RTO से अब सीधे नहीं मिलेगा ड्राइविंग लाइसेंस, दलाली व VIP कल्चर पर फुल स्टॉप
इस नई व्यवस्था में अब पूरे प्रदेश में रोज बनने वाले करीब 6000 डीएल परिवहन आयुक्त कार्यालय में ही प्रिंट होंगे।
लखनऊ(जेएनएन)। परिवहन विभाग ड्राइविंग लाइसेंस व्यवस्था में बड़ा बदलाव करने जा रहा है। समय से लाइसेंस घर न पहुंचने और तमाम प्रयासों के बाद भी दलालों पर प्रभावी नकेल न होते देख विभाग अब लाइसेंस की प्रिंटिंग व्यवस्था आरटीओ से बंद करने जा रहा है। अब इनकी प्रिंटिंग परिवहन आयुक्त कार्यालय ये तय की गई कंपनी करेगी। पैन कार्ड की तरह यह केंद्रीयकृत व्यवस्था नवंबर से पूरे प्रदेश के लिए लागू की जाएगी। इसके लिए प्रदेश सरकार के ई-टेंडर पोर्टल के माध्यम से निजी वेंडर बुलाए जा रहे हैं।
टेंडर के लिए व्यवस्था आज से खुल गई है। आने वाले वेंडर का काम स्मार्ट कार्ड लाइसेंस की न केवल प्रिंटिंग करना बल्कि उन्हें घर तक पहुंचाने का जिम्मा भी होगा। दस दिन में घर तक लाइसेंस पहुंचाना अनिवार्य होगा। लेट होने पर दस रुपये रोज की पेनाल्टी की व्यवस्था भी रखी गई है। इसकी सीधी मॉनीटरिंग परिवहन आयुक्त कार्यालय से की जाएगी।
इस नई व्यवस्था में अब पूरे प्रदेश में रोज बनने वाले करीब 6000 डीएल परिवहन आयुक्त कार्यालय में ही प्रिंट होंगे। लाइसेंस बनते ही मोबाइल पर एसएमएस आएगा। अगर डीएल नहीं मिला तो आवेदक को कॉल सेंटर फोन करने की व्यवस्था भी दी जाएगी। दरअसल स्मार्ट कार्ड में डीएल जारी करने की जिम्मेदारी कार्यदायी संस्था निक्सी के पास है। सात नवंबर को कंपनी का अनुबंध खत्म हो रहा है। इसके पहले टेंडर प्रक्रिया को पूरा कर इस नई व्यवस्था को लागू किया जाना है। परिवहन विभाग ने गुरुवार 96 पेज का नया टेंडर वेबसाइट पर शर्तों के साथ अपलोड कर दिया है। 11 अक्टूबर अंतिम तारीख है। नया टेंडर प्राप्त करने वाली कंपनी इस नई व्यवस्था को आगे बढ़ाएगी।
क्या कहते हैं अफसर
परिवहन आयुक्त पी. गुरू प्रसाद का कहना है कि ऑनलाइन आवेदन, टेस्ट और डीएल अप्रूवल समेत गिने चुने कार्य पूरे करने के बाद बाकी कार्य कंपनी करेगी। किसी भी हालत में लाइसेंस सीधे हाथ में नहीं दिया जाएगा। पैन कार्ड की तरह विशेष लिफाफे में आवेदक के घर डीएल पहुंचाया जाएगा। फार्म के साथ टिकट लगाए जाने वाली प्रथा पर रोक लगेगी।
यह भी जानें
- संभागीय परिवहन कार्यालयों से लाइसेंस प्रिंटिंग की व्यवस्था होगी खत्म।
- पैन कार्ड की तरह विशेष लिफाफे से घर भेजा जाएगा लाइसेंस।
- दस दिन में पहुंचाना होगा लाइसेंस।
- न पहुंचने पर प्रतिदिन कंपनी को देना होगा दस रुपये रोज का जुर्माना।
- दलाली व वीआइपी कल्चर खत्म कर आवेदकों को राहत देने की कोशिश।
- नई व्यवस्था सात नवंबर से लागू होने के आसार।
- परिवहन विभाग ने गुरुवार को 96 पेज का टेंडर अपलोड किया।