कागजों में ही सड़क बनाकर हड़प गये 4.55 अरब, चार साल तक दबाये रहे मामला
फोर लेन बनाने के नाम पर बैंकों व उनके अधिकारियों से मिलीभगत कर एक कंपनी ने चार अरब 55 करोड़ 46 लाख 77 हजार पांच सौ पांच रुपये का गबन कर लिया।
लखनऊ (जेएनएन)। फोर लेन बनाने के नाम पर बैंकों व उनके अधिकारियों से मिलीभगत कर एक कंपनी ने चार अरब 55 करोड़ 46 लाख 77 हजार पांच सौ पांच रुपये का गबन कर लिया। इस जालसाजी का राजफाश होते ही उत्तर प्रदेश राजमार्ग प्राधिकरण में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में प्राधिकरण के परियोजना महाप्रबंधक (दिल्ली सहारनपुर-यमुनोत्री मार्ग) शिवकुमार अवधिया ने मेसर्स एसईडब्ल्यू-एलएसवाई हाइवेज लिमिटेड कंपनी के प्रमोटर डायरेक्टर, डायरेक्टर तथा 14 विभिन्न बैंकों के अधिकारियों समेत 18 के खिलाफ जालसाजी की रिपोर्ट दर्ज कराई है।
900 दिन का दिया था लक्ष्य
राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा तहरीर में लिखा गया है कि कंपनी को टू लेन से फोर लेने बनाने के लिए 30 मार्च 2012 से 900 दिनों का वक्त दिया गया था। कंपनी ने एक अप्रैल 2012 से कार्य शुरू किया था, लेकिन नवंबर 2013 में निर्माण कार्य रोक दिया गया। आरोप है कि कंपनी ने पर्यावरण मंत्रालय का हवाला देकर अतिरिक्त समय की मांग की। कंपनी का तर्क था कि पर्यावरण मंत्रालय ने पेड़ों को काटने की संस्तुति देने में विलंब किया था। इसके बाद प्राधिकरण की ओर से कंपनी को दोबारा 721 दिन का समय 11 जून 2014 को दिया गया था। बावजूद इसके कंपनी के डायरेक्टर पीएस मूर्ति और यरलागदा वेंकटेशराव तथा प्रमोटर डायरेक्टर सुकरवा अनिल कुमार व अलोरी साईबाबा ने निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया।
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ऐसे किया अरबों का घोटाला
कंपनी के प्रमोटर डायरेक्टर सुकरवा अनिल कुमार व अलोरी साईबाबा ने कुल 14 बैंकों से 1700 करोड़ का लोन स्वीकृत करा लिया। इसके लिए आरोपियों ने 17 मार्च 2012 को एक सामान्य लोन अनुबंध किया। इसमें सारा लोन सिर्फ दिल्ली सहारनपुर से यमुनोत्री सड़क के फोर लेन निर्माण कार्य के लिए ही लेने की बात वर्णित थी। साथ ही यह भी कहा गया था कि बैंक के स्वतंत्र अभियंता द्वारा निर्माण कार्य की जांच कर रिपोर्ट दी जाएगी। यही नहीं स्वतंत्र अभियंता के रिपोर्टों की जांच बैंक के चार्टर्ड एकाउंटेंट द्वारा करना अनिवार्य बताया गया था। हालांकि कंपनी के प्रमोटर डायरेक्टरों ने बैंकों के स्वतंत्र अभियंताओं व चार्टर्ड एकाउंटेंट से मिलकर जालसाजी कर फर्जी जांच रिपोर्ट बना ली गई। इसके बाद 14 बैंकों से लोन प्राप्त कर लिया गया।
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ऐसे हुई गबन की जानकारी
आरोप है कि सामान्य लोन अनुबंध में प्रोजेक्ट कास्ट तथा फाइनेंसियल प्लान में कुल धनराशि 2770 करोड़ दिखाई गई थी। जबकि प्रोजेक्ट की लागत कुल 1735 करोड़ की थी। दोनों में करीब एक हजार करोड़ का अंतर देखकर अधिकारियों में हड़कंप मच गया, जिसके बाद इसकी जांच की गई और तब पूरा मामला उजागर हुआ।
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लिये थे 795 करोड़ रुपये लोन
आरोपियों ने कुल 14 बैंकों से 603 करोड़ रुपये लोन लिए थे। यही नहीं 31 मार्च 2016 के बैलेंस शीट के अनुसार एसईडब्ल्यू इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी लिमिटेड तथा मेसर्स प्रसाद एंड कंपनी ने भी दोनों प्रमोटर डायरेक्टर को कराड़ों का लोन दिया था। कुल मिलाकर कंपनी की ओर से 795 करोड़ का लोन लिया गया था। हालांकि कंपनी मात्र 13.3 प्रतिशत कार्य ही करा सकी, जिसकी लागत 148 करोड़ ही है। कंपनी के प्रमोटर डायरेक्टर ने 14 बैंकों के प्रबंधकों को जो 17 मार्च 2012 से 15 जुलाई 2016 के मध्य बैंकों में तैनात थे। आरोप है कि उन 14 बैंकों के स्वतंत्र अभियंता व चार्टड एकाउंटेंट ने मेसर्स इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी के साथ मिलकर 455 करोड़ का गबन किया है।
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ईओडब्ल्यू करेगी जांच
विभूतिखंड थाने में सोमवार को गबन की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। इसके बाद उच्चाधिकारियों ने मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रकरण की जांच इओडब्ल्यू से कराने की सिफारिश की। 455 करोड़ रुपये घोटाले की जांच इओडब्ल्यू को दी गई है।
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इनके खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा
-सुकरवां अनिल कुमार हैदराबाद
-अलोरी माईबाबा हैदराबाद
-पीएस मूर्ति निदेशक हैदराबाद
-यरलागदा वेंकटेशराव डायरेक्टर हैदराबाद
-सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया इंडस्ट्रीयल फाइनेंस ब्रांच के स्वतंत्र अभियंता और चार्टर्ड एकाउंटेंट
-कारपोरेशन बैंक कारपोरेट बैंकिंग ब्रांच के स्वतंत्र अभियंता एवं चार्टर्ड एकाउंटेंट
-देना बैंक कारपोरेट बिजनेस ब्रांच के स्वतंत्र अभियंता एवं चार्टर्ड एकाउंटेंट
-आइसीआइसीआइ बैंक टॉवर स्थित आइसीआइसीआइ बैंक लि. ऑफिस के स्वतंत्र अभियंता एवं चार्टर्ड एकाउंटेंट
-इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी लि. के स्वतंत्र अभियंता एवं चार्टर्ड एकाउंटेंट
-इंडियन ओवरसीज बैंक ब्रांच ऑफिस के स्वतंत्र अभियंता एवं चार्टर्ड एकाउंटेंट
-ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स ब्रांच ऑफिस रीजेंसी प्लाजा के स्वतंत्र अभियंता एवं चार्टर्ड एकाउंटेंट
-पंजाब नेशनल बैंक लार्ज कारपोरेट ब्रांच के स्वतंत्र अभियंता एवं चार्टर्ड एकाउंटेंट
-पंजाब एंड सिंध बैंक ब्रांच ऑफिस के स्वतंत्र अभियंता एवं चार्टर्ड एकाउंटेंट
-स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद इंडस्ट्रीयल फाइनेंस ब्रांच के स्वतंत्र अभियंता एवं चार्टर्ड एकाउंटेंट
-स्टेट बैंक ऑफ मैसूर इंडस्ट्रीयल फाइनेंस ब्रांच के स्वतंत्र अभियंता एवं चार्टर्ड एकाउंटेंट
-स्टेट बैंक ऑफ पटियाला मिड कारपोरेट ब्रांच के स्वतंत्र अभियंता एवं चार्टर्ड एकाउंटेंट
-यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के इंडस्ट्रीयल फाइनेंस ब्रांच के स्वतंत्र अभियंता एवं चार्टर्ड एकाउंटेंट
-विजया बैंक इंडस्ट्रीयल फाइनेंस ब्रांच के स्वतंत्र अभियंता एवं चार्टर्ड एकाउंटेंट