लखनऊ चिड़ियाघर की शान 'शिशिर' की थमीं सांसें, 11 साल पहले ओडिशा से लाया गया था
नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान के सबसे बुजुर्ग बाघ शिशिर की मौत से शोक की लहर। 11 साल पहले नंदन कानन प्राणि उद्यान से बाघिन इप्सिता के साथ आया था शिशिर।
लखनऊ(जागरण संवाददाता)। राजधानी के नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान में पिछले लगभग 12 वर्षो से दर्शकों के दिलों में अपनी जगह बना चुके बुजुर्ग बाघ शिशिर की बुधवार सुबह सांसें थम गर्इ्र। बताया गया कि वह पिछले कई दिनों से बीमार चल रहा था। चंद दिन पहले ही उसने भोजन छोड़ दिया था। सिर्फ लिक्विड डाइट ले रहा था। डॉक्टरों की निगरानी में उसका इलाज चल रहा था, लेकिन उम्र ज्यादा होने की वजह से तबीयत में ज्यादा सुधार नहीं हो सका। बाघ शिशिर की मौत से लखनऊ चिड़ियाघर में शोक की लहर दौड़ गई। कर्मचारी, कीपर, के अलावा अधिकारी भी दुखी हैं। अधिकतम आयु जी चुका था शिशिर:
जू के निदेशक आरके सिंह ने बताया कि भोजना छोड़ने के बाद शिशिर सुस्त और कमजोर हो गया था। चिड़ियाघर के पशु चिकित्सकों की देखरेख में शिशिर की देखभाल की जा रही थी, लेकिन उसकी उम्र 17 वर्ष से अधिक थी। औसतन एक बाघ की उम्र 14 से 15 साल तक की ही होती है। फिलहाल अभी पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। मौत का स्पष्ट कारण रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा। 11 साल पहले लाया गया था शिशिर :
2007 में ओडिशा के भुवनेश्वर में स्थित नंदन कानन प्राणि उद्यान से शिशिर को लखनऊ के नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान में लाया गया था। उस समय शिशिर की आयु करीब छह वर्ष थी। शिशिर के साथ ही बाघिन इप्सिता भी नंदन कानन प्राणि उद्यान से लखनऊ चिड़ियाघर लाई गई थी।