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अखिलेश को तगड़ा झटका, शिवपाल ने बनाया समाजवादी सेक्युलर मोर्चा

समाजवादी पार्टी में अरसे से हाशिये पर चल रहे शिवपाल सिंह यादव ने ऐन लोकसभा चुनाव से पहले समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के गठन कर अखिलेश यादव को तगड़ा झटका दिया है।

By Ashish MishraEdited By: Published: Wed, 29 Aug 2018 12:42 PM (IST)Updated: Thu, 30 Aug 2018 07:45 AM (IST)
अखिलेश को तगड़ा झटका, शिवपाल ने बनाया समाजवादी सेक्युलर मोर्चा
अखिलेश को तगड़ा झटका, शिवपाल ने बनाया समाजवादी सेक्युलर मोर्चा

लखनऊ (जेएनएन)। समाजवादी पार्टी में अरसे से हाशिये पर चल रहे वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने ऐन लोकसभा चुनाव से पहले अखिलेश यादव को तगड़ा झटका दिया है। उन्होंने बुधवार को समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के गठन का एलान किया। शिवपाल नेे कहा कि इस मोर्चा से वह संगठन में उपेक्षित चल रहे कार्यकर्ताओं को जोड़ेंगे। इसका अभियान पश्चिम उप्र से शुरू किया जाएगा। दावा किया कि सेक्युलर मोर्चा प्रदेश में मजबूत विकल्प के तौर पर सामने आएगा। छोटे दलों को भी इसमें जोडऩे का काम होगा। दो वर्ष से सपा प्रमुख अखिलेश के रवैये से नाराज चल रहे शिवपाल का धैर्य बुधवार को जवाब दे गया।

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शिवपाल का दर्द फूटा

मीडिया कर्मियों से बातचीत में शिवपाल का दर्द फूटा। शिवपाल ने कहा कि समाजवादी पार्टी लंबे संघर्ष के बाद बनी थी। इसमें कई बड़े-बड़े नेता रहे लेकिन, लंबे समय से मुुझे कोई काम नहीं दिया जा रहा और न ही कोई पूछ रहा है। अब ऐसे में मेरे सामने दूसरा कोई चारा नहीं है। मेरा प्रयास होगा कि ऐसे लोगों को जोड़ें जिनका समाजवादी पार्टी में सम्मान नहीं हो रहा। इसीलिए सेक्युलर मोर्चा बनाकर अपने लोगों को काम दिया है, ताकि वह लोगों से बात करें और आम जनता को जोड़ें। जिलों में जाएं और बूथों पर संगठन मजबूत करने की चिंता करें। हम चाहते हैं कि समाजवादी पार्टी न टूटे इसलिए मोर्चा बनाया। जब हमें नहीं पूछा जा रहा है तो क्या करते? उन्होंने कहा है कि समाजवादी सेक्युलर मोर्चा उप्र में मजबूत सियासी विकल्प बनेगा और इसमें छोटे दलों को जोडऩे का काम भी होगा।

मुलायम का आशीर्वाद भी

शिवपाल ने कहा कि सपा में अपनी  इज्जत नहीं होने से आहत हूं। यहां अब नेताजी का भी सम्मान नहीं किया जाता है। नेताजी का आशीर्वाद सदैव उनके साथ रहा है। सोमवार को मुलायम सिंह ने शिवपाल के साथ लोहिया ट्रस्ट की बैठक में शिरकत की थी। सूत्रों का कहना है कि मंगलवार को भी मुलायम व शिवपाल के बीच काफी देर गुफ्तगू हुई थी। जिसको सेक्युलर मोर्चे को सक्रिय करने से जोड़कर देखा जा रहा है।

सदस्यता बचाने की फिक्र

शिवपाल को विधानसभा की सदस्यता बचाए रखने की चिंता भी है इसलिए सपा से त्यागपत्र देने की घोषणा नहीं की गयी। अलग पार्टी न बनाकर सदस्यता सुरक्षित रखने को मोर्चा गठित किया गया है। शिवपाल समर्थकों का मानना है कि समाजवादी पार्टी तोडऩे की तोहमत भी हम अपने सिर नहीं लेना चाहते। अखिलेश चाहें तो उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दें।

अखिलेश बोले-बढ़ती रहेगी साइकिल

शिवपाल द्वारा अपने मोर्चा को सक्रिय करने के ऐलान से समाजवादी पार्टी में उनका विरोध भी आरंभ हो गया। पार्टी मुख्यालय में बुधवार को उनके विरोध में नारेबाजी भी गयी। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि जैसे-जैसे चुनाव निकट आएगा तमाम चीजें देखने को मिलेंगी, फिर भी सपा की साइकिल बढ़ती रहेगी। किसी भी मुद्दे पर कार्यकर्ताओं को अपना ध्यान नहीं भटकने देना है।

चाचा भतीजे की रार पुरानी

शिवपाल व अखिलेश (चाचा-भतीजा) की रार पुरानी है। सपा शासनकाल में अक्टूबर 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंत्रिमंडल से चाचा शिवपाल को हटा दिया था। बाद में शिवपाल समर्थक नारद राय, ओमप्रकाश सिंह व शादाब फातिमा को भी हटा दिया गया था। वर्ष 2017 में अखिलेश ने शिवपाल को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा नरेश उत्तम को कमान सौंप दी थी। पिछले वर्ष जनवरी में जनेश्वर मिश्र पार्क में आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन में शिवपाल के निष्कासन की घोषणा भी की गयी थी, हालांकि वह पार्टी में बने रहे। 


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