सात जिलों में सूखे के हालात, 37 जगहों पर कम हुई बारिश lucknow news
चार में अत्यधिक तो 34 जिलों में ही हुई सामान्य बारिश। सावन में पिछले वर्ष के मुकाबले कम बरसे मेघ।
लखनऊ, (रूमा सिन्हा)। उम्मीद थी कि सावन झूमकर बरसेगा और ताल-तलैया, खेतों के साथ-साथ धरती की गोद भी लबालब हो जाएगी। लेकिन, फिलहाल सावन का रुख देखते हुए तो ऐसा नहीं लगता। सावन बीतने में महज कुछ दिन शेष हैं। आसमान में बादल तो छाए हैं, लेकिन झूमकर नहीं बरस रहे। हालत ये है कि राज्य के सात जिलों में सूखे जैसे हालात हैं तो 37 जिलों में औसत से कम बारिश हुई है।
मौसम विभाग के अनुसार सूबे में चार अगस्त तक सामान्य 411.5 मिमी के सापेक्ष 344 मिमी बारिश रिकॉर्ड हुई है, जबकि पिछले वर्ष इस दौरान 384.4 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई थी। अब तक हुई कुल बारिश पर नजर डालें तो सूबे के 37 जिले ऐसे हैं, जहां कम बारिश हुई है। हालांकि, मौसम विभाग के अनुसार अगले एक हफ्ते में अच्छी बारिश होने की उम्मीद है।
इस बार चार ही जिलों में 120 फीसद से अधिक बारिश
प्रदेश में इस बार चार जिलों श्रावस्ती, अंबेडकर नगर, बलिया और बहराइच में 120 फीसद से अधिक बारिश रिकॉर्ड हुई है, जबकि बीते वर्ष 19 जिले ऐसे थे, जहां अत्यधिक बारिश रिकॉर्ड हुई थी। वहीं, लखनऊ समेत 34 जिलों में सामान्य (80-120 फीसद) बारिश हुई। यह पिछले वर्ष के मुकाबले अधिक रही, जिसमें केवल 31 जिलों में ही सामान्य वर्षा हुई थी। लखनऊ में सामान्य 417.2 मिमी के सापेक्ष अब तक कुल 390.3 मिमी बारिश ही हुई है।
37 जिलों में सामान्य से कम बारिश
मौसम विभाग के अनुसार कम बारिश (60-80 फीसद) श्रेणी में प्रदेश के 22 जिले शामिल हैं। नौ जिले उन्नाव, हापुड़, संभल, फतेहपुर, अमरोहा, अलीगढ़, बुलंदशहर में मेघ बहुत कम (40-60 फीसद) मेहरबान रहे हैं।
आधा दर्जन जिले सूखे की चपेट में
सूबे के आधा दर्जन जिलों पीलीभीत, महोबा, कौशांबी, शामली, कानपुर देहात व गाजियाबाद में सूखे जैसे हालात हैं। यहां 40 फीसद से भी कम बारिश रिकॉर्ड हुई है।
दो-तीन दिन बारिश के आसार
मौसम विभाग के अनुसार अगले दो-तीन दिनों तक लखनऊ में अच्छी बारिश की उम्मीद है। सोमवार को राजधानी में शाम साढ़े पांच बजे तक 23.8 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। अधिकतम तापमान 33.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ। मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार को भी आसमान में बादल छाए रहेंगे और दो-तीन बार तेज बौछारें पड़ सकती हैं।
क्या कहतेे है अधिकारी
फिलहाल कृषि को किसी तरह का खतरा नहीं है। जो किसान बोवाई नहीं कर पाए हैं, ऊंचाई वाले स्थान पर दलहनी फसलें जैसे अरहर, उड़द, मूंग लगा सकते हैं। धान की बोवाई लगभग पूरी हो चुकी है।
-डॉ. पकंज त्रिपाठी, संयुक्त निदेशक, कृषि विभाग
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