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शादी अनुदान घोटाला: सत्यापन बिना किए ही बढ़ा दिए फार्म, प्रशासन ने भुगतान पर लगाई रोक

प्रशासन ने दो हजार से अधिक आवेदनों का भुगतान रोका। तहसील अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में।

By JagranEdited By: Published: Wed, 29 Aug 2018 04:48 PM (IST)Updated: Wed, 29 Aug 2018 04:48 PM (IST)
शादी अनुदान घोटाला: सत्यापन बिना किए ही बढ़ा दिए फार्म, प्रशासन ने भुगतान पर लगाई रोक
शादी अनुदान घोटाला: सत्यापन बिना किए ही बढ़ा दिए फार्म, प्रशासन ने भुगतान पर लगाई रोक

लखनऊ[राजीव बाजपेयी]। शादी अनुदान के मामले में परत दर परत गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। लाखों के घोटाले में मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी के बाद अब सदर तहसील के कर्मचारी और अधिकारी भी कटघरे में हैं। तहसील के अधिकारियों ने बिना सत्यापन कराये ही डिजिटल हस्ताक्षर से फर्जीवाडे़ के फार्म भुगतान के लिए आगे बढ़ा दिये। फर्जीवाड़े को देखते हुए डीएम ने दो हजार से अधिक आवेदनों के दोबारा सत्यापन होने तक भुगतान पर रोक लगा दी है।

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राजधानी में शादी अनुदान के लिए पांचों तहसीलों में 1126 फार्म आये थे। इसके अलावा ब्लाक में भी आवेदन किए गए थे। इनमें से सबसे अधिक सदर तहसील में 953 फार्म थे। अधिकारियों का कहना है कि इसमें से गत सप्ताह 202 फार्म पिछड़ा वर्ग विभाग भेजे गये थे जहां गड़बड़ी पकड़ी गई।

आपरेटर पर ठीकरा, अफसरों पर करम:

प्रशासन ने तहसील के उस कंप्यूटर आपरेटर को बाहर कर दिया जिसने यह फार्म पिछड़ा कल्याण विभाग को भेजे थे। नियमानुसार एसडीएम द्वारा नामित व्यक्ति को फार्म जमा करने के 21 दिनों के भीतर रिपोर्ट लगाकर देना होता है। फिर इसके बाद एसडीएम के डिजिटल हस्ताक्षर से आगे बढ़ाया जाता है। ऑनलाइन के सात दिनों बाद फार्म की सत्यापित हार्ड कॉपी भेजी जाती है, लेकिन यहां ऐसा हुआ नहीं। तहसीलकर्मियों ने सत्यापन किया ही नहीं। अधिकारियों ने भी बिना देखे इसे भुगतान के डिजिटल हस्ताक्षर कर आगे जाने दिया। इस बाबत एसडीएम सदर अभिनव रंजन का कहना है कि आपरेटर ने जल्दबाजी में फार्म भेज दिए। हार्ड कॉपी नहीं भेजी गयी थी। आपरेटर को हटा दिया गया है। दो हजार फार्मो के भुगतान पर रोक:

जिलाधिकारी ने फर्जीवाड़े को देखते हुए दो हजार से अधिक शादी अनुदान के आवेदनों पर रोक लगा दी है। प्रशासन ने कुल 2254 आवेदनों के भुगतान पर रोक लगा दी है।

28 में 27 खातों का गारंटर बोधलाल :

बैंक ऑफ इंडिया की खुर्रमनगर शाखा में बोधलाल ने 28 महिलाओं के खाते खुलवाए, जिनमें से वह 27 का गारंटर खुद था। बैंक के कर्मचारियों को उसने इस कदर विश्वास में कर रखा था कि कइयों के पते भी गलत थे इसके बावजूद आसानी से खाते खोल दिए गए। इस बारे में बैंक मैनेजर आशुतोष सिंह का कहना है कि केवाईसी और बचत खाता होने के कारण गारंटर बहुत अहमियत नहीं रखता है। डीएम ने छह को बुलाई बैठक:

जिलाधिकारी ने शादी अनुदान के मामले में विभागों की संलिप्तता और तहसीलों की लापरवाही को लेकर छह सितंबर को बैठक बुलाई है। बैठक में जांच का दायरा बढ़ाने को लेकर भी निर्णय लिया जाएगा।


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