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जीपीएस सिस्टम और स्पीड कंट्रोल डिवाइस से लैस होंगे स्कूली वाहन

स्कूल वाहन संचालन के लिए तय हुए नियम, अधिकतम छह माह में होंगे लागू।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 12 Dec 2018 08:07 PM (IST)Updated: Thu, 13 Dec 2018 09:04 AM (IST)
जीपीएस सिस्टम और स्पीड कंट्रोल डिवाइस से लैस होंगे स्कूली वाहन
जीपीएस सिस्टम और स्पीड कंट्रोल डिवाइस से लैस होंगे स्कूली वाहन

लखनऊ, जेएनएन। कैबिनेट से मुहर लगने के बाद स्कूली वाहनों के लिए उत्तर प्रदेश मोटरयान नियमावली को कानूनी तौर पर अमली जामा पहना दिया गया है। नियमावली में एक नए अध्याय 9-ए को जोड़ते हुए स्कूली वाहनों के लिए प्रावधान तय किए गए हैं। छह माह में यह व्यवस्था लागू होनी है। खास बात यह है कि पहली बार स्कूली वैन नियम कानून के दायरे में आएंगी।  नए नियम के तहत सभी स्कूली वाहन जीपीएस सिस्टम और स्पीड कंट्रोल डिवाइस से लैस होंगे। चालकों के लिए वाहन चलाने का पांच वर्ष का अनुभव, डीएल, वर्दी आदि चीजें अनिवार्य की गई हैं।

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स्कूल वाहनों के लिए नियम

स्कूल वाहनों में सीसीटीवी कैमरा, वेहिकिल ट्रैकिंग सिस्टम लगाना पड़ेगा, स्पीड गवर्नर और लोकेशन ट्रैकिंग के लिए जीपीएस प्रणाली, वाहनों में अग्निशमन यंत्र और फर्स्‍ट एड बाक्स का होना जरूरी, स्कूली वाहनों में बैग रखने के लिए रैक की व्यवस्था, वैन की छत पर बनानी होगी जगह, वाहन पीले रंग का होगा, बसों में वाहन के अंदर का दृश्य स्पष्ट करने वाले मिरर, स्कूली वाहनों की डीजल चालित गाडिय़ों की आयु दस वर्ष और सीएनजी वाहनों के लिए पंद्रह साल।

सुरक्षा के लिए जरूरी प्रावधान

सीएनजी चालित वाहनों में फिट किए गए सिलिंडर के ऊपर सीट का निर्माण नहीं होगा, सीटिंग क्षमता एवं लेआउट में अतिरिक्त बदलाव की किसी भी तरह की गुंजाइश नहीं होगी, स्कूल वाहनों में किसी भी तरह की अस्थायी व्यवस्था मान्य नहीं होगी। परिवहन आयुक्त पी गुरुप्रसाद ने कहा कि स्कूल वाहनों के संचालन के लिए नए नियम तय किए गए हैं। आपत्तियों के बाद इसे अधिकतम छह माह में लागू कर दिया जाएगा।

ये समितियां रोकेंगी मनमानी

जिला स्कूल वाहन परिवहन सुरक्षा समिति : स्कूल बसों की हालत और वाहन के तकनीकी मुआयने की मॉनीटरिंग और कार्रवाई के लिए डीएम की अध्यक्षता में 'जिला स्कूल वाहन परिवहन सुरक्षा समिति' बनेगी। इसमें एसएसपी को उपाध्यक्ष, आरटीओ को सचिव और नगर आयुक्त, डीआईओएस, बीएसए, स्कूल के नामित प्रतिनिधि रहेंगे।

स्कूल परिवहन समिति : विद्यालय के प्रधानाचार्य अध्यक्ष, अभिभावक एसोसिएशन के दो प्रतिनिधि, संबंधित थाने के अध्यक्ष अथवा उपनिरीक्षक, बीएसए द्वारा नामित प्रतिनिधि, वाहनस्वामियों के दो प्रतिनिधि, स्थानीय निकायों के प्राधिकारी समेत पूरा दल गलत संचालन पर निगाह रखकर कार्रवाई सुनिश्चित कराएगा। वाहन के सभी कागजातों की पड़ताल समिति करेगी।


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