सीएम योगी आज लखनऊ में करेंगे लखनऊ मंडल की समीक्षा
सीएम योगी आदित्यनाथ लखनऊ में जिलाधिकारी कार्यालय के डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम सभागार में 11:30 बजे से लखनऊ मंडल के जिलों की समीक्षा करेंगे। मुख्यमंत्री समीक्षा बैठक करेंगे।
लखनऊ (जेएनएन)। प्रदेश में हर मंडल के विकास कार्य तथा कानून-व्यवस्था की समीक्षा के क्रम में आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ में अधिकारियों के पेंच कसेंगे। सीएम योगी आदित्यनाथ लखनऊ मंडल के जिलों की समीक्षा लखनऊ में करेंगे।
लखनऊ में जिलाधिकारी कार्यालय के डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम सभागार में मुख्यमंत्री 11:30 बजे से समीक्षा बैठक करेंगे। जिले तथा मंडल के दौरे में सीएम योगी आदित्यनाथ खुद विभागों का दौरा कर वहां की कार्य प्रणाली के साथ ही साथ साफ-सफाई की जांच कर रहे हैं। इसके चलते अधिकारी पसीना-पसीना रहते हैं। लखनऊ में आज अधिकारियों में सुबह से ही खलबली मची है।
आलाधिकारी हरकत में आ गए हैं। सीएम के दौरे की पहले से ही प्रशासनिक अधिकारियों को भनक थी। इसके चलते दो दिन पहले से ही कलेक्ट्रेट परिसर को चमकाया गया। मुख्यमंत्री कल सीडीआरआई गए थे, वहां उन्हें सबकुछ ठीक ठाक मिला था। सीएम के दौरे के चलते अधिकारियों को रात में ठीक से नींद तक नहीं आई वह सुबह से ही डेरा जमाये बैठे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज उन्नाव के साथ सीतापुर, हरदोई, लखीमपुर खीरी, तथा लखनऊ जिले की समीक्षा करेंगे। इस दौरान जहां कानून व्यवस्था का मुद्दा प्रमुख होगा वहीं विकास योजना और कार्यक्रमों की कसौटी पर भी अफसरों को कसा जाएगा। राजधानी सहित मंडल के आधा दर्जन जिलों की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री के कलाम सभागार में 12 बजे पहुंचने का प्रोग्राम है। सीएम करीब पांच घंटे तक जिलों की बारी-बारी से समीक्षा करेंगे। अब तक जिन मंडलों की समीक्षा हुई उसमें सीएम ने कानून-व्यवस्था और विकास से जुड़ी योजना और कार्यक्रमों पर अधिकारियों की खबर ली है।
जाहिर है राजधानी होने के नाते लखनऊ में लॉ एंड ऑर्डर सबसे बड़ी चुनौती है। बीते दिनों में जिस तरह लखनऊ के अलावा आसपास जिलों खासकर सीतापुर में घटना हुई, उससे सरकार भी सकते हैं। ऐसे में समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री पुलिस और प्रशासन से घटनाओं के बाबत सवाल कर सकते हैं।
मंडलायुक्त अनिल गर्ग के अलावा डीएम कौशल राज शर्मा के अलावा आईजी रेंज जय नरायन सिंह के अलावा तमाम आलाधिकारी तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगे रहे। सभी अफसरों का सबसे अधिक फोकस स्वच्छता और यातायात को लेकर रहा।
केवल दस गांव ही ओडीएफ
पीएम से लेकर सीएम तक स्वच्छता और खुले में शौच बंद करने को लेकर लगातार निर्देश दे रहे हैं, इसके बावजूद स्थिति में सुधार कम ही नजर आ रहा है। राजधानी का हाल तो बहुत बुरा है। यहां पर 570 ग्राम पंचायतों के करीब 900 गांवों में से केवल दस गांव अब तक खुले में शौच मुक्त घोषित किए जा सके हैं।
जनशिकायतों पर फिसड्डी
बीते माह में ही सीएम के आईजीआरएस की समीक्षा के बाद डीएम और एसएसपी से स्पष्टीकरण मांगा जा चुका है। शिकायतों के निस्तारण के मामले में लखनऊ पूरे प्रदेश में सबसे खराब दस जिलों में शामिल किया गया। जाहिर है बीते कुछ महीनों से राजधानी सहित पूरे मंडल में जनशिकायतों के निस्तारण की प्रगति काफी सुस्त रही। परसों तक ही एक हजार से अधिक आईजीआरएस के मामले लंबित थे। ऐसा ही कुछ हाल तहसील दिवस पर दर्ज शिकायतों का है।
16 हजार से अधिक घटनाएं
लखनऊ मंडल की कानून व्यवस्था भी घेरे में हैं। एक जनवरी 17 से अब तक मंडल में कुल 16664 घटनाएं दर्ज की गई हैं। इनमें 181 घटनाएं हत्या की हैं। 401 घटनाएं आर्म्स एक्ट में दर्ज हुई हैं जबकि 160 लूट की घटनाएं दर्ज की गयीं। 2131 वाहन चोरी के मामले दर्ज किए गए। इस दौरान 641 लोग गिरफ्तार किए गए।
समीक्षा के मुख्य बिंदु
कानून व्यवस्था की स्थिति, जघन्य अपराधों-सनसनीखेज वारदातों की समीक्षा, आईजीआरएस का हाल, तहसील दिवस की समीक्षा, आपदा राहत राशि का भुगतान, विकास योजनाओं और कार्यक्रमों की प्रगति, शिक्षा, पेयजल, सिंचाई, शौचालयों की स्थिति, स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति, सामान्य साफ-सफाई, गेंहू और आलू की क्रय की स्थिति, ग्रामों में विद्युतीकरण का हाल तथा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना।