Move to Jagran APP

हवाला के जरिए बांग्लादेश में अपनों को रकम भेज रहे रोहिंग्या, यूपी में ठिकाना दिलाने का भी चल रहा खेल

जिन रोहिंग्या की घुसपैठ को लेकर कई देशों में हलचल मची हुई है वे बांग्लादेश के रास्ते सीमा लांघने के बाद यूपी में जड़ें जमाने का प्रयास कर रहे हैं। संतकबीरनगर से फर्जी दस्तावेजों के साथ पकड़े गए रोहिंग्या अजीजुल ने एटीएस की पूछताछ में ऐसे कई राज उगले हैं।

By Umesh Kumar TiwariEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 07:00 AM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 07:22 PM (IST)
हवाला के जरिए बांग्लादेश में अपनों को रकम भेज रहे रोहिंग्या, यूपी में ठिकाना दिलाने का भी चल रहा खेल
रोहिंग्या हवाला नेटवर्क के जरिए ही म्यांमार और बांग्लादेश में अपनों को रकम तक भेज रहे हैं।

लखनऊ [आलोक मिश्र]। जिन रोहिंग्या की घुसपैठ को लेकर कई देशों में हलचल मची हुई है, वे बांग्लादेश के रास्ते सीमा लांघने के बाद उत्तर प्रदेश में अपनी जड़े जमाने का प्रयास कर रहे हैं। संतकबीरनगर से फर्जी दस्तावेजों के साथ पकड़े गए रोहिंग्या अजीजुल हक ने आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) की पूछताछ में ऐसे कई राज उगले हैं, जिनके सामने आने के बाद पुलिस ने कई जिलों में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। रोहिंग्या की हवाला नेटवर्क में भी पैठ जम चुकी है और वे हवाला के जरिए ही म्यांमार और बांग्लादेश में अपनों को रकम तक भेज रहे हैं। केवल इतना ही नहीं, रोहिंग्या से मोटा कमीशन वसूलकर उन्हें बांग्लादेश के रास्ते घुसपैठ कराकर सूबे में ठिकाना दिलाने का खेल भी चल रहा है।

loksabha election banner

एटीएस ने संतकबीरनगर से फर्जी दस्तावेजों के साथ पकड़े गए रोहिंग्या अजीजुल हक के मोबाइल फोन के डाटा का विश्लेषण भी किया है। अब तक की जांच में सामने आया है कि रोहिंग्या बांग्लादेश के रास्ते भारत में बसीरहाट सीमा के रास्ते घुस रहे हैं। यहां इच्छामती नदी के रास्ते रोहिंग्या देश की सरहद में प्रवेश करते हैं। आशंका जताई जा रही है कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में करीब तीन हजार रोहिंग्या अपनी पहचान बदलकर रह रहे हैं।

एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार संयुक्त राष्ट्र का रिफ्यूजी कार्ड लेने वाले रोहिंग्या की संख्या सीमित है। घुसपैठ करने वाले रोहिंग्या बड़ी संख्या में यहां अपने समुदाय के बीच कुछ दिनों तक रहने के बाद उनसे अलग हो जाते हैं। इसके बाद मुस्लिम आबादी वाले क्षेत्रों में किराये का मकान लेकर रहने लगते हैं, जिसके बाद उनका जन्म प्रमाण पत्र समेत अन्य फर्जी दस्तावेज बनवाने का खेल शुरू होता है।

कुछ पढ़े लिखे रोहिंग्या युवक हिंदी व उर्दू आसानी से बोल व पढ़ लेते हैं। अजीजुल ने पूछताछ में रोहिंग्या के संतकबीनगर, सिद्धार्थनगर, अलीगढ़ और मेरठ में रहने की बात भी सामने आई है। यहां आ चुके रोहिंग्या आपस में एक-दूसरे के संपर्क में रहते हैं और घूम-घूमकर चंदा जुटाने का प्रयास करते हैं।

सूत्रों का कहना है कि संतकबीरनगर से फर्जी दस्तावेजों के साथ पकड़े गए रोहिंग्या अजीजुल हक ने कई रोहिंग्या को कमीशन लेकर भारत लाने की बात भी स्वीकार की है। उसका बहनोई नूर आलम भी इस नेटवर्क से जुड़ा था। संतकबीरनगर में रहने के दौरान अजीजुल्ला के नाम से दो पासपोर्ट बनवाने के बाद अजीजुल ने बांग्लादेश व सऊदी अरब की यात्राएं की थीं। उसके पांच बैंक खातों में रकम भी जमा कराई गई। यही वजह है कि एटीएस रोहिंग्या के इस गहराते नेटवर्क के पीछे टेरर फंडिंग के तार भी खंगाल रही है।

आशंका यह भी है कि यूपी में करीब तीन हजार रोहिंग्या अपनी पहचान बदलकर रह रहे हैं। एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि अजीजुल हक से पूछताछ में सामने आए तथ्यों के आधार पर कई जिलों में अवैध ढंग से रहे रोहिंग्या को चिन्हित करने के निर्देश दिए गए हैं। कई बिंदुओं पर अभी छानबीन चल रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.