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राम जन्मभूमि पर वसीम रिजवी ने बनाई फिल्म, लॉन्च किया ट्रेलर

वसीम रिजवी ने कहा कि इस फिल्म में किसी समुदाय या फिर धार्मिक भावनाओं को आहत नहीं किया गया है। समाज में फैली बुराइयों को फिल्म के माध्यम से सामने लाने की कोशिश की गई है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 03:58 PM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 04:11 PM (IST)
राम जन्मभूमि पर वसीम रिजवी ने बनाई फिल्म, लॉन्च किया ट्रेलर
राम जन्मभूमि पर वसीम रिजवी ने बनाई फिल्म, लॉन्च किया ट्रेलर

लखनऊ (जेएनएन)। शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन सैयद वसीम रिजवी की फिल्म 'राम जन्मभूमि' का आज पोस्टर व ट्रेलर लॉन्च हो गया। अयोध्या में 1990 के गोलीकांड के बाद उपजे हालात पर यह फिल्म आधारित है।

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पूरी तरह बनकर तैयार हो चुकी फिल्म दिसंबर में सिनेमाघरों में रिलीज होगी। फिल्म में विलेन मौलाना जफर खान पाकिस्तान एजेंट है, जिसे मस्जिद के नाम पर मुसलमानों को भड़काते हुए दिखाया गया है। वह हिन्दू और मुसलमानों में फसाद पैदा करने की कोशिश करता है।

वसीम रिजवी ने कहा कि इस फिल्म में किसी समुदाय या फिर धार्मिक भावनाओं को आहत नहीं किया गया है। समाज में फैली बुराइयों को फिल्म के माध्यम से सामने लाने की कोशिश की गई है। नफरत का माहौल खत्म हो यही फिल्म का उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि राम जन्मभूमि का जो मामला न्यायालय में विचाराधीन है उससे जुड़े किसी भी पहलू को इस फिल्म में नहीं दिखाया गया है।

इस फिल्म का निर्देशन खुद वसीम रिजवी ने किया है। विवादित स्थल पर वसीम रिजवी ने एक बार फिर दोहराया कि हम उस जगह को मस्जिद नहीं मानते। मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बनाई गई। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर एक तरफ विश्व हिंदू परिषद धर्मसभा की जोर-शोर से तैयारियों में जुटा है। वहीं मंदिर के पक्ष में खड़े शिया वक्फ बोर्ड के वसीम रिजवी ने राम जन्म भूमि पर फिल्म ही बना दी है। फिल्म की पटकथा वसीम रिजवी ने लिखी है और इसका निर्देशन भी खुद वसीम रिजवी ने ही किया है। विवादित स्थल पर वसीम रिजवी ने एक बार फिर दोहराया कि हम उस जगह को मस्जिद नहीं मानते। मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बनाई गई। अयोध्या में राम का जन्म हुआ, दुनिया इसे जानती है।

वसीम रिजवी ने कहा मैंने समझौते की कई बार कोशिश की। मैं कामयाब भले न हुआ हूं, लेकिन नाउम्मीद नहीं हुआ हूं। उन्होंने बताया कि उनकी यह फिल्म अयोध्या में कारसेवकों पर गोलीकांड से शुरू होती है। इसके साथ ही वसीम रिजवी ने कहा कि किसी धर्म विशेष को ठेस पहुंचाना उनका मकसद नहीं है।

30 अक्टूबर व दो नवंबर 1990 में कारसेवकों पर हुए गोलीकांड के बाद जो हुआ उसे कहानी के रूप में यह फिल्म पेश की गई है। फिल्म में एक सदानंद शास्त्री हैं जो रिटायरमेंट के बाद राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के संबंध में सक्रिय हैं। जबकि मौलाना जफर खान को विदेशी चंदे पर साजिश करता है। फिल्म में उसे शरई के नाम पर बहू के साथ हलाला करते हुए भी दिखाया गया है। अंत में मुसलमान उसकी हकीकत जान लेते हैं और वह देश छोड़ पाकिस्तान भागने पर मजबूर हो जाता है। फिल्म में वसीम रिजवी भी किरदार निभाते हुए नजर आएंगे।

फिल्म के डायरेक्टर सनोज मिश्र हैं। इसमें जाने-माने फिल्मी कलाकार मनोज जोशी व गोविन्द नामदेव ने काम किया है। सनोज मिश्र ने बताया कि फिल्म बड़े ही गोपनीय ढंग से बनाई गई है। कई बार शूटिंग के दौरान अयोध्या में दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

रिजवी ने कहा कि कट्टरपंथी समाज में मैंने छोटी सी आवाज उठाई गई थी। राम मंदिर अगर समझौते से बन जाए तो यह सबसे अच्छी बात होगी। इसको लेकर मेरी उम्मीदें अभी टूटी नहीं हैं। फिल्म में किसी भी धर्म विशेष को टारगेट नहीं किया गया है एक अच्छा और बुरा कैरेक्टर दिखाया गया है। इस तरह की फिल्म अगर मेरे नाम से सामने आ जाती तो हम लोग बहुत मार खाते। ऐसा कई कई जगह हुआ। मैं शूटिंग के दौरान भी नीमसार व अयोध्या में बहुत झेला था। अब इस फिल्म को दिसम्बर में किसी बड़ी एजेंसी से रिलीज कराने की तैयारी है।

टैक्स फ्री के लिए करेंगे आवेदन

फिल्म के लेखक व निर्माता वसीम रिजवी ने कहा कि फिल्म के रिलीज होने के समय वे सभी राज्यों में इसे टैक्स फ्री करने के लिए आवेदन करेंगे। फिल्म के विलेन मौलाना जफर खान के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि देश में ऐसे बहुत सारे जफर खान हैं जो विदेशी चंदे पर देश में आतंकी साजिश रचते हैं। इनकी जांच होनी चाहिए।  


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