केंद्र सरकार की गाइडलाइन पर यूपी में बदली व्यवस्था, जीनोम सिक्वेंसिंग को पहले NBRI व CDRI भेजे जाएंगे सैंपल
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक डा. वेदब्रत सिंह ने मुताबिक कंसोर्टियम में उप्र में इसमें एनबीआरआइ व सीडीआरआइ की लैब शामिल हैं। ऐसे में अब विदेश से आने वाले लोगों की जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए सैंपल इन दो लैब में भेजने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। उत्तर प्रदेश में अब जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए पहले सैंपल राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (एनबीआरआइ) व केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीडीआरआइ) की लैब ही भेजे जाएंगे। कोरोना के ओमिक्रोन वैरिएंट का पता लगाने के लिए केंद्र सरकार ने इंडियन सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (इंसाकाग) की 28 राष्ट्रीय स्तर की लैब में ही किए जाने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में अब दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना व चीन सहित ओमिक्रोन वैरिएंट से प्रभावित देशों से आने वाले लोगों की जांच के लिए सैंपल फिलहाल यहीं भेजे जाएंगे। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान यहां पर जीनोम सिक्वेंसिंग की जा चुकी है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक डा. वेदब्रत सिंह ने मुताबिक कंसोर्टियम में उप्र में इसमें एनबीआरआइ व सीडीआरआइ की लैब शामिल हैं। ऐसे में अब विदेश से आने वाले लोगों की जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए सैंपल इन दो लैब में भेजने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। अभी तक सैंपल केजीएमयू व संजय गांधी पीजीआइ जांच के लिए भेजे जा रहे थे। तमाम की जांच भी हो रही है, लेकिन आगे इन दो लैब में जांच होगी।
वहीं केजीएमयू, संजय गांधी पीजीआइ, मेरठ मेडिकल कालेज, गोरखपुर मेडिकल कालेज व झांसी मेडिकल कालेज, बीएचयू आइएमएस, राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान और इंस्टीट््यूट आफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलाजी (आइजीआइबी) नई दिल्ली में भी जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए तैयार रखा जाएगा। आगे मरीजों की संख्या बढऩे पर सैंपल इन लैब में भी भेजे जाएंगे।
आरआरटी के गठन में तेजी : वहीं विदेश से आ रहे नागरिकों की कोरोना जांच निगेटिव आने पर भी उन्हें सात दिन होम क्वारंटाइन रहने के निर्देश दिए गए हैं। विदेश से आने वाले इन लोगों व उनके घर वालों की सेहत की रिपोर्ट इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर की मदद से लिए जाएंगे। रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) का गठन सभी जिलों में किया जा रहा है। एक टीम कम से कम 10 घरों की निगरानी करेगी। इसमें विशेषज्ञ डाक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ शामिल हैं। कोरोना के लक्षण इन लोगों में मिलने पर आरआरटी की मदद से सैंपल लिया जाएगा।