भर्तियों में भ्रष्टïचार की निगरानी करेंगे सात पूर्व अफसर
उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग के भ्रष्टाचार के विरुद्ध लामबंद पूर्व वरिष्ठ अफसर सिर्फ कानूनी लड़ाई तक ही सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि वह सामने आकर होने वाली सभी भर्तियों में भ्रष्टाचार की निगरानी करेंगे और प्रतियोगी छात्रों की पूरी मदद को भी तैयार रहेंगे। इसकी शुरुआत हो गई है आयोग अध्यक्ष
लखनऊ। उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग के भ्रष्टाचार के विरुद्ध लामबंद पूर्व वरिष्ठ अफसर सिर्फ कानूनी लड़ाई तक ही सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि वह सामने आकर होने वाली सभी भर्तियों में भ्रष्टाचार की निगरानी करेंगे और प्रतियोगी छात्रों की पूरी मदद को भी तैयार रहेंगे। इसकी शुरुआत हो गई है आयोग अध्यक्ष को भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए पत्र भी लिखा गया है।
भारत पुनरोत्थान अभियान (आइआरआइ) की ओर से लोकसेवा आयोग अध्यक्ष अनिल यादव को लिखा गया है कि शासकीय नौकरियों में होने वाली भर्तियों में भ्रष्टाचार व्यापक होने की शिकायतें मिल रही हैं। सरकारी नौकरियों में स्पष्ट प्रक्रिया है और इसमें ईमानदारी से नौकरी मिलनी चाहिए, लेकिन रिश्वत खोरी का बोलबाला है। ऐसे में आइआरआइ ने यह तय किया है कि सरकारी पदों पर होने वाली भर्तियां चाहे वह उप्र लोकसेवा आयोग के माध्यम से हो रही हो या फिर अधीनस्थ सेवा आयोग, माध्यमिक अथवा उच्च शिक्षा आयोग या पुलिस व लेखपाल भर्ती ही क्यों न हो में भ्रष्टाचार समाप्त हो इसके लिए सार्थक पहल करेगा। इसके लिए आइआरआइ ने सात सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है जिसमें पूर्व पूर्व डीजीपी जेएफ रिबेरो, पूर्व आइएएस एसएटी रिजवी, पूर्व डीजीपी आइसी द्विवेदी व प्रकाश सिंह, पूर्व प्रमुख सचिव एसएन शुक्ल, पूर्व लोकसेवा आयोग अध्यक्ष एसआर लाखा व पूर्व एडीजीपी एसएन सिंह सदस्य बने हैं। यह समिति भर्तियों की निगरानी करेगी और अभ्यर्थियों से संबंधित मामलों में संपर्क करके अनियमितताओं के साक्ष्य इकट्ठा करके प्रभावी कार्रवाई करेगी। पत्र में आयोग अध्यक्ष से ईमानदारी से कार्य करने की अपेक्षा की गई है साथ ही व्यापम घोटाले की चर्चा करके उन्हें आगाह भी किया है। आइआरआइ ने लोकसेवा आयोग की सीबीआइ से जांच के लिए भी पीआइएल दाखिल कर रखी है, जिस पर शुक्रवार को बहस होनी थी, किंतु शिक्षा मित्रों की सुनवाई कारण वह सोमवार तक के लिए टल गई है।