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यूपी विधानसभा में सपा सदस्यों के साथ नहीं बैठना चाहते शिवपाल सिंह यादव, सीट बदलने का किया अनुरोध

प्रसपा के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने विधानसभा में अपनी सीट बदलने का अनुरोध किया है। वहीं कई और सपा सदस्यों ने भी विभिन्न कारणों से अपनी सीटे बदल दी हैं। कुछ वरिष्ठ सदस्यों को अब आगे की सीटें दी गई हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 25 May 2022 12:27 AM (IST)Updated: Wed, 25 May 2022 11:21 AM (IST)
यूपी विधानसभा में सपा सदस्यों के साथ नहीं बैठना चाहते शिवपाल सिंह यादव, सीट बदलने का किया अनुरोध
शिवपाल ने किया विधानसभा में सीट बदलने का अनुरोध।

लखनऊ, जेएनएन। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया (प्रसपा) के अध्यक्ष और समाजवादी पार्टी के टिकट पर जसवंतनगर सीट से विधायक निर्वाचित शिवपाल सिंह यादव ने विधानसभा में अपनी सीट बदलने का अनुरोध किया है। उन्होंने प्रमुख सचिव विधानसभा को इस आशय का पत्र भेजा है।

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विधानसभा में ई-विधान लागू होने के कारण विधानसभा में प्रत्येक सदस्य को सीट आवंटित की गई है। समाजवादी पार्टी के भी कुछ सदस्यों ने अपनी सीटें बदलवाई हैं। बताया जा रहा है कि सपा के कुछ सदस्य अभी भी सीटिंग व्यवस्था से नाखुश हैं। वह बैठने के लिए आगे की सीट चाहते हैं। माना जा रहा है कि शिवपाल सदन में सपा सदस्यों के साथ नहीं बैठना चाहते हैं।

वरिष्ठ विधायक शिवपाल सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष से सदन में उनके बैठने के लिए निर्धारित सीटको बदलने का आग्रह किया है। शिवपाल सिंह यादव ने विधानसभा के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर सीट बदलने का अनुरोध किया है। शिवपाल यादव वर्तमान में इटावा जिले के जसवंतनगर विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के विधायक हैं।

शिवपाल यादव ने अपने भतीजे व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से अनबन के बाद अपनी अलग पार्टी बना ली थी, लेकिन विधानसभा चुनाव 2022 से पहले दोनों नेताओं में समझौता हो गया था। शिवपाल ने सपा के चुनाव चिह्न पर ही विधानसभा चुनाव लड़ा था।

शिवपाल यादव ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव की उस टिप्पणी पर आपत्ति जताई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि 'भाजपा से मिलने वाला सपा में नहीं रहेगा।' शिवपाल ने इस टिप्पणी को 'गैर-जिम्मेदाराना' करार देते हुए कहा था, 'यदि अखिलेश यादव ऐसा सोचते हैं तो उन्हें मुझे विधायक दल से जल्द बाहर निकाल देना चाहिए।'

शिवपाल और अखिलेश के बीच दरार तब बढ़ गई थी, जब उन्होंने अपने चाचा को 26 मार्च को हुई सपा के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक में आमंत्रित नहीं किया था। शिवपाल ने इस सप्ताह की शुरुआत में विपक्षी गठबंधन की बैठक में हिस्सा नहीं लिया था। शिवपाल ने 31 मार्च को शपथ ली थी और बाद में वह लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे, जिससे उनके पाला बदलने की अटकलों को हवा मिली थी।

प्रसपा प्रमुख शिवपाल सिंह यादव ने कुछ माह पहले भाजपा के साथ बढ़ती दोस्ती के तब संकेत दिए थे, जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ट्विटर पर फालो करना शुरू कर दिया था।


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