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Nizamuddin Markaz chief Maulana Saad : वसीम रिजवी ने कहा-मौत बांटने निकले थे मौलाना साद, दर्ज हो हत्या का मुकदमा

Nizamuddin Markaz chief Maulana Saad वसीम रिजवी ने निजामुद्दीन मरकज में तब्लीगी जमात के मुखिया मो. साद पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 02 Apr 2020 02:03 PM (IST)Updated: Thu, 02 Apr 2020 02:03 PM (IST)
Nizamuddin Markaz chief Maulana Saad : वसीम रिजवी ने कहा-मौत बांटने निकले थे मौलाना साद, दर्ज हो हत्या का मुकदमा
Nizamuddin Markaz chief Maulana Saad : वसीम रिजवी ने कहा-मौत बांटने निकले थे मौलाना साद, दर्ज हो हत्या का मुकदमा

लखनऊ, जेएनएन। कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद भी दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में तब्लीगी जमात आयोजित कराने के मामले में मौलाना साद पर चारों तरफ से हमला हो रहा है। शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड चेयरमैन वसीम रिजवी लगातार इस मामले में हमला बोल रहे हैं।

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वसीम रिजवी ने निजामुद्दीन मरकज में तब्लीगी जमात के मुखिया मो. साद पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि तब्लीगी जमात ने देश में मस्जिदों से मौत बांटने का काम किया है। ऐसे में जमात या फिर इनके कारण किसी दूसरे की मृत्यु होने पर उसका दोषी मौलाना मोहम्मद साद को मानते हुए मृत्युदंड से कम सजा न दी जाए।

शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने कहा कि निजामुद्दीन मरकज के मौलाना साद के खिलाफ हत्या का केस दर्ज हो। रिजवी ने कहा कि वहाबी जमातियों को देखकर ऐसा लगता है कि उनका अल्लाह कोई और है, क्योंकि वह कहते हैं कि यह महामारी अल्लाह ने दी है और बंदों को इसके लिए अल्लाह से तौबा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर जमात में शामिल लोगों की वजह से कोरोना वायरस तेजी से फैलता है और किसी की भी मौत उस संक्रमण से होती है तो निजामुद्दीन मरकज के मौलाना मोहम्मद साद के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए। वसीम रिजवी ने कहा कि अल्लाह की इबादत करना और उससे तौबा करना अच्छी बात है, लेकिन अल्लाह कभी अपने बंदों पर जुल्म नहीं करता। यहां पर असल में यह कुछ इंसानों की गलतियां हैं, जिसे दुनिया भर के इंसानों को झेलना पड़ रहा है।

वसीम रिजवी ने एक वीडियो पर कहा कि कुछ मुसलमान झूम-झूम कर छींक रहे हैं। अगर यह वीडियो सही है तो कट्टरपंथी मुसलमानों की मस्जिदों और मदरसों में कोरोना बम तैयार किए जा रहे हैं। उन्होंने देश के सभी मुसलमानों से कट्टरपंथियों के चक्कर से बाहर निकलने की भी अपील की। इससे पहले वसीम रिजवी ने दिल्ली के निजामुद्दीन में हुए मामले पर मौलाना मोहम्मद साद पर आरोप लगाए। रिजवी ने कहा कि दिल्ली निजामुद्दीन से तबलीगी जमात के लोग मौत बांटने निकले थे।

ओसामा व अबु बकर बगदादी ने भी की थी तब्लीगी जमात की मदद

सैयद वसीम रिजवी ने कहा कि तब्लीगी जमात मुसलमानों का एक खतरनाक समूह है जो पूरी दुनिया में इस्लाम के प्रचार के नाम पर मुसलमान लड़कों को कट्टरपंथी बनाता है। इनका काम है- चार-चार, पांच-पांच के गुटों में शहरों-शहरों और गांव-गांव जाते हैं और मुसलमान लड़कों को रोककर उनको इस्लाम की बातें बताते हैं। रिजवी ने कहा कि यह जमात पूरी दुनिया में फैली है, हिंदुस्तान में भी इसके लाखों सदस्य हैं। चाहे अबु बकर बगदादी हो, या ओसामा बिन लादेन- यह सब तब्लीगी जमात के मददगार थे। तब्लीगी जमात को दुनिया के कट्टरपंथी और आतंकी मुल्ला ही चला रहे हैं। रिजवी ने कहा कि इनके पास पूरी दुनिया से पैसा आता है। यह कहा जाता है कि इस पैसे से मुस्लिम लड़कों को कट्टरपंथी बनाएं और इस्लाम का ऐसा प्रचार करें जिससे वह यह समझें कि अगर अल्लाह की राह में कुर्बानी भी देनी पड़ जाए तो देने से पीछे ना हटें। यह दुनिया तो खत्म हो जाएगी, दुनिया में जो भी इंसान आया है वह चंद दिनों के लिए आया है, असली जिंदगी उसको अल्लाह के लिए ही जीनी है। इस्लाम की बातों पर अमल करोगे और अल्लाह की राह में कुर्बानी के लिए हर वक्त तैयार रहोगे, तो अल्लाह तुमको मरने के बाद जन्नत में रखेगा और हर ऐशो आराम देगा।

रिजवी ने कहा कि भारत में मौलाना साद के चेले यह भी समझाते हैं की दुनिया में जो अल्लाह को नहीं मानते हैं, जो कुरान शरीफ को नहीं मानते हैं वह सब काफिर हैं और काफिर अल्लाह के दुश्मन हैं उनसे ना कारोबार करना चाहिए उनका ना तो खाना चाहिए और जब भी वक्त मिले तो उनको नुकसान पहुंचाना चाहिए। यह नौजवान लड़कों को यहां तक समझाते हैं कि काफिरों को मारना सवाब है अगर कोई शख्स एक काफिर को भी मार देता है तो उसको सौ हज का सवाब मिलेगा। इसी कारण ही इस तब्लीगी जमात को दुनिया का सबसे खतरनाक जमात माना जाता है।

रिजवी ने कहा कि कुल मिलाकर देखा जाए तो इनका काम सिर्फ और सिर्फ मुस्लिम नौजवान लड़कों को कट्टर बनाना है। जब कोई भी मुस्लिम लड़का कट्टर बन जाएगा तो वह आसानी से किसी भी आतंकी संगठन के लिए काम करने के लिए तैयार हो जाएगा और उसमें अगर कुर्बानी देने का जज्बा पैदा हो गया तो वह किसी भी आतंकी संगठन के लिए मानव बम बहुत आसानी बन सकता है। वह जब यह सोचने लगेगा कि अगर हम काफिरों को मार कर जन्नत चले जाएंगे तो इससे अच्छा और क्या हो सकता है।


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