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पूर्व एलडीए वीसी सत्‍येंद्र सिंह का विवादों से है पुराना नाता, जानिए पूरा मामला

सत्ता शीर्ष के लोगों को लाभ देने के साथ अपनों में रेवड़ी बांटने में आगे रहे पूर्व एलडीए वीसी सत्‍येंद्र सिंह। इसी सहारे खुद को फायदा पहुंचाने का भी उन पर लगता रहा आरोप।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 08:36 AM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 08:22 AM (IST)
पूर्व एलडीए वीसी सत्‍येंद्र सिंह का विवादों से है पुराना नाता, जानिए पूरा मामला
पूर्व एलडीए वीसी सत्‍येंद्र सिंह का विवादों से है पुराना नाता, जानिए पूरा मामला

लखनऊ, (ऋषि मिश्र)। सपा सरकार  में पूर्व आइएएस अधिकारी सत्येंद्र कुमार सिंह सत्ता के शीर्ष पर मौजूद लोगों से लेकर खुद  को लाभ पहुंचाने के मामलों में विवादित रहे थे। रसूखदारों के नाम दर्ज प्लाटों का लैंडयूज बदलना हो या उच्च स्तर से दिये गये नामों को सुलभ में फ्लैट आवंटन विवाद। सत्येंद्र कुमार सिंह का नाम हर बार संदेह के घेरे में आ गया।  सत्येंद्र कुमार सिंह के खिलाफ हुई विभिन्न शिकायतों के मामले में आवास विभाग ने एलडीए से 14 जनवरी को पत्र लिख कर तीन दिन में रिपोर्ट तलब की थी। जिस पर काम बुधवार से शुरू कर दिया गया।

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सत्येंद्र सिंह के कार्यकाल में लैंडयूज बदलने के नाम पर हुआ था बड़ा खेल

सपा सरकार में कई बड़े लोगों के नाम पर मनमाने ढंग से मकानों को लैंड यूज बदलकर व्यवसायिक करने की कोशिश की गई थी।  58 प्रभावशाली लोगों के भूखंड इसमें शामिल थे। बगैर मंजूरी और लैंडयूज बदलाव का शुल्क जमा किया गया था। खुद तत्कालीन वीसी सत्येंद्र कुमार सिंह की पत्नी के नाम दर्ज प्लाट और सचिव आवास आवास पंधारी यादव का प्लाट भी शामिल था। बाद में कमिश्नर के निर्देश पर तत्कालीन एलडीए सचिव अरुण कुमार ने  58 मकानों को तत्काल सील करने का आदेश जारी कर दिया था। लैंडयूज बदलाव में कोई आपत्ति व सुझाव न दे पाएं इसलिए बहुत कम प्रसारित अखबारों में विज्ञापन दिया गया था। जिन लोगों के मकानों को व्यावसायिक किया जा रहा था, विज्ञापन में उनके नाम छिपा लिए गए। उनके नाम की जगह सिर्फ प्लाट के नंबर दिए गए थे।

ढाई साल तक वीसी और डीएम लखनऊ रहे

सत्येंद्र कुमार सिंह  दो बार एलडीए वीसी और अपने दोनों कार्यकाल के बीच लखनऊ के डीएम रहे। पहली बार 24 दिसंबर 2014 से 30 सितंबर 2015 और दूसरी बार 22 दिसंबर 2016 से 18 अप्रैल 2017 तक उनका कार्यकाल रहा एलडीए में रहा था। उधर, लविप्रा के उपाध्यक्ष प्रभु एन. सिंह ने बताया कि सत्येंद्र कुमार सिंह के मामले में शासन से मांगी गई रिपोर्ट हम गुरुवार या शुक्रवार को दे देंगे। इसके लिए तथ्य जुटाए जा रहे हैं।

सत्येंद्र कुमार सिंह पर लगे प्रमुख आरोप

  • गोमती नगर विस्तार में 25 करोड़ रुपये के 100 प्लाटों का अवैध तरीके से समायोजन। केवल विस्तार में ही नहीं जानकीपुरम, कानपुर रोड और गोमती नगर योजना में भी दर्जनों भूखंडों का अवैध समायोजन की शिकायतें।
  • गोमती नगर विस्तार सेक्टर-1 की प्राइम लोकेशन में सुलभ के 50 फ्लैटों के अवैध तरीके से आवंटन की शिकायतें।
  • कानपुर रोड और शारदा नगर योजना में रिहायशी अपार्टमेंट की चार योजनाओं को व्यावसायिक  भू उपयोग की भूमि पर बनवा दिया गया। जिससे इनकी कीमत बहुत बढ़ गई। ये बिक नहीं रहे हैं। इसमें ठेकेदारों को जम कर लाभ दिया गया।
  • शहर में अनेक रसूखदारों के भूखंडों का लैंडयूज बदलने के लिए हर संभव प्रयास किये। जिसमें कई तरह की आपत्तियों का सिरे से खारिज कर दिया गया।
  • अपने खुद के घर में बैंक, एटीएम और बड़े मोबाइल टॉवर के अवैध निर्माण को लेकर भी सत्येंद्र कुमार सिंह काफी चर्चा में रहे थे।

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