उत्तर प्रदेश में सड़क हादसे आज तो नहीं रुके, शायद कल बंद हो जाएं
सीएम योगी आदित्यनाथ ने 28 अप्रैल को सड़क सुरक्षा के इंतजाम को लेकर बैठक की तो लापरवाही उजागर हुई इसके बाद निर्देश दिए तो फिर लापरवाही उजागर हुई।
लखनऊ (जेएनएन)। इलाहाबाद, बरेली, जालौन, लखनऊ, इटावा, बस्ती, फतेहपुर समेत यूपी के ज्यादातर जिले आज छोटे या बड़े सड़क हादसे के साक्षी बने। यह कोई नई बात नहीं है। हर दिन हादसे में किसी न किसी की मौत की खबर आती ही रहती है। हाईवे किनारे खड़े ट्रक में बस का घुसना, खाई में गिर जाना, गड्ढे से गुजरकर पलट जाना, ब्लैक स्पॉट्स को बंद न होना और स्कूली वाहनों का गैरमानक होना जैसे कई कारण सामने आए। सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का उत्तर प्रदेश सरकार का अभियान विफल नजर आता है। जानकारी के मुताबिक सड़क दुर्घटना का कारण बने ब्लैक स्पॉट्स को भरने में अफसर घोर लापरवाही बरत रहे हैं।
आज के ताजा सड़क हादसे
- इलाहाबाद में कार पलटने से चार स्नानार्थियों की मौत
- जालौन में कार-ट्रक में टक्कर में बाल-बाल बचे रिटायर्ड जीएम
- रायबरेली हाईवे पर कार की टक्कर से बीटेक छात्र की मौत
- बरेली में वॉल्वो बस पलटने से मां-बेटे की मौत
- इटावा में तंबू में सोते बच्चों-महिलाओं पर चढ़ा पुलिस वाहन
- फतेहपुर में ट्रक-बस भिड़ने पर परिचालक समेत तीन की मौत
- बस्ती में दुर्घटना के बाद हाईवे पर लगा जाम, मंत्री फंस गए
बंद नहीं मौत के 1057 ब्लैक स्पॉट्स
दरअसल, उप्र की सड़कों पर दुर्घटना का कारण बने 1057 ब्लैक स्पॉट्स को बंद करने में अफसर लापरवाह साबित हुए हैं। दस माह पहले जारी निर्देश के बाद जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 28 अप्रैल को सड़क सुरक्षा के इंतजाम को लेकर बैठक की तो अफसरों की लापरवाही उजागर हुई। पता चला कि सड़क दुघर्टना का कारण बने ब्लैक स्पॉट्स को दूर करने में सड़क निर्माण से जुड़ी एजेंसियां नाकाम साबित हुईं। मुख्यमंत्री की नाराजगी के बाद 15 दिन में 1057 ब्लैक स्पॉट्स को दूर करने का लक्ष्य रखा गया है। वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश में 1273 ब्लैक स्पॉट्स चिह्नित किए गए थे, लेकिन इस अवधि में 216 को ही सुधारा गया।
10 माह पहले भी हुई थी बैठक
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली उत्तर प्रदेश राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक 28 जून, 2017 को हुई थी। उसमें कई विभागों को सड़क सुरक्षा से जुड़े इंतजाम करने को कहे गए थे। बैठक में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की तरफ से जारी निर्देश के तहत लोकनिर्माण विभाग, एनएचएआइ, यमुना एक्सप्रेस-वे, विकास प्राधिकरण, यूपी औद्योगिकी एक्सप्रेस-वे डेवलेपमेंट अथॉरिटी, आवास विकास परिषद और नगर निगम की तरफ से उत्तर प्रदेश में 1273 ब्लैक स्पॉट्स होने की रिपोर्ट दी गई थी। इस पर ये ब्लैक स्पॉट्स को सुधारने के निर्देश दिए गए थे।
अब ऐसा करना होगा
- स्कूल, अस्पताल और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जेब्रा लाइन बनाई और पालन कराइ जाएगी।
- सभी मार्गों पर स्कूल, अस्पताल ग्राम, बाजार, भीड़भाड़ वाले स्थानों के सांकेतिक बोर्ड लगेंगे।
- गति सीमा को नियंत्रित करने का इंतजाम होगा, इसके लिए संकेतक बोर्ड भी लगाए जाएंगे।
- सभी सड़क निर्माण एजेंसियां दुर्घटना बाहुल्य वाले क्षेत्र चिह्नित कर सावधानी बोर्ड लगाएंगी।
- संकेतक वाले बोर्ड पर निकटतम थाना, स्वास्थ्य केंद्र, एंबुलेंस नंबर भी दर्ज करना होगा।
- ब्लैक स्पॉट्स को सुधारने के बाद पहले और बाद की फोटो लगानी होगी।