लखनऊ में दूसरे पुलिस आयुक्त का एक साल पूरा, आंकड़ों के मुताबिक अपराधिक घटनाओं में आई कमी
आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2020 के अपेक्षा उनके कार्यकाल में अपराध में कमी आई है। वहीं थानों में दर्ज होने वाले मुकदमों की संख्या में भी कमी दर्ज की गई है। आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2018-19 में 19878 वर्ष 2019-20 में 15090 और वर्ष 2020-21 में 14147 मुकदमे पंजीकृत हुए।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर गुरुवार को एक साल का कार्यकाल पूरा कर रहे हैं। दूसरे पुलिस आयुक्त के तौर पर उनका सफर उतार चढ़ाव वाला रहा। आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2020 के अपेक्षा उनके कार्यकाल में अपराध में कमी आई है। वहीं, थानों में दर्ज होने वाले मुकदमों की संख्या में भी कमी दर्ज की गई है। आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2018-19 में 19878, वर्ष 2019-20 में 15090 और वर्ष 2020-21 में 14147 मुकदमे पंजीकृत हुए हैं।
चर्चा में रहा अजीत सिंह हत्याकांड : विभूतिखंड में कठौता चौराहे के पास मऊ के ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि अजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्याकांड काफी चर्चा में रहा। इसमें पूर्व सांसद धनंजय सिंह की भूमिका उजागर हुई। पुलिस ने हमलावराें को गिरफ्तार कर घटना का राजफाश किया था। धनंजय पर इनाम घोषित है।
मुठभेड़ में मारा गया था गिरधारी : अजीत सिंह हत्याकांड में शामिल एक लाख के इनामी गिरधारी को पुलिस ने रिमांड पर लिया था। गिरधारी ने हत्या की साजिश रची थी और सभी शूटरों को इकट्ठा किया था। पुलिस गिरधारी को लेकर असलहा बरामद करने के लिए जा रही थी। इसी बीच वह दारोगा का लाइसेंसी असलहा छीनकर भागने लगा था और विरोध पर फायरिंग शुरू कर दी थी। जवाबी कार्रवाई में गिरधारी को गोली लगी थी और उसने दम तोड़ दिया था।
पकड़े गए साइबर अपराधी : पुलिस आयुक्त के निर्देश पर साइबर जालसाजों के खिलाफ अभियान चलाकर उनकी गिरफ्तारी की गई। लोगों के खोतों से करोड़ों निकालने वाले गिरोह के कई जालसाज जेल में बंद हैं। इसके अलावा अरबों रुपये हड़पने के आरोपित साइन सिटी कंपनी के निदेशक आसिफ नसीम को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया। यही नहीं, आर संस, अनी बुलियन व वास्तु इंफ्रा समेत अन्य कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की। दूसरे पुलिस आयुक्त के कार्यकाल में डकैती की पांच, लूट के 22, हत्या के 77 बलवा के 48, वाहन चोरी के 1303 व दुष्कर्म के 77 मामले सामने आए। अपराध के ये आंकड़े पिछले वर्ष की अपेक्षा कम हैं।