Sawan Somvar 2020: श्रावण का अंतिम सोमवार, लगी श्रद्धालुओं की कतार
Sawan Somvar 2020 मनकामेश्वर मंदिर में शारीरिक दूरी के साथ दर्शन गर्भ गृह में नहीं प्रवेश।
लखनऊ, जेएनएन। Sawan Somvar 2020: श्रावण के अंतिम सोमवार को सुबह से ही मंदिरों में श्रद्धालुओं की कतार लग गई थी। बारिश की फुआरो औऱ सुरक्षा इंतजामों के साथ श्रद्धालुओं ने भगवान भोलेनाथ के दर्शन किए। राजधानी के ऐतिहासिक सिद्धपीठ मनकामेश्वर मंदिर की महंत देव्या गिरि ने श्रद्धालुओं के लिए आरती के साथ ही दर्शन के लिए मंदिर के कपाट सुबह तड़के ही खोल दिए थे। पुलिस बंदोबस्त के साथ ही मंदिर परिसर में थर्मल स्कैनिंग के साथ पांच-श्रद्धालुओं को ही परिसर में जाने की अनुमति दी गई।
गर्भगृह से दूर विशेष अरघे में श्रद्धालुओं ले जलाभिषेक कर भगवान शिव से कोरोना मुक्ति की कामना की। बारिश के बावजूद श्रद्धालुओं में दर्शन की उत्सुकता देखते ही बन रही थी।राजेंद्र नगर द्वितीय मार्ग स्थित महाकाल मंदिर में सुबह भस्म आरती के साथ दर्शन शुरू हो गए। संयोजक अतुल मिश्र ने उज्जैन की तर्ज पर महाकाल की आरती की तो पूरा परिसर शिवमय हो गया। महाकाल के जयकारे से पूरा मंदिर परिसर गुंजायमान हो उठा।
मंदिर के बाहर शारीरिक दूरी के साथ ही एलईडी पर श्रद्धालुओं ने बाबा की आरती के दर्शन किए। चौक के छोटा व बड़ा शिवाला के साथ ही कल्याण गिरि मंदिर में पुजारी ने बाबा का श्रृंगार किया औरर श्रद्धालुओं ने बाहर से ही दर्शन किए। कोनेश्वर मंदिर और कोतवालेश्वर मंदिर में केवल पुजारी ने ही बाबा का श्रृंगार किया। हनुमान सेतु मंदिर परिसर के शिव लिंग के दर्शन भी बाहर से किए गए। गुलाचिन मंदिर, पिपलेश्वर महादेव मंदिर, मौनी बाबा मंदिर, तुलसी मानस मंदिर और इंद्रेश्वर मंदिर समेत राजधानी के सभी शिव मंदिरों में सुरक्षा बंदोबस्त के बीच श्रद्धालुओं ने भगवान शिव की आराधना की।
बाबा सिद्धनाथ के मंदिर में जलाभिषेक के विशेष इंतजाम के साथ श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की। मोहान रोड स्थित बुद्धेश्वर मंदिर में पुख्ता सुरक्षा इंतजामों के साथ बाबा के जयकारे के बीच श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। भोर में ही मंदिर के कपाट खोल दिए गए थे। दोपहर बाद तक श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी रही। हालांकि, अधिकतर श्रद्धालु मास्क के साथ बाबा के दर्शन किए। इंद्रेश्वर महादेव और तुलसी मानस मंदिर में दर्शन के लिए आए श्रद्धालुओं ने शिवार्चन में हिस्सा लिया।
मास्क और सेनिटाइजर के साथ प्रवेश
महंत देव्या गिरि ने श्रद्धालुओं से मास्क और सेनिटाइजर के साथ मंदिर आने और शारीरिक दूरी के साथ ही दर्शन करने की अपील की है। महंत ने 65 साल के ऊपर के बुजुर्गों और 10 साल से नीचे के बच्चों से मंदिर न आने की अपील की है। पांच अगस्त को हवन पूजन के साथ ही दीपदान होगा। चौक के रानी कटरा स्थित बड़ा शिवाला मंदिर में भी गर्भ गृह में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। मंदिर में सुरक्षा को लेकर पूरा इंतजाम किया गया है। एक बार में पांच श्रद्धालु ही अंदर जा सकेंगे। छोटा शिलावा, मझला शिवाला, कोनेश्वर महादेव, द्वादश ज्योतिर्लिंग, कोतवालेश्वर महादेव मंदिर व बुद्धेश्वर मंदिर सहित शहर के प्रमुख शिव मंदिरों में केवल पूजारी ही बाबा का श्रृंगार करेंगे।
बहराइच: सावन के अंतिम सोमवार पर भोलेनाथ का हुआ जलाभिषेक
आखिरकार सावन के अंतिम सोमवार को जिले के पांडव कालीन सिद्धनाथ मंदिर में जलाभिषेक की अनुमति मिली। भोर से ही शिवभक्त मंदिर में पहुंचने लगे। जलाभिषेक के साथ भोलेनाथ के जयकारे लगाए। शिव आराधना कर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मांगा।
लखीमपुर में मंदिर पूरी तरह बंद, जंगली नाथ मंदिर में की पूजा-अर्चना
सावन के सोमवार को प्रशासन के आदेश पर कोरोना महमारी के चलते मंदिरों को पूरी तरह बंद रखा गया है। अन्य दिनों में पांच-पांच श्रद्धालु पूजा के लिए अंदर जाने की छूट है। आखिरी सोमवार के मौके पर भी जिले के सभी मंदिर बंद रहे। हालांकि, शहर के जंगली नाथ मंदिर में कुछ लोग पूजा अर्चना करते मिले। इसी तरह शहर का प्राचीन शिव मंदिर भुईफोरवा नाथ भी पूरी तरह से बंद रहा। पुलिस सुरक्षा मौजूद रही।