Move to Jagran APP

यूपी में एफडीआर तकनीक से बनेंगी 5500 किलोमीटर सड़कें, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग ने शुरू किया काम

UP Latest news यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सड़कों के निर्माण में बड़ी एजेंसियों ने अभी तक एफडीआर तकनीक को नहीं अपनाया है। वहीं ग्रामीण अभियंत्रण विभाग ने इसे एक नई चुनौती के रूप में स्वीकार किया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sun, 03 Jul 2022 10:24 PM (IST)Updated: Mon, 04 Jul 2022 06:31 AM (IST)
यूपी में एफडीआर तकनीक से बनेंगी 5500 किलोमीटर सड़कें, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग ने शुरू किया काम
UP Latest news: प्रदेश में 5500 किलोमीटर सड़कें एफडीआर तकनीक से बनेंगी।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि ग्रामीण अभियंत्रण विभाग इस वर्ष 5500 किलोमीटर सड़क निर्माण एफडीआर (फुल डेप्थ रिक्लेमेशन) प्रणाली से करेगा। इसकी शुरुआत भी कर दी गई है। इस पर करीब 5000 करोड़ रुपये से अधिक धन खर्च होना है। विभाग की ओर से सड़कों के उच्चीकरण व मरम्मत आदि में एफडीआर प्रणाली का अभिनव उपयोग किया जा रहा है।

loksabha election banner

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सड़कों के निर्माण में बड़ी एजेंसियों ने अभी तक इस तकनीक को नहीं अपनाया है। वहीं, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग ने इसे एक नई चुनौती के रूप में स्वीकार किया है। इस तकनीक से जहां सड़कें सामान्य परंपरागत तकनीक से बनाई गई सड़कों से कहीं अधिक टिकाऊ होंगी, वहीं इनकी निर्माण लागत भी अपेक्षाकृत कम होगी।

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सड़कों इनके निर्माण में कार्बन उत्सर्जन में कमी होने से पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा। मंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष विभाग ने पायलट प्रोजेक्ट के रूप में नौ सड़कों को लिया गया था जिन पर अधिकांश काम हो गया है, सड़कों का निर्माण कम समय में हो जाता है। 

इस तकनीक में कुछ सीमेंट में एक विशेष प्रकार के केमिकल को मिलाकर एक पर्त बिछाई जाती है और पुरानी बनी लेकिन खराब हो चुकी सड़क की, एक विशेष प्रकार की मशीन से खुदाई करके उस सड़क की पुरानी गिट्टी, पत्थर आदि का उपयोग किया जाता है। अलग से पत्थर, गिट्टी आदि क्रय करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।

ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के मुख्य अभियंता वीरपाल सिंह राजपूत बताते हैं कि इस तकनीक के दूरगामी और सफल परिणाम हासिल होंगे और सड़कों के निर्माण के क्षेत्र में यह तकनीक एक नई क्रांति की जनक साबित होगी। कई प्रदेशों के सड़कों के निर्माण से जुड़े विशेषज्ञ व अधिकारी यूपी में बनी सड़कें देखने आ रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.