भाजपा व आरएसएस दोनों का चरित्र संदिग्ध : अखिलेश यादव
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अखिलेश ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि मुख्यमंत्री को विपक्ष से शिकायतें ही शिकायतें हैं। असफल भाजपा सरकार जनता पर बन गई भार भाजपा और आरएसएस दोनों का चरित्र संदिग्ध है। इनकी कथनी और करनी में जमीन आसमान का अंतर है।
By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 08 Oct 2020 07:12 AM (IST)Updated: Thu, 08 Oct 2020 07:12 AM (IST)
लखनऊ, जेएनएन। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा और आरएसएस दोनों का चरित्र संदिग्ध है। इनकी कथनी और करनी में जमीन आसमान का अंतर है। कहने को बड़े-बड़े वादे, मीठी-मीठी बातें, लेकिन हकीकत में झूठ और कुप्रचार ही दिखाई देता है। मुख्यमंत्री न तो किसानों-नौजवानों का हित कर पाए और न ही बहू-बेटियों की इज्जत बचा पाते हैं। हर तरह से असफल भाजपा सरकार, प्रदेश की जनता पर भार बन गई है।
अखिलेश ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि मुख्यमंत्री को विपक्ष से शिकायतें ही शिकायतें हैं। हर समय उन्हें अपनी कुर्सी जाने का डर सताता है। कभी उन्हें कोई साजिश दिखती है तो कभी विपक्ष के पास विजन न होने की शिकायत होती है, जबकि सच्चाई इससे उलट है। साजिश रचने में भाजपा की महारत में किसी को जरा भी संदेह नहीं है। अफवाहबाजी में उनका जवाब नहीं। रही बात विजन की तो भाजपा का विजन साफ है, समाज को बांटना और नफरत पैदाकर सामाजिक सद्भाव नष्ट करना। मुख्यमंत्री को इधर-उधर की बहानेबाजी छोड़कर बताना चाहिए कि प्रदेश साढ़े तीन वर्षों में तबाही के रास्ते पर क्यों चला गया?
सपा अध्यक्ष ने कहा कि हाथरस में एक बार फिर हैवानियत हुई है। इगलास में छह साल की बच्ची से दुष्कर्म और इलाज के बीच बेटी का दम तोड़ देना अत्यंत दुखद है। एक बेटी पर हुए अत्याचार को विपक्षी साजिश बता आधी रात में उसका शव जलाने वाली सरकार अब क्या बहाना पेश करेगी। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि हर 15 मिनट में यहां दुष्कर्म की घटना हो रही है। पता नहीं राज्यपाल महोदया स्वत: संज्ञान ले रही हैं या नहीं, उन्हें अपने संवैधानिक दायित्व को निभाते हुए केंद्र को प्रदेश के बिगड़ते हालात पर संस्तुति तो भेजनी ही चाहिए।
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