ग्रेटर नोएडा में पशु तस्कर की हत्या बवाल, छह पुलिसकर्मियों समेत 30 घायल
ग्रेटर नोएडा में आज पशु तस्करी के विवाद ने बवाल का रूप ले लिया। आक्रोशित लोगों ने एक पशु तस्कर को पीट-पीटकर मार डाला। इसके बाद से माहौल काफी तनावपूर्ण हो गया है। उधर पुलिस फायरिंग में एक की मौत के बाद से माहौल और बिगड़ गया है।
लखनऊ। ग्रेटर नोएडा के जारचा कोतवाली क्षेत्र के बिसाहड़ा गांव में पशुवध के विरोध ने सांप्रदायिक रूप ले लिया। भीड़ ने पशुवध का आरोप लगा एक व्यक्ति को पीटकर मार डाला जबकि उसके पुत्र की हालत गंभीर बनी हुई है। पुलिस ने दस लोगों के खिलाफ गैरइरातदन हत्या का मुकदमा दर्ज कर छह को गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके विरोध में जारचा थाने में आगजनी की कोशिश भी की गई। पुलिस फायङ्क्षरग में तीन युवक घायल हुए हैं जबकि पुलिस इससे इन्कार कर रही है। बवाल में दादरी सीओ अनुराग सिंह समेत आधा दर्जन पुलिसकर्मी व दो दर्जन ग्रामीण घायल हुए हैं। बिसहाड़ा व ऊंचा गांव में तनाव के चलते पुलिस के आला अधिकारी डेरा डाले हैं। मामले की जांच का जिम्मा एडीएम राजेश यादव को सौंपा गया है।
बिसाहड़ा गांव में बीती रात साढ़े दस बजे ग्रामीणों ने लाउडस्पीकर पर सूचना दी कि अल्पसंख्यक समुदाय के व्यक्ति ने पशुवध किया है। इसके बाद सैकड़ों लोगों ने गांव निवासी इरशाद के घर पर धावा बोल दिया। भीड़ ने इरशाद (50) की पीट-पीट कर हत्या कर दी। मारपीट से उसके बीस वर्षीय पुत्र दानिश की हालत नाजुक बनी है। मारपीट में इसरामन और असगरी बेगम भी घायल हुईं। इरशाद की बेटी साहिस्ता ने दस लोगों को नामजद कर रिपोर्ट दर्ज कराई है।
सोमवार देर रात ही जारचा कोतवाली पहुंचकर भीड़ ने रिपोर्ट नहीं दर्ज करने की मांग की। पुलिस के इन्कार करने पर ग्रामीणों ने जारचा कोतवाली में आगजनी का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उपद्रवियों को खदेड़ दिया।
आज सुबह ऊंचा गांव में लोगों ने पंचायत की। इसके बाद लोग गांव के एक धर्म स्थल के पास एकत्र हो गए। पंचायत को रुकवाने पहुंची पुलिस की ग्रामीणों से तीखी झड़प हो गई। आरोप है कि पुलिस ने फायङ्क्षरग की तो ऊंचा गांव के राहुल और खंगौड़ा गांव के संजीव व एक अन्य को गोली लगी। तीनों को अलग-अलग जिलों के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। इसके बाद ग्रामीण बेकाबू हो गए। वाहनों में आगजनी कर बाजार की सारी दुकानें बंद करा दीं। तीन घंटे तक चले बवाल के बाद भारी संख्या में पुलिस और पीएएसी ऊंचा गांव और बिसाहड़ा गांव में तैनात कर दी गई।
जांच का जिम्मा एडीएम
आलाधिकारियों की एनटीपीसी गेस्ट हाउस में ग्रामीणों के साथ घंटों चली बैठक में लोगों ने पुलिस पर गोली चलाने और लाठीचार्ज का आरोप लगाया। पर पुलिस ने इससे इन्कार करती रही। पुलिस की ओर से चली गोली से तीन युवक घायल हुए हैं या नहीं, इसकी जांच का जिम्मा एडीएम को दे दिया गया है।
जारचा में सांप्रदायिक बवाल के बाद गाजियाबाद पुलिस मसूरी में तैनात कर दी गई। आसपास के इलाके में बवाल का अंदेशा होने के कारण मसूरी के लोगों को जारचा जाने से रोक दिया गया। बुलंदशहर एसएसपी अनंत देव को भी जारचा बुला लिया गया। साथ ही बुलंदशहर के विभिन्न क्षेत्रों में भी पुलिस को तैनात कर दिया गया। डीआइजी मेरठ रेंज आशुतोष कुमार ने कहा कि बिसाहड़ा गांव में हुए बवाल में दस लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ऊंचा गांव बवाल की जांच मजिस्ट्रेट करेंगे। जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। पुलिस की गोली से युवकों के घायल होने की बात सामने आई तो कार्रवाई होगी।