After Ayodhya Verdict: रामलला की सुरक्षा के लिए बन रही भविष्य की रणनीति
After Ayodhya Verdict अयोध्या में मंदिर निर्माण को ध्यान में रख कर भविष्य की सुरक्षा रणनीति गढऩे का कार्य शुरू हो चुका है।
अयोध्या [रविप्रकाश श्रीवास्तव]। फैसला आने के बाद रामलला की सुरक्षा को लेकर नए सिरे से कार्ययोजना तैयार की जा रही है। मंदिर निर्माण को ध्यान में रख कर भविष्य की सुरक्षा रणनीति गढऩे का कार्य शुरू हो चुका है। इसके तहत राममंदिर सहित संपूर्ण अयोध्या की सुरक्षा में बड़े परिवर्तन की रूपरेखा खींची जा रही है। वर्ष 2005 में हुए आतंकी हमले के बाद से रामलला की हिफाजत मुख्य रूप से आतंकी खतरे को ध्यान में रख कर हो रही है। राम मंदिर निर्माण के बाद श्रद्धालुओं के साथ-साथ पर्यटकों की आमद में इजाफा होगा। इसमें सबसे महत्वपूर्ण पर्यटन थाना की स्थापना है। पर्यटकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एसएसपी आशीष तिवारी की देखरेख में पर्यटन पुलिस का प्रस्ताव तैयार हो रहा है।
मंदिर बनने के बाद भी रेड और यलो जोन की व्यवस्था कायम रहेगी। सुरक्षा व निगरानी की हाईटेक तकनीक से इस क्षेत्र को अपग्रेड किए जाने का प्रस्ताव है। रामलला के रखवालों को मंदिर परिसर के निकट ही स्थान दिया जाएगा। इसके लिए अयोध्या में टेढ़ी बाजार व तुलसी कन्या इंटर कॉलेज के पास 600-600 क्षमता के बैरक व हॉस्टल बनाए जाएंगे। इसके लिए जमीन चिह्नित हो चुकी है। थाना रामजन्मभूमि और अयोध्या कोतवाली के लिए भी नया भवन बनाया जाएगा। इसके लिए भी जमीन की तलाश लगभग पूरी कर ली गई है। उच्च क्षमता के आधुनिक सीसी कैमरे पूरी अयोध्या में लगाए जाएंगे।
आतंकी हमले के बाद तीन जोन में बंट गई अयोध्या
वर्ष 2005 में हुए आतंकी हमले के बाद रामकोट में सुरक्षा और निगरानी को और सख्त कर दिया गया। इस हमले ने केंद्र व राज्य सरकारों को अयोध्या की सुरक्षा के बारे में नए सिरे से सोचने पर मजबूर किया है। सुरक्षा के लिहाज से रेड, ग्रीन और यलो जोन के रूप में अयोध्या को तीन हिस्सों में बांट दिया गया। यह अभी तक बरकरार है।
एसएसपी अयोध्या आशीष तिवारी ने बताया कि पर्यटन पुलिस के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। रेड और यलो जोन की सुरक्षा को अपग्रेड किया जाएगा। सुरक्षा को और पुख्ता बनाने के साथ उसमें आधुनिक तकनीक का अधिक समावेश होगा।