योगी का तोहफा : एमएलसी को भी टोल प्लाजा पर मिलेगा वीआइपी ट्रीटमेंट
उत्तर प्रदेश में सांसद, मंत्री तथा विधायकों तर्ज पर अब विधान परिषद के सदस्यों को भी हर टोल प्लाजा पर वीआईपी सुविधाओं का लाभ मिलेगा।
लखनऊ (जेएनएन)। सांसद, मंत्री, विधायक की तर्ज पर अब उत्तर प्रदेश में सभी विधान परिषद सदस्यों के वाहनों को टोल प्लाजा पर वीआइपी ट्रीटमेंट मिलेगा। इनके वाहनों को भी अलग लेन से निकालने की एडवाइजरी प्रदेश सरकार ने जारी की है।
उत्तर प्रदेश में सांसद, मंत्री तथा विधायकों तर्ज पर अब विधान परिषद के सदस्यों को भी हर टोल प्लाजा पर वीआईपी सुविधाओं का लाभ मिलेगा। यूपी विधान परिषद में कई एमएलसी ने टोल प्लाजा पर माननीय के तौर पर पहचान ना होने का मुद्दा जब उठाया तो राज्य सरकार के पीडब्ल्यूडी विभाग ने एनएचएआई के टोल प्लाजा को एक एडवाइजरी जारी कर दी।
राज्य सरकार की ओर से जारी इस एडवाइजरी में कहा गया कि माननीयों को टोल पर लगे जाम की सूरत में इमरजेंसी लेन का इस्तेमाल करने की छूट दी जाए जो आमतौर पर एंबुलेंस, इमरजेंसी सेवाओं, केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और अति विशिष्ट लोगों को दी जाती है। टोल प्लाजा पर ज्यादातर कर्मचारी सांसद, मंत्री और विधायक को तो पहचानते हैं लेकिन एमएलसी को नहीं जानते।
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एडवाइजरी में लिखा है कि एमएलसी यानी विधान परिषद् के सदस्यों को भी वही सुविधाएं मिलें जो विधायकों और सांसदों को दी जाती हैं। एडवाइजरी में यह भी लिखा है कि टोल प्लाजा के कर्मचारी एमएलसी के साथ शिष्टाचार से पेश आएं क्योंकि एमएलसी भी उन्हीं विशेष लोगों की सूची में हैं जिसे एनएचएआई ने बता रखा है।
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समाजवादी पार्टी के एमएलसी उदयवीर सिंह ने इस मुद्दे को विधान परिषद् में उठाया था जिसका सदन के सभी सदस्यों ने समर्थन किया था। सपा विधायक ने कहा था कि किसी एमएलसी को कोई पहचानता नहीं है और हम लोगों को टोल प्लाजा पर परेशानी होती है।
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वहां हमारे साथ बदतमीजी तक की जाती है। जिसकी वजह से हमारे लिए भी कुछ ऐसा ही होना चाहिए जिससे आने जाने में सुविधा हो सके।