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अब ज्यादा लोड पर क्रैश नहीं होगी छात्रवृत्ति वेबसाइट, लोड संतुलन तकनीक का होगा इस्तेमाल

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए एकीकृत वेबसाइट scholarship.up.nic.in बनाई है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 27 Mar 2020 07:32 PM (IST)Updated: Fri, 27 Mar 2020 07:32 PM (IST)
अब ज्यादा लोड पर क्रैश नहीं होगी छात्रवृत्ति वेबसाइट, लोड संतुलन तकनीक का होगा इस्तेमाल
अब ज्यादा लोड पर क्रैश नहीं होगी छात्रवृत्ति वेबसाइट, लोड संतुलन तकनीक का होगा इस्तेमाल

लखनऊ, जेएनएन। छात्रवृत्ति की वेबसाइट अब ज्यादा लोड पर भी क्रैश नहीं होगी। उत्तर प्रदेश सरकार इसके लिए वेबसाइड में लोड संतुलन तकनीक इस्तेमाल करने जा रही है। इसका जिम्मा उप्र डेवलपमेंट सिस्टम कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीडेस्को) को सौंपा गया है। सरकार ने इसका फैसला ई-टेंडर से लिया है। इससे प्रदेश के करीब 80 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को फायदा होगा।

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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए एकीकृत वेबसाइट scholarship.up.nic.in बनाई है। इस वेबसाइट में समाज कल्याण, पिछड़ा वर्ग कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण व जनजाति कल्याण के छात्र-छात्राएं छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन करते हैं। सरकार ने एकीकृत वेबसाइट इसलिए बनाई थी ताकि छात्र-छात्राओं का डेटा एक जगह आ जाए। इससे छात्र-छात्राओं की डुप्लीकेसी रुक जाएगी, लेकिन एकीकृत वेबसाइट पर लोड अधिक होने से दूसरी समस्याएं आने लगीं। 

आवेदन अवधि के अंतिम दिनों में वेबसाइट न खुलने की शिकायतें आती हैं। साथ ही वेबसाइट चलते-चलते बंद हो जाती है। इस समस्या को देखते हुए प्रदेश सरकार ने छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति के नोडल विभाग समाज कल्याण को वेबसाइट में 'लोड बैलेंसर तकनीक' इस्तेमाल करने के निर्देश दिए। नेशनल इनफॉरमेटिक्स सेंटर (एनआइसी) ने भी इस तकनीक का इस्तेमाल करने की सलाह दी थी। इसी के बाद समाज कल्याण विभाग ने ई-टेंडर आमंत्रित किए। इसमें यूपीडेस्को का चयन हुआ है। वह 55 लाख रुपये में छात्रवृत्ति की वेबसाइट में लोड बैलेंसर लगाएगा।

क्या होता है लोड संतुलन

कई बार वेबसाइट पर जब ज्यादा लोड पड़ता है तो एकल सर्वर उस भार को सहन नहीं कर पाते हैं। इसलिए अब एक के बजाय कई सर्वर लगाकर उनमें आपस में लोड बांटा जाता है। इससे एकल सर्वर अत्यधिक दबाव में नहीं आते हैं। लोड संतुलन किसी विशेष संसाधन को ओवरलोड करने के कारण होने वाली विफलता को रोकने के लिए नेटवर्क ट्रैफिक को समान रूप से वितरित कर देते हैं। इससे वेबसाइट क्रैश नहीं होती है बल्कि तेज गति से काम करती है।


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