Interview: इंडिया ओपन में प्रवेश मिला तो पदक पक्का - शटलर श्रुति मिश्रा
लखनऊ की अंतरराष्ट्रीय शटलर श्रुति मिश्रा इंडोनेशियाई कोच के मार्गदर्शन में रोजाना छह घंटे कर रही हैं ट्रेनिंग। दैनिक जागरण से बातचीत में श्रुति ने कहा साल 2020 मैं कभी नहीं भूल सकती। श्रुति को उम्मीद है कि नये साल में सबकुछ ठीक हो जाएगा।
लखनऊ, जेएनएन। मैं अभी तक चार अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप खेल चुकी हूं। लेकिन, अगले साल मार्च में दिल्ली में होने वाला इंडिया ओपन सीनियर वर्ग में मेरा पहला बड़ा टूर्नामेंट होगा। हालांकि, लंबे समय से खेल गतिविधियां बंद होने से रैंकिंग पर भी असर पड़ा है। अगर मुझे इंडिया ओपन में प्रवेश मिल गया तो पदक जरूर जीतूंगी। यह कहना है लखनऊ की स्टार महिला शटलर श्रुति मिश्रा का।
शनिवार को दैनिक जागरण से बातचीत में श्रुति ने कहा, जब से मैं बैडमिंटन खेल रही हूं, पहली बार सभी खेल गतिविधियां इतने लंबे समय तक बंद रही हैं। मुझे लगता है कोई भी खिलाड़ी इतने दिनों तक अपने खेल से दूर नहीं रहना चाहेगा। एक खिलाड़ी की पहचान टूर्नामेंट से ही बनती है लेकिन, कोरोना संक्रमण की वजह से पिछले आठ महीनों से हम लोग कोई टूर्नामेंट नहीं खेल सके हैं। शुरुआत के चार महीने तक तो घर से निकलना भी मुश्किल था। साल 2020 मैं कभी नहीं भूल सकती। श्रुति को उम्मीद है कि नये साल में सबकुछ ठीक हो जाएगा और मार्च में दिल्ली में प्रस्तावित इंडिया ओपन में महामारी के कारण कोई बाधा नहीं आएगी। मैं ही नहीं, देश के तमाम खिलाड़ी इस टूर्नामेंट का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
सीनियर वर्ग में पदक जीतना चाहती हूं
पिछले साल जुलाई में चीन में हुई जूनियर एशियन चैंपियनशिप में श्रुति मिश्रा भले ही कोई पदक नहीं जीत सकीं थी, लेकिन क्वार्टर फाइनल तक के सफर में उन्होंने शानदार खेल दिखाया। अंतिम आठ के रोमांचक मुकाबले में श्रुति को चीन की वरीय खिलाड़ी ने हराया था। वह अंतिम क्षणों तक हार नहीं मानतीं। उनमें जूझने प्रतिभा गजब की है। कोर्ट पर इस स्टार शटलर की तेजी कमाल की है। धीमी शुरुआत श्रुति की रणनीति का हिस्सा है।
वह कहती हैं, जूनियर में तो अभी तक मेरा प्रदर्शन अच्छा रहा है, पर अब सीनियर वर्ग में देश के लिए पदक जीतना चाहती हूं। उन्होंने कहा, दिल्ली में मार्च में होने वाले इंडिया ओपन में स्टार खिलाडिय़ों की भरमार होगी। असली प्रतिस्पर्धा वहीं मिलेगी। फिलहाल, इस टूर्नामेंट के लिए मेरे पास काफी समय है। अगर मुझे प्रवेश मिल गया तो पदक के लिए कोई कसर नहीं छोड़ंगी।
बीबीडी बैडमिंटन अकादमी में प्रशिक्षु श्रुति का मानना है कि यहां सभी खेलों का बहुत अच्छा माहौल है। खासकर, अकादमी की तारीफ करते हुए कहा, उत्तर प्रदेश बैडमिंटन संघ ने यहां के प्रशिक्षुओं को उच्चस्तरीय ट्रेनिंग देने के लिए भारत के साथ विदेश कोच की भी सुविधा दी है। अगर आज मैं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल रही हूं तो इसका श्रेय बीबीडी बैडमिंटन अकादमी को जाता है। जहां से मुझे उच्चस्तरीय ट्रेनिंग सहित सभी सुविधाएं मिली।