साल 2030 तक सर्वाइकल कैंसर से मुक्ति, लगवाएं HPV वैक्सीन
Cervical Cancer वेबीनार गोष्ठी का आयोजन सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए एचपीवी वैक्सीन लगवाएं।
लखनऊ, जेएनएन। Cervical Cancer : सर्वाइकल कैंसर सर्वाधिक होने वाले तीन कैंसर में से एक है। अच्छी बात यह है कि इससे बचाव के लिए वैक्सीन उपलब्ध है। किशोरियों को इस वैक्सीन की मदद से सर्वाइकल कैंसर से सुरक्षित किया जा सकता है। यही वजह है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सर्वाइकल कैंसर से मुक्ति के लिए वर्ष 2030 का लक्ष्य साधा है। भारत में भी जागरूकता बढ़ रही है। हालांकि, अभी राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में इसे शामिल न किए जाने के कारण इसका प्रसार अधिक नहीं है। लेकिन इसकी उपयोगिता देखते हुए कई राज्यों ने अपने संसाधनों से टीकाकरण की जिम्मेदारी ली है। कई जगह स्वयंसेवी संगठन भी आगे आ रहे हैं।
विश्व कैंसर दिवस के मौके पर मंगलवार को हार्वर्ड टीएच स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ-इंडिया रिसर्च सेंटर, अमेरिकन कैंसर सोसाइटी व कैंसर फाउंडेशन ऑफ इंडिया की ओर से वेबीनार गोष्ठी का आयोजन किया गया। 'क्या भारत को सर्वाइकल कैंसर मुक्त किया जा सकता है? एचपीवी वैक्सीन की भूमिका पर आयोजित परिचर्चा में दिल्ली एम्स की डॉ.नीरजा बाटला ने महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने कहा कि महिलाओं में ब्रेस्ट व सर्वाइकल कैंसर दो प्रमुख कैंसर हैं। अच्छी बात यह है कि सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम वैक्सीन से संभव है।
उन्होंने बताया कि भारत में 84 फीसद सर्वाइकल कैंसर का कारण ह्यूमन पेपीलोमा वायरस (एचपीवी) 16/18 है। बीते वर्ष मई में डब्ल्यूएचओ ने विश्व को एचपीवी मुक्त बनाने की पहल शुरू की। लक्ष्य वर्ष 2030 का साधा गया है। डॉ. बाटला ने बताया कि निर्धारित लक्ष्य के अनुसार 15 साल तक की 90 फीसद लड़कियों को वैक्सीन से कवर करना है। 35 से 45 वर्ष की 70 फीसद महिलाओं की स्क्रीनिंग की जानी है और सर्वाइकल कैंसर से पीडि़त 90 फीसद महिलाओं का इलाज किया जाना है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2030 तक सर्वाइकल कैंसर से होने वाली मृत्यु में 3.4 से 30 फीसद की कमी लाने का उद्देश्य है।
इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जरूरी है कि ज्यादा से ज्यादा जागरूकता लाई जाए। डॉ. बाटला ने एक सवाल के जवाब में कहा कि फिलहाल एचपीवी वैक्सीन को सरकार ने राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल नहीं किया है। कोशिश जारी है। संभव है कि अगले वर्ष तक कार्यक्रम में शामिल हो जाए। हालांकि, कई राज्य अपने बजट से वैक्सीन लगवा रहे हैं। कई स्वयंसेवी संगठनों ने भी हाथ बढ़ाए हैं। भारतीय वैक्सीन आने के बाद इसका प्रसार बढ़ेगा। इस अवसर पर कैंसर सर्वाइवर संगीता ने भी अपने अनुभव साझा किए व वैक्सीन की लगवाने की वकालत की।