चुनाव बाद लगी मोदी बनाम योगी होर्डिंग लगाने में उप्र नव निर्माण सेना के कई नेता गिरफ्तार
लखनऊ में उप्र नव निर्माण सेना सदस्यों पर पीएम मोदी और सीएम योगी की मानहानि का मुकदमा दर्ज कर ताबड़तोड़ छापेमारी में पार्टी के कई लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
जेएनएन, लखनऊ। पांच राज्यों में चुनाव परिणाम आने के बाद ही राजधानी में मुख्यमंत्री आवास के समीप उत्तर प्रदेश नव निर्माण सेना के सदस्यों ने मोदी बनाम योगी की होर्डिंग लगा दी। सूचना पर सक्रिय हजरतगंज पुलिस ने सेना अध्यक्ष अमित जानी के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मानहानि का मुकदमा दर्ज किया और ताबड़तोड़ छापेमारी कर पार्टी के कई लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पार्टी मुखिया अमित जानी इस मामले में मुख्य आरोपी हैं।
धर्म संसद आयोजन का एलान
चुनाव परिणाम आने के साथ ही रातोरात यह होर्डिंग हजरतगंज क्षेत्र समेत कुछ स्थानों पर लगाई गई। इसमें 10 फरवरी, 2019 को रमाबाई अंबेडकर मैदान में धर्म संसद के आयोजन का एलान भी किया गया था। बुधवार सुबह होर्डिंग की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद शासन स्तर पर भी हड़कंप मच गया। तब पुलिस सक्रिय हुई। बाद में प्रकरण की रिपोर्ट लिखाने को लेकर पुलिस व नगर निगम के बीच खींचतान तक हुई। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के निर्देश पर पार्करोड चौकी प्रभारी फिरोज आलम की ओर से एफआइआर दर्ज कराई गई। एफआइआर में प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के प्रति शासन विरोधी बातों का जिक्र किया गया है। बिना अनुमति के होर्डिंग लगाने, मानहानि व लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है। एडीजी कानून-व्यवस्था आनन्द कुमार का कहना है कि प्रकरण की गहनता से जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जायेगी।
मायावती की मूर्ति तोडऩे में शामिल था अमित
अमित जानी का विवादों से पुराना नाता रहा है। अमित ने 26 जुलाई 2012 को सबसे पहले पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की मूर्ति तोड़ दी थी, जिसके बाद वह पहली बार चर्चा में आया था। आरोपित को एक दिन बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। विवेचना के दौरान अमित पर राष्ट्रद्रोह की धारा के तहत भी कार्रवाई की गई थी। पुलिस के अनुसार अमित के खिलाफ कई अन्य मुकदमे भी दर्ज हैं।
हाई सिक्योरिटी जोन में कैसे लगी होर्डिंग
मुख्यमंत्री आवास के करीब जिस स्थान पर होर्डिंग लगाई गई है, वह हाई सिक्योरिटी जोन में आता है। इस स्थान पर व कुछ अन्य स्थानों पर ऐसी होर्डिंग कब और किसने लगा दीं, इसकी पुलिस प्रशासन को भनक तक नहीं लगी। नगर निगम के अधिकारियों के पास भी इसका जवाब नहीं है कि होर्डिंग कैसे लगी।