अयोध्या में परमहंसाचार्य नहीं ले सके जलसमाधि, रखे गए हाउस अरेस्ट
अधिकारियों ने जल समाधि लेने के लिए नियत समय समाप्त होने के बाद एक बार को राहत की सांस ली पर परमहंसाचार्य और उनके समर्थक सरयू की ओर जाने और जल समाधि लेने के निर्णय पर अडिग रहे। ऐसे में प्रशासन ने शनिवार को पूरे दिन हाउस अरेस्ट रखा।
अयोध्या, जागरण संवाददाता। तपस्वी छावनी पीठाधीश्वर जगद्गुरु परमहंसाचार्य जल समाधि नहीं ले सके। उन्हें पूर्व संध्या से ही प्रशासन ने हाउस अरेस्ट रखा। उन्होंने भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग पर गांधी जयंती के दिन पुण्य सलिला सरयू में महीनों पूर्व से जल समाधि लेने की घोषणा कर रखी थी। उनकी इस घोषणा के अनुरूप यदि शुक्रवार से ही हिंदू संगठनों के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं का जमावड़ा शुरू हुआ, तो प्रशासन ने परमहंसाचार्य को हाउस अरेस्ट रखने के साथ पूरी तरह दबाव बनाए रखा।
उन्होंने शनिवार को पूर्वाह्न 11 बजे जल समाधि के लिए सरयू की ओर प्रस्थान करने और 12 बजे जल समाधि लेने की घोषणा कर रखी थी, पर उन्हें कक्ष से बाहर नहीं निकलने दिया गया। हालांकि बाहर सैकड़ों की संख्या में उनके समर्थन हिंदू राष्ट्र की मांग के लिए गगनभेदी नारेबाजी कर रहे थे। एसपी सिटी विजयपाल सिंह, रेजीडेंट मजिस्ट्रेट आयुष चौधरी, सीओ आरके राय, कोतवाल अशोक सिंह के नेतृत्व में मौके पर बड़ी संख्या में तैनात पुलिस एवं पीएसी के जवानों ने परमहंसाचार्य और उनके समर्थकों को कोई मोहलत नहीं दी।
प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों ने जल समाधि लेने के लिए नियत समय समाप्त होने के बाद एक बार को राहत की सांस ली, पर परमहंसाचार्य और उनके समर्थक सरयू की ओर जाने और जल समाधि लेने के निर्णय पर अडिग रहे। ऐसे में प्रशासन ने परमहंसाचार्य को शनिवार को पूरे दिन हाउस अरेस्ट रखा। इस दौरान अंतर्राष्ट्रीय हिंदू महासंघ के अध्यक्ष सुनील शुक्ल, पंजाब से पहुंचे हिंदू राष्ट्र सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष चेतन कक्कड़, गाजियाबाद से आए देव सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष बृजभूषण सैनी, हिंदू समाज पार्टी की अध्यक्ष किरन तिवारी, जयपुर से आए नवनिर्माण सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कौशिक, स्थानीय नगरपालिका के सभासद रहे मधुवनदास, हिंयुवा की दिल्ली महिला शाखा अध्यक्ष रागिनी तिवारी, प्रयाग की रानी केसरवानी आदि ने मौके पर रहकर और हिंदू राष्ट्र के समर्थन में बयान जारी कर परमहंसाचार्य का समर्थन किया।
देर शाम हुआ पटाक्षेप, 2023 में लेंगे जलसमाधि
परमहंसाचार्य की घोषणा से उपजे तनाव का पटाक्षेप दिन ढलने पर हुआ, जब उन्होंने रेजीडेंट मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में प्रधानमंत्री से हिंदू राष्ट्र की मांग की गई है और यह मांग पूरी न होने पर परमहंसाचार्य ने 2023 की गांधी जयंती के अवसर पर जल समाधि लेने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा, हिंदू राष्ट्र का गठन भारत मां की अस्मिता बचाने का एकमात्र उपाय है और इसकी अनदेखी करने वाले भारत मां से न्याय नहीं कर सकते। उन्होंने कश्मीर और बंगाल जैसे प्रांतों का उदाहरण देते हुए बताया कि यदि हिंदू राष्ट्र होता तो ऐसे प्रांतों से हिंदुओं का पलायन-उत्पीडऩ नहीं होता और न संविधान, सुख-शांति से खिलवाड़ होता।
पूर्व में भी अनशन-आंदोलन करते रहे हैं
परमहंसाचार्य पूर्व में भी अनशन-आंदोलन करते रहे हैं। वे पहली बार एक अक्टूबर 2018 को फलक पर उभरे, जब उन्होंने सुप्रीम फैसला आने के पूर्व राम मंदिर के लिए अनशन शुरू किया। वे जनसंख्या नियंत्रण कानून और हिंदू राष्ट्र के लिए भी पूर्व में कई-कई दिनों तक अनशनरत रहे हैं।
हमले की आशंका में युवक हिरासत में
परमहंसाचार्य पर हमले की आशंका में शुक्रवार को देर रात दो युवक हिरासत में लिए गए। उनकी पहचान फैजाबाद शहर के ही मोतीबाग निवासी मो. परवेज एवं राहुल पाल के रूप में हुई है। पुलिस पकड़े गए युवकों से पूछताछ कर रही है। दोनों युवक स्थानीय साकेत महाविद्यालय के छात्र हैं।