थे।
एसीपी हजरतगंज के मुताबिक बाद में इस प्रकरण में दोनों के बीच समझौता हो गया था। उधर, घर पर आकर दो बार मकान मालिक की गाड़ी में तोडफ़ोड़ और आगजनी करने का आरोप लगाकर स्मृति की मां ने भी दो एफआइआर दर्ज कराई थी।