शाहजहांपुर वकील हत्याकांड: यूपी में 20 को न्यायिक कार्यों से विरत रहेंगे अधिवक्ता, जानिए क्या है मांग
सोमवार को शाहजहांपुर कोर्ट परिसर में गोली लगने से हुई अधिवक्ता की मौत के बाद लखनऊ में स्वास्थ्य भवन चौराहे पर प्रशासन का पुतला जलाने के दौरान जलता पुतला एक वकील के ऊपर गिरा तो साथी अधिवक्ताओं ने बचाया।
लखनऊ, विधि संवाददाता। शाहजहांपुर कचहरी में वकील भूपेंद्र सिंह की गोली मारकर हुई हत्या के विरोध में सूबे के समस्त वकील 20 अक्टूबर को न्यायिक कार्यों से विरत रहेंगे। उप्र बार काउंसिल ने इस घटना पर गहरा दु:ख जताते हुए उस रोज प्रदेश की सभी बार एसोसिएशन से विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है। इधर, लखनऊ बार एसोसिएशन ने इस घटना के विरोध में उस रोज मुख्यमंत्री का पूतला फूंकने का एलान किया है।
सोमवार को उप्र बार काउंसिल की ओर से यह भी निर्णय लिया गया कि मृत वकील के परिवार को तत्काल 50 लाख की आर्थिक मदद व परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग राज्य सरकार से की जाए। साथ ही वकीलों की सुरक्षा के मद्देनजर प्रदेश में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट भी लागू करने की मांग की जाए। उप्र बार काउंसिल ने इसके साथ ही कचहरी परिसर में असलहा लेकर जाने पर सख्ती से रोक लगाने की मांग भी की है। ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृति न हो और वकील भयमुक्त वातावरण में न्यायिक कार्य कर सकें।
यह है पूरा मामला : शाहजहांपुर अदालत परिसर में सोमवार को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम (एसीजेएम) के रिकार्ड रूम में अधिवक्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई। आरोपित बुजुर्ग अधिवक्ता को पकड़ा गया तो पता चला कि उसने आपसी मुकदमेबाजी की रंजिश में वारदात को अंजाम दिया। सीसीटीवी फुटेज में भी सुरेश अदालत परिसर से भागता दिखा था । पांच घंटे के अंदर उसकी गिरफ्तार कर ली गई। उसने स्वीकारा किया कि तमंचे से गोली मारकर वह भाग गया था। प्रकरण शासन तक पहुंचा, जिसके बाद सुरक्षा में लापरवाही पर एक दारोगा समेत चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया।