रोबोटिक्स टेक्नोलॉजी से मुख्यधारा में शामिल होंगे दिव्यांग
- डॉ शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विवि में राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन - विवि व एकेटीयू के बीच
- डॉ शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विवि में राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन
- विवि व एकेटीयू के बीच साइन होगा एमओयू
जागरण संवाददाता, लखनऊ: दिव्यांगों के सशक्तीकरण के लिए नई टेक्नालॉजी का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। इससे उन्हें मुख्यधारा में जोड़ने में मदद मिलेगी। चौथी औद्योगिक क्रांति में रोबोटिक्स जैसी नई टेक्नालॉजी से मानव एवं मशीन के बीच फर्क खत्म हो रहा है। यह कहना था डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक का।
बुधवार को डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के दृष्टिबाधित विभाग ने 'दिव्यांगजन अधिकार कानून-2016 विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन हुआ। प्रो. विनय ने कहा कि दिव्यांगों को सहायक उपकरण मुहैया कराने में आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस मददगार साबित हो सकती है। प्राविधिक एवं पुनर्वास विश्वविद्यालय को इस ओर साझा प्रयास करना होगा।
डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के कुलपति ने प्रो. निशीथ राय ने कहा कि नए अधिनियम में दिव्यांगता की कैटेगरी में तीन गुना वृद्धि हुई है। इसलिए जरूरी है कि सरकार, शैक्षिक संस्थाएं एवं गैर सरकारी संस्थाएं मिलजुल कर काम करें। नए एक्ट के प्रावधानों को लागू करने के लिए जरूरी है कि राज्य और स्थानीय स्तर पर जागरूकता पैदा हो। उन्होंने इस कार्यशाला का यही उद्देश्य बताया। इंजीनिय¨रग एवं टेक्नोलॉजी संकाय की स्थापना दिव्यांगों की पढ़ाई को ध्यान में रखकर की गई है। रिहैबिलिटेशन इंजीनियरिंग के क्षेत्र में शोध को बढ़ावा देने के लिए जल्दी ही पुनर्वास एवं प्राविधिक विश्वविद्यालय एमओयू करेंगे। इस दौरान प्रो. आरआर सिंह, भारतीय पुनर्वास परिषद के पूर्व सदस्य सचिव डॉ. जेपी सिंह, प्रो. एसआर मित्तल, डॉ. विजय शकर, डीन एकेडमिक्स प्रो. एपी तिवारी, कुलसचिव अखिलेंद्र कुमार, डीएसडब्ल्यू प्रो. वीके सिंह समेत कई लोग मौजूद रहे।