बाजार में रेबीज व टिटनेस से बचाव के इंजेक्शन का संकट
दवा कंपनियों से सप्लाई न होने के कारण खड़ा हुआ संकट। इंजेक्शन के दाम सरकार के कंट्रोल में हैं और यह बढ़ नहीं सकते। ऐसे में इनका मार्केट में इनका टोटा है।
लखनऊ (जेएनएन)। दवा की दुकानों पर इस समय रेबीज व टिटनेस से बचाव के इंजेक्शन नहीं मिल रहे। अमीनाबाद में मेडिसिन मार्केट से भी यह दोनों इंजेक्शन नहीं आ रहे। ऐसे में आम लोग परेशान हैं। इसके अलावा विटामिन सी की गोली लिमसी भी नहीं मिल रही। दवा कंपनियों से सप्लाई न होने के कारण यह संकट खड़ा हुआ है। दरअसल इन इंजेक्शन के दाम सरकार के कंट्रोल में हैं और यह बढ़ नहीं सकते। ऐसे में इनका मार्केट में टोटा है।
लखनऊ केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष गिरिराज रस्तोगी कहते हैं कि कुत्ता काटने पर लगाए जाने वाले रैबीपुर इंजेक्शन की कीमत 350 रुपये तक है और टिटबैक का इंजेक्शन अच्छी कंपनी का दस रुपये तक मिलता है। इसके अलावा अन्य कंपनी के ढाई रुपये तक भी है। क्योंकि सरकार द्वारा इसके दाम नियंत्रित हैं, ऐसे में यह इसे और नहीं बढ़ा सकते। यही कारण है कि रेबीज व टिटनेस के इंजेक्शन नहीं मिल पा रहे। इनकी काफी डिमांड आ रही है लेकिन बाजार में यह उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। उधर लोग दवा की दुकानों के चक्कर लगा रहे हैं। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के ड्रग इंस्पेक्टर रमाशंकर का कहना है कि सोमवार को वह दवा की दुकानों से इसका ब्योरा तलब किया जाएगा। देखा जाएगा कि कहीं जानबूझकर तो नहीं ऐसी स्थिति पैदा की गई। पड़ताल के आधार पर कार्यवाही की जाएगी।
रेबीज व टिटनेस के इंजेक्शन सरकारी अस्पताल में मौजूद
गोमतीनगर स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के निदेशक डॉ. डीएस नेगी कहते हैं कि उनके अस्पताल में करीब 1400 वायल हैं। ऐसे में कुत्ता काटने से होने वाले रेबीज से बचाव व टिटनेस से बचाव के इंजेक्शन पर्याप्त मात्रा में हैं। वहीं सिविल अस्पताल व बलरामपुर अस्पताल में भी यह इंजेक्शन उपलब्ध हैं।