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शिक्षा, चिकित्सा, उद्योग हर क्षेत्र में है डिजिटाइजेशन का प्रभाव

गिरि संस्थान में एएसइडीएस का दूसरा वार्षिक सम्मेलन। भारत जैसे देश में डिजिटल संसाधनों का प्रयोग मनोरंजन के लिए ज्यादा किया जाता है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 06 Dec 2018 07:15 PM (IST)Updated: Thu, 06 Dec 2018 07:15 PM (IST)
शिक्षा, चिकित्सा, उद्योग हर क्षेत्र में है डिजिटाइजेशन का प्रभाव
शिक्षा, चिकित्सा, उद्योग हर क्षेत्र में है डिजिटाइजेशन का प्रभाव

लखनऊ, जेएनएन। शिक्षा, चिकित्सा, उद्योग, संगीत हर क्षेत्र में डिजिटाइजेशन का स्पष्ट प्रभाव दिखाई दे रहा है। जरूरी यह है कि लोगों को इसके फायदे और नुकसान दोनों ही बताए जाएं। यह बात एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल  यूनीवर्सिटी के कुलपति प्रो.विनय पाठक ने कही। प्रो.पाठक गिरि विकास अध्ययन संस्थान में सामाजिक आर्थिक विकास अध्ययन संघ (एएसइडीएस) के दूसरे वार्षिक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

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उन्होंने ई-लर्निंग व सूचना प्रौद्योगिकी के बढ़ते उपयोग तथा उसके प्रभाव के बारे में भी बताया। प्रो.पाठक ने कहा कि हम औद्योगिक क्रांति के चौथे चरण में हैं जहां आज मशीन और आदमी एक सरीखे हो गए हैं। गिरि संस्थान के निदेशक प्रो.बीके बाजपेयी ने कहा कि सेमिनार का उदेद्श्य है डिजिटल इंडिया से अवगत कराना है।  संस्था के अध्यक्ष प्रो.एनएमपी वर्मा ने बताया कि सम्मेलन में डिजिटल इंडिया पर 70 शोध पत्र पढ़े जाएंगे। एएसइडीएस की उपाध्यक्ष प्रो.अल्पना श्रीवास्तव ने बताया कि डिजिटल इंडिया से शासन के कार्य में पारदर्शिता आती है।

अरबी फारसी विवि के उप कुलपति प्रो. एम मिर्जा ने कहा कि विकास का अर्थ है जीवन शैली का विकास भारत जैसे देश में डिजिटल संसाधनों का प्रयोग मनोरंजन के लिए ज्यादा किया जाता है। दूसरी बात यह है कि हम डिजिटल माध्यमों का केवल 10 फीसद ही उपयोग कर पा रहे हैं। एएसइडीएस के प्रेसीडेंट प्रो.मनोज दीक्षित ने ई गवर्नेस के फायदे और नुकसान बताते हुए कहा की डिजिटल इंडिया से हम समाज के अनुरूप अपने विचार बदल सकते हैं। उन्होंने बताया सरकारी तंत्र में 70 फीसद वेबसाइट अपडेटेड नही हैं। आर्थिक विकास के लिए उन्नत प्रौद्योगिकी और आइटी की आवश्यकता है, लेकिन हैंकिंग जैसी बुनियादी चुनौतियां जैसे साइबर चोरी, डेटा चोरी, गोपनीयता, सुरक्षा आदि।


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