भारतीय टेनिस जगत की नई सनसनी वाराणसी के सिद्धार्थ विश्वकर्मा
वाराणसी के सिद्धार्थ विश्वकर्मा राष्ट्रीय टेनिस फेनेस्टा ओपन में भयंकर उलटफेर करते हुए खिताब अपने नाम किया। डेविस कप के लिए भारतीय टीम में जगह बनाने की दावेदारी को मजबूत कर दिया।
लखनऊ (जेएनएन)। वाराणसी के सिद्धार्थ विश्वकर्मा ने भारतीय टेनिस में जोरदार दस्तक दी है। वाराणसी निवासी इस बाएं हाथ के खिलाड़ी ने बीते शनिवार को नई दिल्ली में राष्ट्रीय टेनिस फेनेस्टा ओपन में भयंकर उलटफेर करते हुए खिताब अपने नाम किया। एशिया से सबसे तेज गति की सर्विस करने वाले इस खिलाड़ी ने इस खिताब को जीतने के बाद डेविस कप के लिए भारतीय टीम में जगह बनाने की दावेदारी को काफी मजबूत कर दिया है।
24 वर्षीय सिद्धार्थ विश्वकर्मा ने नई दिल्ली में शीर्ष वरीयता के अर्जुन खड़े को हराकर फेनेस्टा ओपन नेशनल चैम्पियनशिप में पुरुष एकल का खिताब जीत लिया। डेविस कप में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व कर चुके अर्जुन खड़े की एशिया में रैंकिंग 358 है जबकि सिद्धार्थ विश्वकर्मा की रैंकिंग 1221 है। इस अहम चैंपियनशिप की शुरुआत से ही सिद्धार्थ विश्वकर्मा काफी लय में था। उसने अपनी रैंकिंग को भी सुधारा है।
छह फुट दो इंच लंबे खिलाड़ी सिद्धार्थ विश्वकर्मा लखनऊ में पूर्व अंतरराष्ट्रीय टेनिस खिलाड़ी कमलेश शुक्ला से प्रशिक्षण ले रहे हैं। कमलेश शुक्ला ने हाल ही में जकार्ता एशियाई खेल की सॉफ्ट टेनिस में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया था। सर्व एंड वॉली का शानदार प्रदर्शन करने वाले सिद्धार्थ विश्वकर्मा ने नई दिल्ली में अपनी तेज तर्रार सर्विस के दम पर अर्जुन को 6-2, 6-7, 6-3 से मात दी। सिद्धार्थ विश्वकर्मा काफी मेहनती खिलाड़ी हैं और अपनी फिटनेस पर अधिक ध्यान देने लगे हैं। इनके कोच कमलेश शुक्ला का दावा है कि सिद्धार्थ विश्वकर्मा वर्तमान समय में एशिया में सबसे तेज सर्विस करने वाले टेनिस खिलाड़ी हैं।
कमलेश ने कहा कि सिद्धार्थ विश्वकर्मा काफी दमदार सर्विस से विपक्षी को बैकफुट पर जाने को मजबूर कर देता है। लखनऊ के विपुल खंड में द अवध स्कूल में अपनी अकादमी में कमलेश शुक्ला ने सिद्धार्थ विश्वकर्मा के खेल को काफी निखारा। सिद्धार्थ विश्वकर्मा ने भारत के हर बड़े टूर्नामेंट में काफी उलटफेर किया है। एशिया के बड़े टूर्नामेंट में भी उसकी तेज सर्विस का विपक्षी खिलाडिय़ों ने लोहा माना है।
सिद्धार्थ विश्वकर्मा ने बताया कि फेनेस्टा ओपन के पहले सेट से ही मैं उत्साहित था जहां मैंने अच्छा खेल दिखाया। दूसरे सेट में अर्जुन ने मुझ पर कई हमले किए जिससे मैं उबर नहीं सका। इसके बाद भी मुझे विश्वास था कि मैं तीसरे सेट में अच्छा करूंगा और मैंने वहीं किया। पहली बार यह खिताब जीतना मेरे लिए एक शानदार अहसास है। अर्जुन ने बैक हैंड पर मुझे कमजोर करने का प्रयास किया लेकिन मैंने भी डबल हैंड बैक हैंड से ऑन द लाइन रिर्टन से उनको मजबूत जवाब देने में सफलता प्राप्त की।
सिद्धार्थ विश्वकर्मा ने इससे पहले पांच लाख रुपया ईनामी राशि वाली नागपुर ओपन के साथ मुंबई व रायपुर में एशियन टुअर टूर्नामेंट में खिताब जीता था। आइटीएफ मलेशिया ओपन में क्वार्टर फाइनल तक जगह बनाने वाले सिद्धार्थ विश्वकर्मा ने रायपुर में गोंडवाना कप में खिताब जीता तथा रायपुर में ही आइटा कप में बाजी मारी।