यूपी रोडवेज कर्मियों ने सरकार को दी चेतावनी, मांगें पूरी न होने पर बड़े आंदोलन की तैयारी
लंबित मांगों को लेकर रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने मंगलवार को कैसरबाग बस स्टेशन पर धरना प्रदर्शन किया। धरना प्रदेश के अलग-अलग डिपो में किया गया। पांच सूत्रीय मांगे उठाते हुए कर्मचारी नेताओं ने सरकार को चेतावनी देते हुए आरपार की लड़ाई का एलान किया।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। लंबित मांगों को लेकर रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने मंगलवार को कैसरबाग बस स्टेशन पर धरना प्रदर्शन किया। धरना प्रदेश के अलग-अलग डिपो में किया गया। पांच सूत्रीय मांगे उठाते हुए कर्मचारी नेताओं ने सरकार को चेतावनी देते हुए आरपार की लड़ाई का एलान किया। धरना प्रदर्शन में जुटी कर्मचारियों की भीड़ को संबोधित करते हुए प्रदेश महामंत्री गिरीश मिश्रा ने कहा कि यह शुरुआत है।
प्रदेश के सभी 20 क्षेत्रीय मुख्यालयों पर रोडवेज कर्मियाें ने धरना देकर आक्रोश जताया। उन्होंने कहा कि कर्मियों की मांगों को शासन व निगम प्रबंधन नजरअंदाज कर रहा है। उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। कर्मचारियों के सामने अब मजबूरी है। अपनी मांगो को लेकर कर्मी निर्णायक लड़ाई का मन बना चुका है। कार्यक्रम की अध्यक्षता क्षेत्रीय अध्यक्ष जेपी तिवारी ने की।
वेतन कटाैती और डीजल चोरी की रिकवरी का भी विरोधः क्षेत्रीय मंत्री राजकुमार ने कहा कि अनुचित तरीके से कर्मचारियों की डीजल रिकवरी के नाम पर वेतन कटौती की जा रही है। डिपो में स्पेयर पार्ट्स की कमी है। कर्मचारियों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। धरना प्रदर्शन में संविदा कर्मचारी संघर्ष यूनियन के महामंत्री कन्हैया लाल पांडेय, परिषद के शाखाध्यक्ष सुरेश वर्मा आदि मौजूद रहे।
कर्मचारियों की मांगे
- महंगाई भत्ते की बकाया किश्तों का भुगतान अविलंब हो।
- 31 दिसंबर 2001 तक के संविदा कर्मियों को नियमित करा जाए।
- वेतन विसंगतियां दूर कर मृतक आश्रितों की नियुक्ति पर विचार हो।
- आउटसोर्सिंग कार्मिकों काे न्यूनतम मजदूरी दी जाए।
- नई बसें खरीदने व मार्गों के राष्ट्रीयकरण के प्रस्ताव पर मंजूरी दी जाए।