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वाहन चालकों की गलती से होते हैं 77 फीसद हादसे, पांच साल के इन आकड़ों ने खोली पोल

राजधानी में जनवरी 2018 से 15 सितंबर तक हुए 1131 हादसे। मरने वालों में 46.6 फीसद 18-45 वर्ग के लोग होते हैं।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sun, 18 Nov 2018 01:56 PM (IST)Updated: Tue, 20 Nov 2018 08:40 AM (IST)
वाहन चालकों की गलती से होते हैं 77 फीसद हादसे, पांच साल के इन आकड़ों ने खोली पोल
वाहन चालकों की गलती से होते हैं 77 फीसद हादसे, पांच साल के इन आकड़ों ने खोली पोल

लखनऊ, [सौरभ शुक्ला]। देश में प्रति वर्ष हो रहे करीब पांच लाख सड़क हादसे होते हैं। इनमे से 77 फीसद दुर्घटनाओं के जिम्मेदार खुद वाहन चालक होते हैं। मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवे भारत सरकार के आंकड़ों के मुताबिक 32 फीसद हादसे तेज रफ्तार, सीट बेल्ट न लगाने के कारण 18.2 फीसद, हेलमेट न लगाने के कारण 24.3, 1.0 प्रतिशत हादसे खराब मौसम के कारण, 2.1 फीसद मोबाइल पर बात करते समय, 3.2 प्रतिशत नशे में गाड़ी चलाने के कारण हादसे होते हैं।

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इसके अलावा दुर्घटनाओं की अन्य वजह वाहनों की बढ़ती भीड़, खराब सड़कें, गलत रोड इंजीनियरिंग, अवैध कट हैं। राजधानी में 2018 जनवरी से 15 सितंबर तक कुल 1131 दुर्घटनाएं हुई जिसमे 707 लोग घायल हुए और 421 लोगों की मौत हो गई। हादसों में मरने वाले 46.3 प्रतिशत लोग 18-35 आयु वर्ग के थे। जिनपर परिवार की जिम्मेदारी थी। उनकी मौत का दंश जिंदगी भर परिवारीजनों को कचोटता रहेगा।

पांच से 10 मिनट की लेट लतीफी को कवर करने में जाती हैं जानें

एआरटीओ रितु सिंह के मुताबिक शहर के अंदर होने वाले ज्यादातर हादसे पांच से 10 मिनट की लेट लतीफी को कवर करने के चक्कर में होते हैं। यह लोग ऑफिस, व्यवसायिक प्रतिष्ठान एवं स्कूल-कॉलेज जाने वाले एवं डिलीवरी मैन होते हैं, जो जल्दी पहुंचने के चक्कर में फर्राटा भरते हैं। उनके दिमाग में सिर्फ यह होता है कि वह कितनी जल्दी अपने गंतव्य तक पहुंच जाएं। उन्हें अपने और सामने से आ रहे वाहनों की रफ्तार का अंदाजा भी नहीं होता है। आगे चल रहे वाहनों को उल्टे सीधे कट मारते हुए ओवरटेक करते हैं। ऐसी स्थिति में होने वाले 90 प्रतिशत हादसों में लोगों की सांसें थम जाती है या फिर उनका अंग-भंग होता है तो जिंदगी भर का दंश झेलते हैं। महीनों तक बिस्तर पर पड़े रहकर लाखों रुपये इलाज में खर्च करते हैं। अधिकतर ऐसे हादसे सुबह आठ से 11 बजे के बीच होते हैं।

नियमों की अवहेलना हादसों का प्रमुख कारण 

एएसपी ट्रैफिक रवि शंकर निम के मुताबिक वाहन चालकों द्वारा ट्रैफिक नियम का पालन न करने के कारण सबसे अधिक हादसे होते हैं। वाहन चलाते समय चालक विशेष सावधानी बरते ताकि वह सुरक्षित रहें और दूसरों को भी सुरक्षित रखें।

  • 40 से अधिक स्पीड में वाहन न चलाएं।
  • अनटे्रंड लोग वाहन न चलाएं।
  • रात में वाहन चलाते समय लो बीम लाइट का प्रयोग करें। 
  • एकाएक एक पïट्टी से दूसरी पïट्टी की ओर न भागे।
  • दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट और कार चलाते समय सीट बेल्ट का अवश्य प्रयोग करें।
  • एकाएक डिस्क ब्रेक का प्रयोग न करें।
  • वाहन चलाते समय धैर्य बनाएं रखे, किसी से झगड़ा न करें।
  • वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात न करें इधर-उधर न देखें और न ही इयरफोन लगाकर गाने सुनें।
  • चलती हुई गाड़ी की एकाएक खिड़की खोलकर थूकें नहीं।
  • रात के समय सड़क पर वाहन न खड़ा करें। अगर किसी कारण खड़ा भी करना पड़े उसमे यलो लाइट और इंडीकेटर जलाकर रखें।
  • वाहन चलाते समय झपकी न लें, अगर आए तो गाड़ी रोककर ठंडे पानी से मुंह और आंखें धुल लें। 
  • दोपहिया वाहन चलाते समय ब्रेकर आने पर फुटरेस्ट पर थोड़ा खड़े हो जाएं, ताकि कमर में जर्क न लगे।
  • बायें से ओवरेटक न करें।
  • नशे की हालत में वाहन न चलाएं।  

राजधानी में हादसों के प्रमुख कारण

  • गलत रोड इंजीनियङ्क्षरग, सड़कों पर जगह जगह अवैध कट।
  • हाइवे पर स्ट्रीट लाइट का न होना और शहर के अंदर स्ट्रीट लाइट का खराब होना।
  • शहीद पथ पर जगह जगह डिवाइडर के बीच में अवैध कट।
  • नेशनल हाइवे पर अंधे मोड़ का होना।
  • शहर के अंदर सड़कों पर अतिक्रमण और अवैध पार्किंग।
  • चौराहों पर यातायात संकेतकों का न होना।
  • हाइवे पर सतर्कता संकेतक न होना।
  • भारी वाहनों का नो एंट्री में प्रवेश।

अधिकतम दुर्घटना वाले स्थल

राजधानी में अधिकतम दुर्घटना वाले स्थलों में शहीद पथ, समता मूलक चौराहा, पॉलीटेक्निक चौराहा, टेढ़ी पुलिया, सीतापुर रोड पर भिठौली, छठा मील, दुबग्गा, गोमतीनगर में पिकप पुल, आइआइएम रोड, रायबरेली रोड उतरेटिया, फैजाबाद रोड पर कमता तिराहा है। 

राजधानी में पांच साल में हुए हादसे

वर्ष                               हादसों की संख्या    घायल    मृतक 

2014                                  1303             805      546

2015                                  1393             882      580

2016                                  1519             973      652

2017                                 1539             917      642

2018 जनवरी से 15 सितंबर तक     1131             707      421    

क्या कहते हैं अफसर ?

डीआइजी यातायात निदेशालय राजेश मोदक के मुताबिक, 'ट्रैफिक नियम वाहन चालकों की सुरक्षा के मद्देनजर ही बनाए गए हैं। ट्रैफिक नियम का पालन करने से सड़क हादसों में कमी आएगी। इस लिए वाहन चालकों को पूरी तरह से यातायात नियमों का पालन करना चाहिए।''


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