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Corona को हराएगा Valentine's Day, लखनऊ में प्रेमियों को ही नहीं स्‍वास्‍थ्‍य कर्मियों को भी है इंतजार; जानिए क्‍या है मामला

अब लखनऊ में वैलेंटाइन डे वैक्सीन से बनेगी एंटीबॉडी 16 जनवरी को टीका लगवा चुके सभी स्वास्थ्य कर्मियों को है वैलेंटाइन डे का इंतजार। पहले चरण में अब तक 51000 स्वास्थ्य कर्मियों के सापेक्ष 32 हजार से अधिक को वैक्सीन लगाई जा चुकी है।

By Rafiya NazEdited By: Published: Sun, 07 Feb 2021 10:55 AM (IST)Updated: Mon, 08 Feb 2021 08:59 AM (IST)
Corona को हराएगा Valentine's Day, लखनऊ में प्रेमियों को ही नहीं स्‍वास्‍थ्‍य कर्मियों को भी है इंतजार; जानिए क्‍या है मामला
लखनऊ में कोरोना से एंटीबॉडी बनने के लिए वैलेंटाइन डे का इंतजार। (प्रतीकात्‍मक फोटो)

लखनऊ [धर्मेंद्र मिश्रा]। राजधानी में वैलेंटाइन डे का इंतजार न केवल प्रेमियों को है बल्कि स्‍वास्‍थ्‍य कर्मियों को भी है। 16 जनवरी से चलाए गए वैक्सीनेशन अभियान का पहला चरण लखनऊ में पूरा किया जा चुका है। अब कोरोना वायरस को हराने के लिए शरीर में एंटीबॉडी बनने के लिए सभी को 14 फरवरी यानि वैलेंटाइन डे का इंतजार है। जानिए क्‍या है पूरा मामला... 

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प्रदेश भर में वैक्‍सीनेशन के दूसरे चरण की शुरुआत भी हो चुकी है। पहले चरण में अब तक 51000 स्वास्थ्य कर्मियों के सापेक्ष 32 हजार से अधिक को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। 16 जनवरी को पहले दिन 12 सौ स्वास्थ्य कर्मियों के सापेक्ष 845 का टीकाकरण किया गया था। अब पहली डोज पा चुके इन सभी डाक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों को दूसरी डोज पाने के लिए वैलेंटाइन डे का इंतजार है। इसके बाद शरीर में सर्वोत्कृष्ट(ऑप्टिमल) एंटीबॉडी का निर्माण हो सकेगा। विशेषज्ञों के अनुसार शरीर में आंशिक एंटीबॉडी का निर्माण तो पहली डोज लगने के बाद से ही शुरू हो जाता है, लेकिन कोरोना वायरस से जंग के लिए सर्वोत्कृष्ट एंटीबॉडी का मौजूद होना जरूरी है। इसलिए पहले डोज लगने के 28 वें दिन दूसरी डोज भी सभी को दी जा रही है। दूसरी डोज लगने के 14 दिनों बाद यानी पहली डोज के 42 वें दिन तक सर्वोत्कृष्ट एंटीबॉडी शरीर में बन पाती है। इसलिए 16 जनवरी को पहली डोज लगवा चुके स्वास्थ्य कर्मियों को अब दूसरी डोज 28 दिन बाद वैलेंटाइन डे को यानी 14 फरवरी को लगाई जाएगी। उसके बाद सर्वोत्कृष्ट एंटीबॉडी बनने की प्रक्रिया शुरू होगी। 

लोहिया संस्थान में कोरोना के नोडल प्रभारी डॉक्टर पीके दास कहते हैं कि पहली डोज लगने के बाद ही आंशिक एंटीबॉडी शरीर में बनने लगती है, लेकिन हर वायरस के मामले में एंटीबॉडी की जरूरत भी अलग-अलग होती है। कोरोना के मामले में शरीर में ऑप्टिमल एंटीबॉडी का होना जरूरी है। इसलिए दूसरी डोज भी दी जा रही है। ताकि कोरोनावायरस से जंग के लिए शरीर में एंटीबॉडी का स्तर पर्याप्त मात्रा में हो।

लखनऊ जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ एमके सिंह ने बताया कि कोरोनावायरस के खिलाफ 28 वें दिन दूसरी डोज देने के 14 दिन बाद यानि कुल 42 दिनों बाद शरीर में पूरी तरह से एंटीबॉडी का निर्माण हो पाएगा। इसलिए दो डोज दी जा रही है। जो लोग पहले डोज लगवा चुके हैं, उन्हें 28 वें दिन दूसरी डोज जरूर लगवानी चाहिए। । 


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