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उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के साथ हुए हादसे की CBI करेगी जांच, राज्य सरकार की सिफारिश पर केंद्र की मंजूरी

सीबीआइ के केस को ओवरटेक करने तक रायबरेली के एएसपी शशि शेखर के नेतृत्व में एसआइटी में शामिल तीन सीओ अलग-अलग बिंदुओं पर पड़ताल जारी रखेंगे।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 30 Jul 2019 09:48 PM (IST)Updated: Wed, 31 Jul 2019 07:49 AM (IST)
उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के साथ हुए हादसे की CBI करेगी जांच, राज्य सरकार की सिफारिश पर केंद्र की मंजूरी
उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के साथ हुए हादसे की CBI करेगी जांच, राज्य सरकार की सिफारिश पर केंद्र की मंजूरी

लखनऊ, जेएनएन। उन्नाव के माखी दुष्कर्म कांड की पीड़िता के साथ हुई दुर्घटना के मामले की जांच अब सीबीआइ करेगी। राज्य सरकार की संस्तुति पर केंद्र सरकार ने 24 घंटों के भीतर ही घटना की सीबीआइ जांच को मंजूरी दे दी, जिसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है। सीबीआइ ने देर रात ही केस दर्ज करने की तैयारी शुरू कर दी। माना जा रहा है कि सीबीआइ की टीम बुधवार को घटनास्थल का निरीक्षण करेगी। सीबीआइ जांच शुरू होने से पहले पुलिस ने एसआइटी (विशेष जांच दल) भी गठित कर दी है। सीबीआइ के केस को ओवरटेक करने तक रायबरेली के एएसपी शशि शेखर के नेतृत्व में एसआइटी में शामिल तीन सीओ अलग-अलग बिंदुओं पर पड़ताल जारी रखेंगे।

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भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर समेत 10 के खिलाफ रायबरेली में हत्या समेत अन्य धाराओं में नामजद रिपोर्ट दर्ज करने के बाद उप्र पुलिस ने मंगलवार को ट्रक चालक आशीष व क्लीनर मोहन को गिरफ्तार कर लिया। इस बीच किंद जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के ट्रॉमा सेंटर में पीड़िता और उसके वकील की हालत नाजुक बनी हुई है। मंगलवार को भी सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत कई विपक्षी दलों के नेता केजीएमयू पहुंचे और पीड़ित के परिवारीजन से मिले।

एडीजी लखनऊ जोन राजीव कृष्ण ने बताया कि आरोपित चालक व क्लीनर की गिरफ्तारी पीड़ित किशोरी के चाचा की ओर से सोमवार को रायबरेली के गुरुबख्शगंज थाने में दर्ज कराई गई एफआइआर के तहत की गई है। ट्रक मालिक से अभी पूछताछ की जा रही है। दरअसल, सोमवार रात दुर्घटना के मामले की जांच सीबीआइ से कराये जाने की सिफारिश केंद्र सरकार को भेजे जाने के बाद से पुलिस अब अपना एक-एक कदम बढ़ाने में पूरी सतर्कता बरत रही है।

बताया गया कि एसआइटी में शामिल सीओ डलमऊ आरपी शाही को वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाने व घटना के वास्तविक कारण का पता लगाने, सीओ सिटी गोपीनाथ सोनी को घटना के पीछे किसी साजिश की छानबीन करने तथा सीओ लालगंज लक्ष्मीकांत को दुर्घटना के बाद घायलों को अस्पताल पहुंचाने से लेकर उसके बाद के घटनाक्रम की रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी है। तीनों सीओ के साथ अन्य पुलिसकर्मियों को भी लगाया गया है। पुलिस अब तक की गई कार्रवाई को भी व्यवस्थित कर रही है ताकि सीबीआइ के जांच अपने हाथ में लेने पर उसकी कोई चूक उसे भारी न पड़े।

उल्लेखनीय है कि पूर्व में माखी दुष्कर्म कांड की जांच सीबीआइ ने यूपी पुलिस की एसआइटी से ही अपने हाथ में ली थी। सीबीआइ जांच में पीड़ित किशोरी के पिता को पीटकर झूठे मामले में जेल भेजे जाने के मामले में तत्कालीन एसओ माखी समेत अन्य पुलिसकर्मियों की भूमिका भी सामने आई थी। तब पुलिस की कई चूक सामने आई थीं और काफी किरकिरी हुई थी।

दूसरी ओर ट्रॉमा सेंटर में भर्ती पीड़िता और वकील अब भी वेंटीलेटर पर हैं। ट्रॉमा सेंटर में मंगलवार को भी सियासी पारा चढ़ा रहा। यहां पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पीड़िता का हाल लेने के साथ ही कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर भाजपा सरकार को घेरा। राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम ने भी पीड़िता का हाल लिया। राज्य सरकार की ओर से मंगलवार को उप मुख्यमंत्री डॉ.दिनेश शर्मा ने ट्रॉमा सेंटर पहुंचकर विपक्ष के हमले की धार को कुंद करने का प्रयास किया। इस दौरान ट्रॉमा सेंटर में कांग्रेस व प्रगतिवादी समाजवादी पार्टी के नेता व कार्यकर्ता भी सक्रिय दिखे।

फोरेंसिक टीम कर रही परीक्षण

फोरेंसिक साइंस लैब के चार विशेषज्ञों की टीम भी रायबरेली में घटनास्थल की छानबीन के बाद लखनऊ लौट आई है। टीम अब मौके से जुटाये गये साक्ष्यों का परीक्षण कर रही है।

चाचा को पत्नी के अंतिम संस्कार में शामिल होने की इजाजत

इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने उन्नाव दुष्कर्म केस की पीड़ित के चाचा को अपनी पत्नी के दाह संस्कार में शामिल होने की मंगलवार को इजाजत दे दी। कोर्ट ने रायबरेली जिला जेल के सुपरिटेंडेंट को निर्देश दिया कि पीड़िता के चाचा को बुधवार की सुबह सख्त सुरक्षा व्यवस्था के साथ उन्नाव के गंगा घाट पर उनकी पत्नी के दाह संस्कार में शामिल होने के लिए ले जाया जाए और उसी दिन उन्हें वापस जेल पहुंचा दिया जाए। कोर्ट ने रायबरेली व उन्नाव के जिलाधिकारियों व पुलिस अधीक्षकों को भी निर्देश दिया कि इस दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराई जाए।  यह आदेश जस्टिस मो. फैज आलम खान की बेंच ने पीड़िता के चाचा की ओर से दाखिल अर्जी पर दिया है। राज्य सरकार के ओर से शासकीय अधिवक्ता विमल श्रीवास्तव ने इस पर कोई आपत्ति नहीं की। इस पर कोर्ट ने महेश को अंतिम संस्कार करने की अनुमति प्रदान कर दी। दरअसल, पीड़िता का चाचा हत्या के प्रयास के एक मामले में सजायाफ्ता है। उन्नाव कोर्ट के फैसले खिलाफ उसने हाई कोर्ट में अपील दायर कर रखी है जो कि विचाराधीन है। इसी अपील में एक अर्जी डालकर उसने अनुमति मांगी थी।

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