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फर्जी मार्कशीट बनाकर ठगी करने में सात गिरफ्तार, आरोपितों में मेडिकल छात्रा भी Lucknow news

460 फर्जी मार्कशीट समेत बड़ी मात्रा में सामान बरामद गोरखधंधे में महिला भी शामिल। अलग-अलग विवि से बनवाते थे बी-फार्मा और डी-फॉर्मा की फर्जी मार्कशीट व सर्टिफिकेट।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Fri, 25 Oct 2019 08:13 PM (IST)Updated: Sat, 26 Oct 2019 07:11 AM (IST)
फर्जी मार्कशीट बनाकर ठगी करने में सात गिरफ्तार, आरोपितों में मेडिकल छात्रा भी Lucknow news
फर्जी मार्कशीट बनाकर ठगी करने में सात गिरफ्तार, आरोपितों में मेडिकल छात्रा भी Lucknow news

लखनऊ, जेएनएन। अलीगंज पुलिस ने जालसाजों के ऐसे बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो देशभर के अलग-अलग विश्वविद्यालयों से बी फार्मा, डी फार्मा की नकली मार्कशीट, सर्टिफिकेट बनाकर बेरोजगारों से करोड़ों रुपये ऐंठ चुके हैं। नकली मार्कशीट तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान समेत देश के अन्य राज्यों के विश्वविद्यालयों से बनवाते थे।

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पकड़े गए जालसाजों में गिरोह के मास्टरमाइंड कानपुर देहात निवासी दिनेश सचान उर्फ दीपक, लखनऊ के माल थाना क्षेत्र निवासी प्रमोद अवस्थी, वाराणसी निवासी गुंजेश कुमार, सरोजनीनगर निवासी विशाल वर्मा, कृष्णानगर निवासी शैलेश कुमार, वाराणसी निवासी अतुल कुमार व गोमतीनगर निवासी महिला शाइस्ता सिद्दीकी है। इनकी गिरफ्तारी अलीगंज में गोयल मोड़ के पास हुई।

दिनेश और शाइस्ता ने बी-फार्मा का कोर्स कर रखा है। शाइस्ता मेडिकल की पढ़ाई भी कर रही है। इसके अलावा सभी आरोपित स्नातक तक पढ़ाई कर चुके हैं। शाइस्ता के पिता उत्तर प्रदेश फार्मेसी काउंसिल से रिटायर्ड हैं। आरोपितों के कब्जे से देश के विभिन्न विवि की 460 फर्जी मार्कशीट, सर्टिफिकेट, ब्लैंक रसीदें, फॉर्म, 92 मोहरें, 1,49,300 रुपये, 12 मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, प्रिंटर, दो कारें, एक बुलेट बाइक समेत अन्य सामान बरामद हुए हैं।

उत्तर प्रदेश फार्मेसी काउंसिल के सात लिपिक व दलाल हैं वांडेट

इंस्पेक्टर अलीगंज फरीद अहमद ने बताया कि उत्तर प्रदेश फार्मेसी काउंसिल लखनऊ के तीन लिपिक विजय कुमार, विकास सिंह, सतीश विश्वकर्मा और दलाल अमित राय, सुशांत, गिरीश व तरुण के नाम भी सामने आए हैं। सातों कर्मचारी वांडेट हैं और पुलिस को उनकी तलाश है।

मुकदमे के बाद शुरू हुई तलाश

एएसपी ट्रांसगोमती अमित कुमार ने बताया कि फर्जी मार्कशीट बनवाकर फंसने के मामले में पीडि़तों ने अलीगंज और चौक कोतवाली में दो मुकदमे दर्ज कराए थे, जिसके बाद जालसाजों की तलाश शुरू हुई और उन्हें बेनकाब किया गया।

एक लाख में बनाते थे एक नकली मार्कशीट, ऐसे करते थे ठगी

एएसपी अमित कुमार ने बताया कि मास्टरमाइंड दिनेश सचान गिरोह की महिला सदस्य शाइस्ता सिद्दीकी के साथ एनजीओ भी चलाता है। एनजीओ के आड़ में देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों की फर्जी मार्कशीट तैयार करके फार्मेसी कार्यालय में जमा कर देते थे। फर्जी तरह से सत्यापन की प्रक्रिया भी करवा लेते थे। एक मार्कशीट पर प्रत्येक अभ्यर्थी से 80 हजार से एक लाख तक की धनराशि लेते थे। इसके बाद लिपिकों की सेटिंग से उत्तर प्रदेश फार्मेसी काउंसिल लखनऊ का रजिस्ट्रेशन व ग्रीन कार्ड भी जारी करवा देते थे। इसके आधार पर अभ्यर्थी मेडिकल स्टोर आदि का व्यवसाय कर सकता था। 


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