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लखनऊ में नवजात को नोच रहे थे कुत्ते, महिलाओं ने बचाई जान Lucknow News

मानसिक विक्षिप्त महिला का सदर बाजार पुल के नीचे हुआ था प्रसव झलकारी बाई अस्पताल में उपचार शुरू किया गया।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Wed, 29 Jan 2020 01:40 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jan 2020 01:40 PM (IST)
लखनऊ में नवजात को नोच रहे थे कुत्ते, महिलाओं ने बचाई जान Lucknow News
लखनऊ में नवजात को नोच रहे थे कुत्ते, महिलाओं ने बचाई जान Lucknow News

लखनऊ, जेएनएन। चेतना को झकझोरने के लिए यह तथ्य ही काफी है कि सड़कों पर घूमती-फिरती एक विक्षिप्त महिला गर्भवती हो जाए। उस दृश्य की कल्पना कीजिए जब सड़क पर ही उसका प्रसव हो और बच्चे की पहली किलकारी पर ही उसे मां की ममतामयी गोद नहीं, बल्कि आवारा कुत्तों के पंजे और दांत मिलें। वे कुत्ते जो आहार समझकर उस पर झपट पड़े थे। न शिशु अपनी रक्षा कर सकता था और न उसकी विक्षिप्त मां शारीरिक और मानसिक रूप से इस दशा में थी कि अपने लाल को बचा सके। इंसानियत के तार-तार होने का यह दृश्य किसी को भी हिला सकता है। ये संयोग ही था कि बच्चे के क्रंदन और कुत्तों के भौंकने की आवाज ने कुछ महिलाओं को चौंका दिया और वे वहां पहुंच गईं। उन्होंने कुत्तों को भगाया और मां-बच्चे को अस्पताल में भर्ती भी कराया।

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छावनी के सदर बाजार पुल के नीचे मानसिक विक्षिप्त महिला ने एक बच्चे को सोमवार देर रात जन्म दिया। नवजात की किलकारियां गूंजी कि वहां घूम रहे आवारा कुत्ते उस पर टूट पड़े। कुत्तों को नवजात को नोचते देख आसपास रहने वाली महिलाओं ने उसको बचाया और मां व बच्चे को झलकारी बाई अस्पताल लाकर भर्ती कराया। जहां बच्चे के साथ प्रसूता का उपचार किया जा सका।

सोमवार रात करीब दो बजे मानसिक विक्षिप्त महिला प्रमिला ने सदर पुल के नीचे एक नवजात को जन्म दिया। नवजात पर कुत्ते टूट पड़े तो वहां गुजर रही मखनिया मोहाल की गीता देवी की नजर उस पर पड़ी। गीता देवी ने कुत्तों को भगाया और इसकी सूचना मखनिया मोहाल के विकास यादव को दी। विकास जब मौके पर पहुंचे तो नवजात को जख्मी देख उसे झलकारी बाई अस्पताल ले जाने के लिए 108 एंबुलेंस को फोन किया। महिला व नवजात को लेकर मखनिया मोहाल की रहने वाली मीना रात पौने तीन बजे झलकारी बाई अस्पताल पहुंची। घायल बच्चे को कुत्तों ने कई जगह से नोच लिया था। यहां प्रसूता और नवजात को भर्ती कराने के बाद करीब दो घंटे तक उनका उपचार किया गया। सुबह छह बजे डॉक्टरों ने प्रसूता और बच्चे के खतरे से बाहर होने की जानकारी दी।

क्‍या कहते हैं अफसर ?

झलकारीबाई अस्पताल के सीएमएस डॉ. सुधा वर्मा के मुताबिक, महिला मानसिक विक्षिप्त थी। कैंट एरिया से सोमवार को जब अस्पताल लाया गया था तो महिला की डिलीवरी रास्ते में हो चुकी थी। उसे भर्ती कर प्राथमिक उपचार दिया गया। बुधवार की शाम को कैंट के एसीपी की अनुमति से महिला को पुलिस कांस्टेबल के साथ प्रागनारायण शरणालय भेज दिया गया।


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