PhD प्रवेश परीक्षा के परिणाम जारी, 519 सीटों पर होंगे दाखिले
519 सीटों पर दाखिले का फैसला किया गया। 15 मार्च से शुल्क जमा करने को लेकर भी लिंक जारी कर दिया।
लखनऊ, जेएनएन। लविवि में पीएचडी प्रवेश परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया गया है। सीटों को लेकर माहभर से चल रहे मंथन पर भी विराम लग गया। लूटा के विरोध के बावजूद सिर्फ दो सीटों का ही इजाफा हुआ। कुल 519 सीटों पर दाखिले का फैसला किया गया।
लखनऊ विश्व विद्यालय ने गुरुवार को वेबसाइट पर पीएचडी प्रवेश परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया। वहीं माहभर सीटों पर चले मंथन के बाद सीटें भी तय कर दी गई। साथ ही 15 मार्च से शुल्क जमा करने को लेकर भी लिंक जारी कर दिया।
पीएचडी की सीटों को लेकर लखनऊ विश्व विद्यालय शिक्षक संघ (लूटा) ने आपत्ति जताई। इसमें लविवि प्रशासन पर मनमानी तरीके से सीटें निर्धारित करने का आरोप लगाया था। आरोप था कि पीएचडी के विज्ञापन के समय 642 सीटें निर्धारित की गईं। इसके बाद 517 सीटें कर दीं गईं। वहीं लूटा 2018 के ऑर्डिनेंस के आधार पर सीटें तय करने की मांग कर रहा था। इसके चलते परिणाम भी फंसा रहा।
रिटायर हो रहे शिक्षकों को शर्त के साथ मिलेंगी सीट
लविवि में तीन साल के अंदर सेवानिवृत्त हो रहे प्रोफेसरों को भी पीएचडी की सीटें आवंटित की गई हैं। ऐसे करीब 15 से 16 शिक्षक हैं। इन सभी प्रोफेसरों को पीएचडी सीटों के लिए शर्त पूरी करनी होगी। उन्हें सेवानिवृत्त होने के बाद विद्यार्थी किसके अंडर में अपनी पीएचडी पूरी करेगा। यह लिखकर देना होगा। .
जेआरएफ अभ्यर्थियों को एक ही दिन का मौका
पीएचडी परिणाम जारी होने के बाद जेआरएफ अभ्यर्थियों को फीस जमा करने के लिए एक दिन का मौका मिलेगा। यह वह छात्र हैं जिन्होंने यूजीसी की नेट परीक्षा की मेरिट में स्थान बनाया है और उन्हें यूजीसी के ओर से स्कॉलरशिप मिलना है। वहीं अन्य 15 से 23 मार्च तक फीस जमा कर सकेंगे।
एक नजर में पीएचडी प्रवेश
- पीएचडी में कुल आवेदन करने वाले अभ्यर्थी : 6,950
- पीएचडी लिखित प्रवेश परीक्षा में शामिल अभ्यर्थी : 5,964
- पीएचडी साक्षात्कार में शामिल अभ्यर्थी : 4,103
- पीएचडी में कुल पास अभ्यर्थी : 3,350
- पीएचडी के लिए शामिल विषय : 45
- पीएचडी एडमिशन के लिए कुल तय सीटें : 519