आरक्षण विरोधियों और समर्थकों ने बनाया राज्य सरकार पर दबाव, दी चेतावनी
पदोन्नति में आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद विरोधियों और समर्थकों ने राज्य सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है।
लखनऊ (जेएनएन)। पदोन्नति में आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद विरोधियों और समर्थकों ने राज्य सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को आरक्षण का विरोध कर रही सर्वजन हिताय संरक्षण समिति ने राष्ट्रीय सम्मेलन में सरकार को चेतावनी दी कि यदि इस दिशा में कोई फैसला किया गया तो राज्यकर्मी बिना नोटिस लाइटिनिंग हड़ताल पर चले जाएंगे। इसके साथ ही संसद के शीतकालीन सत्र में दिल्ली में रैली करने का भी निर्णय किया गया।
सर्वजन हिताय सम्मेलन
राजधानी के गन्ना संस्थान प्रेक्षागृह में हुए सर्वजन हिताय संरक्षण समिति के राष्ट्रीय सम्मेलन में कई राज्यों से बड़ी संख्या में लोग जुटे। वक्ताओं ने पदोन्नति में आरक्षण और एससी-एसटी एक्ट को सामाजिक समरसता के लिए जहर बताया और कहा कि सरकार वोट की राजनीति में मदांध हो चुकी है। मुख्य अतिथि पूर्व पुलिस महानिदेशक एमसी द्विवेदी ने कहा कि सरकारी नौकरियों में ज्येष्ठता व श्रेष्ठता के सर्वमान्य सिद्धांत का पालन किया जाना चाहिए। समिति के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे ने चेतावनी दी कि सरकार यदि इस बारे में कोई फैसला लेती है तो करो या मरो की भावना से राष्ट्रव्यापी संघर्ष किया जाएगा।
जनांदोलन का निर्णय, हड़ताल की चेतावनी
सम्मेलन में एससी-एसटी एक्ट और पदोन्नति में आरक्षण के विरोध में प्रस्ताव पारित कर इसके खिलाफ व्यापक जनांदोलन चलाने का निर्णय लिया गया। यह चेतावनी भी दी गई कि यदि सरकार इसके लिए कोई आदेश करती है तो कर्मचारी शिक्षक और अधिकारी हड़ताल शुरू कर देंगे। दिल्ली रैली से पूर्व प्रदेश में जागरूकता रथ निकालकर सरकार की नीयत का पर्दाफाश करने का फैसला भी लिया गया। समिति के समर्थन में राजधानी के कई गणमान्य लोग भी सम्मेलन में पहुंचे।
देश के कई राज्यों का प्रतिनिधित्व
इनमें पूर्व पुलिस महानिदेशक यशपाल सिंह, पूर्व आयकर आयुक्त गिरीश नारायण पांडेय, एयर मार्शल आरके दीक्षित, भोजपुरी समाज के अध्यक्ष प्रभुनाथ राय और ऑल इंडिया मुस्लिम मोर्चा के अध्यक्ष वसीम सिद्दीकी थे।सम्मेलन को मध्य प्रदेश से आए डा. एसके तोमर, राजस्थान से पाराशर नारायण शर्मा, कर्नाटक से एल रवि, आंध्र प्रदेश से के श्रीनिवास, तेलंगाना से सैयद नसीरुल हक, हरियाणा से बलबीर सिंह, उत्तराखंड से पीएल रतूड़ी, दिल्ली से संतोष राय, पंजाब से बल्देव शर्मा, छत्तीसगढ़ से एपी सिंह, हिमाचल प्रदेश से भूतेश्वर चौहान ने संबोधित किया।
समर्थकों ने पदयात्रा निकालकर दिखाई ताकत
पदोन्नति में आरक्षण के लिए सरकार पर दबाव बनाने में समर्थक भी पीछे नहीं रहे और उन्होंने पदयात्रा निकालकर अपनी ताकत का अहसास कराया। आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले हुए इस पैदल मार्च में भी बड़ी संख्या में समर्थक जुटे। इस दौरान उन्होंने चेतावनी दी कि यदि दलित समाज की बात नहीं सुनी गई तो 2019 में भाजपा को वोट नहीं दिया जाएगा। समिति नवंबर में लखनऊ में एक रैली भी करेगी।
एससी-एसटी एक्ट पर कुठाराघात रोकने की मांग
पदोन्नति में आरक्षण के लिए संविधान में संशोधन का लंबित बिल पास करने, उत्तर प्रदेश में रिवर्ट किए गए दलित कार्मिकों को उनके पदों पर बहाल करने एससी-एसटी एक्ट पर हो रहे कुठाराघात को रोकने आदि मांगों को लेकर आरक्षण समर्थक शुक्रवार को डा. भीमराव अंबेडकर स्मारक, गोमती नगर पर जुटे और नारेबाजी करते हुए चार किमी तक पैदल मार्च किया।
दलित सांसद चुप्पी तोड़ो, अपने समाज से नाता जोड़ो
संघर्ष समिति के संयोजक अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि अपनी मांगों पर जोर देने के लिए एक से 15 अक्टूबर तक सभी आरक्षित सीट के सांसदों के क्षेत्रों में दलित सांसद चुप्पी तोड़ो, अपने समाज से नाता जोड़ो अभियान चलाया जाएगा। नवंबर के अंत में लखनऊ में आरक्षण समर्थकों की एक बड़ी रैली का आयोजन किया जाएगा। दिसंबर में सभी जिलों में जागरूकता अभियान चलाकर एससी-एसटी एक्ट का विरोध करने वाले नेताओं को वोट नहीं देने का अभियान चलाया जाएगा।