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विधानसभा में सात विधेयक पारित, महाविद्यालयों के 736 मानदेय प्रवक्ता होंगे विनियमित

विधानसभा में शुक्रवार को सात विधेयक पारित किये गये। इन विधेयकों में उप्र उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग (संशोधन) विधेयक, 2018 भी है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Fri, 31 Aug 2018 09:26 PM (IST)Updated: Fri, 31 Aug 2018 09:26 PM (IST)
विधानसभा में सात विधेयक पारित, महाविद्यालयों के 736 मानदेय प्रवक्ता होंगे विनियमित
विधानसभा में सात विधेयक पारित, महाविद्यालयों के 736 मानदेय प्रवक्ता होंगे विनियमित

लखनऊ (जेएनएन)। विधानसभा में शुक्रवार को सात विधेयक पारित किये गये। इन विधेयकों में उप्र उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग (संशोधन) विधेयक, 2018 भी है, जिसके जरिये अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों में 29 मार्च 2011 या उसके पूर्व नियुक्त 736 मानदेय शिक्षकों को विनियमित किये जाने का रास्ता साफ हो जाएगा।

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शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने आवश्यक कार्यवाही के बाद उप्र उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग (संशोधन) विधेयक, 2018, उप्र राज्य औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड (आस्तियों एवं दायित्वों का अंतकरण) विधेयक, 2018, उप्र शीरा नियंत्रण (संशोधन) विधेयक, 2018, उप्र प्लास्टिक और अन्य जीव अनाशित कूड़ा-कचरा (उपयोग और निस्तारण का विनियमन) (संशोधन) विधेयक, 2018, किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, उप्र (संशोधन) विधेयक, 2018, उप्र निरसन विधेयक, 2018, उप्र शीरा नियंत्रण (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2018 पारित किये जाने की घोषणा की। इसके पहले विपक्षी सदस्यों ने छह विधेयकों को प्रवर समिति को सौंपे जाने की मांग की जो नामंजूर हो गई।

मानदेय शिक्षकों के विनियमितीकरण में आरक्षण का होगा पालन 

संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा है कि सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में मानदेय शिक्षकों के विनियमितीकरण में आरक्षण के नियमों का पालन होगा। उन्होंने बताया कि 736 शिक्षक विनियमित होंगे। दरअसल, इस विधेयक के पेश किये जाने पर बसपा दल नेता लालजी वर्मा ने आपत्ति जताई कि इसकी प्रति सदस्यों को नहीं दी गई। नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने भी वर्मा का समर्थन किया। इस पर सुरेश खन्ना ने शिक्षकों के विनियमितीकरण की मंशा से सदस्यों को अवगत कराया लेकिन, सदस्य इसे प्रवर समिति को सौंपने की मांग कर रहे थे। लालजी वर्मा ने मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि नियमितीकरण में आरक्षण के नियमों का पालन हो रहा है या नहीं। चौधरी की भी यही दलील थी। खन्ना ने कहा कि हम नियमों का पालन करते और फिर परंपराओं का। खन्ना ने कहा कि आरक्षण की चिंता आपको नहीं, हमको भी है। विपक्ष के सदस्य इस विधेयक को प्रवर समिति को सौंपने या सदन की कार्यवाही बढ़ाने की मांग कर रहे थे। उनका जोर था कि 27 फीसद ओबीसी और 21 फीसद दलितों के लिए आरक्षण के हिसाब से मानदेय शिक्षकों को विनियमितीकरण होना चाहिए। खन्ना ने दोहराया कि आरक्षण पर हम नियमावली का पालन करेंगे और 19 फरवरी 2016 का जो शासनादेश है वह लागू होगा। वर्मा का कहना था कि आप कहते हैं कि आरक्षण का पालन करेंगे लेकिन ऐसा हथकंडा अपनाते हैं कि उसका पालन न हो। 

यूपीएसआइडीसी होगा यूपीसीडा में होगा मर्ज

औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड आस्तियों एवं दायित्वों का अंतकरण विधेयक पारित करने का प्रस्ताव रखते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम (यूपीएसआइडीसी) अब उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) में मर्ज होगा। सपा सदस्य उज्ज्वल रमण सिंह इसे प्रवर समिति को सौंपने की मांग कर रहे थे। महाना ने इसकी विशेषता बताई और कहा कि जो कुछ पहले हुआ उससे सपा के लोग सहमे हैं। उन्होंने भरोसा दिया कि यह औद्योगिक विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। 

शीरा नियंत्रण के लिए अर्थदंड और सजा का प्रावधान 

आबकारी मंत्री जयप्रताप सिंह ने शीरा नियंत्रण विधेयक की विशेषता बताते हुए कहा कि इसमें अर्थदंड की धाराओं को और मजबूत करने का प्रावधान किया गया है। अवैध तरीके से शीरा ले जाने वालों पर जुर्माना लगेगा। विपक्ष ने शीरा नियंत्रण के दोनों विधेयकों में संशोधन की मांग उठाई। सपा के नरेंद्र वर्मा का कहना था कि प्रदेश की चीनी मिलों में शीरा रखने की जगह नहीं है और अगर वह किसान को फ्री में भी दें तो कोई लेने वाला नहीं है। ऐसे में इस कानून का कोई औचित्य नहीं है। किसान अपने निजी काम के लिए भी शीरा लेकर जाएगा तो उसका उत्पीडऩ होगा। बसपा के सुखदेव राजभर ने सवाल उठाए। 

पालीथिन उत्पादकों पर सजा और जुर्माना का प्रावधान

नगर विकास और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि पर्यावरण संतुलन के लिए पालीथिन पर प्रतिबंध जरूरी है। इसके उत्पादकों पर भी सजा और जुर्माना का बड़ा प्रावधान है। वह विपक्षी सदस्यों को जवाब दे रहे थे। इसके पहले प्लास्टिक के उपयोग और निस्तारण के विधेयक को प्रवर समिति को सौंपने की मांग बसपा के रीतेश पांडेय और सपा के उज्ज्वल रमण ने उठाई। रीतेश का तर्क था कि गरीब लोगों पर कार्रवाई का प्रावधान है लेकिन इसका उत्पादन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। उज्ज्वल रमण ने जुर्माना की राशि बढ़ाने की मांग की। रमण ने कहा कि 19 राज्यों में पालीथिन प्रतिबंध है लेकिन, सब जगह पालीथिन का प्रयोग हो रहा है। 

95 हजार अनुपयोगी कानून होंगे समाप्त

उप्र निरसन विधेयक पारित करने के लिए कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने अनुरोध किया। बिना किसी व्यवधान यह विधेयक पारित हो गया। इससे 95 अनुपयोग कानून समाप्त हो जाएंगे।


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