निजामुद्दीन मरकद में आए तब्लीगी जमात से जुड़े छह किर्गिस्तान के नागरिकों को हाई कोर्ट से सशर्त जमानत
Tablighi Jamaat इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने अभियुक्तों को 11-11 हजार रुपये मुख्यमंत्री कोविड-19 रिलीफ फंड में जमा करने का आदेश दिया गया है।
लखनऊ, जेएनएन। Tablighi Jamaat : इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने पर्यटक वीजा पर आकर दिल्ली स्थित निजामुद्दीन मरकज में तब्लीगी जमात के कार्यक्रम में भाग लेने और पहचान छिपाने के आरोप में जेल में बंद छह विदेशी नागरिकों की जमानत याचिका सशर्त मंजूर कर ली है। वे कोर्ट की इजाजत के बिना देश नहीं छोड़ सकेंगे। इन सभी अभियुक्तों को 11-11 हजार रुपये मुख्यमंत्री कोविड-19 रिलीफ फंड में जमा करने का भी आदेश दिया गया है।
यह आदेश जस्टिस जसप्रीत सिंह की बेंच ने किर्गिस्तान निवासी सैगिनबेक तोकतोबोलोतोव, सुल्तानबेक तुरसुनबैउलू, रुस्लान तोक्सोबेव, जमीरबेक मार्लिव, ऐदीन तालडू कुरगन व दाऊअरेन तालडू कुरगन की ओर से दाखिल जमानत याचिका को मंजूर करते हुए पारित किया। याचियों की ओर से बहस करते हुए अधिवक्ता प्रांशु अग्रवाल ने दलील दी कि याचियों ने न तो वीजा नियमों का उल्लंघन किया और न ही गलत या फर्जी पासपोर्ट से भारत में दाखिल हुए। राज्य सरकार के वकील ने याचिका का विरोध करते हुए दलील दी कि याची भारत में पर्यटक वीजा प्राप्त करके दाखिल हुए लेकिन उन्होंने धार्मिक कार्यक्रमों में हिस्सा लिया।
हाई कोर्ट ने कहा कि हमारा संविधान दैहिक स्वतंत्रता का अधिकार न सिर्फ भारत के नागरिक को बल्कि विदेशियों को भी देता है। इस आधार पर जमानत याचिका को खारिज नहीं किया जा सकता कि याचीगण विदेशी नागरिक हैं। गौरतलब है कि याचियों को कैसरबाग थानांतर्गत डॉ. बीएन वर्मा रोड पर स्थित मरकज मस्जिद से हिरासत में लिया गया था। वे दिल्ली की जमात में शामिल होने के बाद यहां आकर रह रहे थे।