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    इस सप्ताह से शुरू हो सकती है RTE में आवेदन प्रक्रिया, ये जरूरी दस्तावेज तैयार रखें अभिभावक

    Updated: Tue, 02 Dec 2025 02:00 AM (IST)

    आरटीई के तहत निजी स्कूलों में प्री-नर्सरी और कक्षा एक में निश्शुल्क प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया इस सप्ताह शुरू हो सकती है। इस बार प्रक्रिया मे ...और पढ़ें

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    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। निश्शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के तहत निजी विद्यालयों में प्री-नर्सरी और कक्षा एक में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया इस सप्ताह शुरू हो सकती है। पिछले शैक्षिक सत्र की तुलना में इस बार देरी हुई है, जबकि कई निजी स्कूल पहले ही प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर चुके हैं।आरटीई के तहत 25 प्रतिशत निश्शुल्क प्रवेश की व्यवस्था के लिए इस माह आवेदन प्रक्रिया शुरू होने की तैयारी है।

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    आरटीई पोर्टल पर स्कूलों की मैपिंग पूरी कर ली गई है और अब बेसिक शिक्षा विभाग इस सप्ताह आवेदन प्रक्रिया शुरू कर सकता है। शासनादेश के अनुसार आरटीई आवेदन की समय-सारणी शैक्षिक सत्र शुरू होने से चार महीने पहले जारी होनी चाहिए। अप्रैल से नया सत्र शुरू होगा, ऐसे में दिसंबर में प्रक्रिया शुरू किया जाना आवश्यक है। पिछले वर्ष आवेदन की पहली चरण की शुरुआत एक दिसंबर को ही हो गई थी, लेकिन इस बार कुछ तकनीकी व प्रशासनिक कारणों से देरी हुई है।

    चार चरणों में  स्वीकार किए गए थे आवेदन

    पिछले सत्र में चार चरणों में आवेदन स्वीकार किए गए थे और इस बार भी चरणवार लाटरी के माध्यम से प्रवेश आवंटन किया जाएगा। एनआइसी ने पोर्टल पर यह सुविधा दे दी है कि लाटरी के बाद संबंधित स्कूल अपने लागिन से आवंटित बच्चों के सभी दस्तावेज आनलाइन देख सकेंगे। अभिभावकों को चाहिए कि वे आवेदन शुरू होने से पहले आधार कार्ड (बच्चे और अभिभावक), आय प्रमाणपत्र, जाति प्रमाणपत्र और अन्य आवश्यक दस्तावेज तैयार रखें, ताकि आवेदन में कोई बाधा न आए।इस बार प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है।

    यदि कोई निजी विद्यालय आरटीई के तहत प्रवेश देने से मना करता है, तो उसे आनलाइन पोर्टल पर कारण दर्ज करना होगा। बिना उचित कारण के प्रवेश न देने पर संबंधित स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ऐसे विद्यालयों की सूची जिलाधिकारी को भेजेंगे और अनुमोदन के बाद उस विद्यालय की मान्यता रद तक की जा सकती है। लक्ष्य है कि सभी पात्र बच्चों को समय पर प्रवेश मिले और निजी विद्यालय 25 प्रतिशत आरक्षित सीटों का सही पालन करें।